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उत्तर प्रदेश

कौन था माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी, कैसे बन गया जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह

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यूपी का मोस्ट वॉन्टेड माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की सोमवार को यूपी के बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई. यूपी और बिहार से कई ऐसे बाहुबली निकले हैं जिनके नाम का सिक्का कई राज्यों में चला. लेकिन इसी बीच एक नाम था मुन्ना बजरंगी का जो बाहुबलियों की ताकत बनकर सामने आया. बता दें कि मुन्ना बरजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है. मुन्ना बजरंगी पूरे यूपी की पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ था. वह लखनऊ, कानपुर और मुंबई में क्राइम करता था. सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलना का भी आरोप था. बरहाल डाॅन की हत्या का आरोप बागपत जेल में बंद माफिया सुनील राठी पर लग रहा है. बताया जा रहा है कि सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बरजरंगी को गोली मारी है.

कौन था मुन्ना बजरंगी
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे.

जुर्म की दुनिया में पहला कदम
मुन्ना को हथियार रखने का बड़ा शौक था. वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था. यही वजह थी कि 17 साल की नाबालिग उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा. वह जरायम के दलदल में धंसता चला गया.

ठेकेदारी और दबंगई ने बढ़ाए दुश्मन
पूर्वांचल में सरकारी ठेकों और वसूली के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था. लेकिन इसी दौरान तेजी से उभरते बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे. उन पर मुख्तार के दुश्मन ब्रिजेश सिंह का हाथ था. उसी के संरक्षण में कृष्णानंद राय का गैंग फल फूल रहा था. इसी वजह से दोनों गैंग अपनी ताकत बढ़ा रहे थे. इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे. कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने कृष्णानंद राय को खत्म करने की जिम्मेदारी मुन्ना बजरंगी को सौंप दी.

मुन्ना ने की भाजपा विधायक की हत्या

मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को खत्म करने की साजिश रची. और उसी के चलते 29 नवंबर 2005 को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय को दिन दहाड़े मौत की नींद सुला दिया. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लखनऊ हाइवे पर कृष्णानंद राय की दो गाड़ियों पर AK 47 से 400 गोलियां बरसाई थी. इस हमले में गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ चल रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे.

मुंबई में ली पनाह
यूपी पुलिस और एसटीएफ लगातार मुन्ना बजरंगी को तलाश कर रही थी. उसका यूपी और बिहार में रह पाना मुश्किल हो गया था. दिल्ली भी उसके लिए सुरक्षित नहीं था. इसलिए मुन्ना भागकर मुंबई चला गया. उसने एक लंबा अरसा वहीं गुजारा. इस दौरान उसका कई बार विदेश जाना भी होता रहा. उसके अंडरवर्ल्ड के लोगों से रिश्ते भी मजबूत होते जा रहे थे.

राजनीति में आजमाई किस्मत
एक बार मुन्ना ने लोकसभा चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट पर अपना एक डमी उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश की. मुन्ना बजरंगी एक महिला को गाजीपुर से भाजपा का टिकट दिलवाने की कोशिश कर रहा था. जिसके चलते उसके मुख्तार अंसारी के साथ संबंध भी खराब हो रहे थे.

ऐसे गिरफ्तार हुआ था मुन्ना

उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था. उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं. लेकिन 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था. माना जाता है कि मुन्ना को अपने एनकाउंटर का डर सता रहा था.

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पुलिस भर्ती पेपर लीक में बलिया का नीरज यादव गिरफ्तार, अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर भेजे थे जवाब

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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की घटना सामने आने के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है। सरकार ने भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है, साथ ही साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इसी बीच पुलिस ने बलिया के नीरज यादव को गिरफ्तार किया है, आरोप है कि नीरज ने भर्ती परीक्षा मामले में अभ्यर्थियों को सवालों के उत्तर व्हाट्सएप पर भेजे थे।

बताया जा रहा है कि मथुरा के रहने वाले एक उपाध्याय ने नीरज को पूरी परीक्षा की उत्तर कुंजी भेजी थी और इसी कुंजी में से उत्तर देख कर नीरज ने अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर जवाब भेजे थे।
अब पुलिस मथुरा के उस शख्स की तलाश कर रही है, जिसके पास भर्ती परीक्षा की पूरी उत्तर कुंजी मौजूद थी। पुलिस इस बात का भी जवाब ढूंढ रही है कि आखिर परीक्षा की पूरी उत्तर कुंजी उसे शख्स के पास कैसे पहुंची।

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के कृष्णानगर के अलीनगर सुनहरा स्थित सिटी मॉडर्न अकेडमी स्कूल को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया था। 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा की दूसरी पाली के दौरान शाम करीब 4:55 बजे कक्ष संख्या-24 के निरीक्षक वंदना कनौजिया और विश्वनाथ सिंह ने परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार को पर्ची से नकल कर ओएमआर शीट भरते पकड़ा था। उन्होंने पर्ची बरामद कर ली थी। पुलिस टीम ने सत्य अमन को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में उसने बताया कि नीरज यादव नाम के शख्स ने उत्तरकुंजी व्हाट्सएप पर भेजी थी।

नीरज ने पुलिस को बताया कि मथुरा निवासी उपाध्याय ने उसको उत्तरकुंजी भेजी। व्हाट्सएप चैट से इसकी पुष्टि भी हुई। सूत्रों के मुताबिक उपाध्याय को जानकारी हो गई थी कि सत्य अमन पकड़ा गया है। इसलिए वह दबिश से ठीक पहले वह भाग निकला। वहीं आरोपी नीरज यादव मर्चेंट नेवी में था। वर्तमान में वह नौकरी छोड़ रखी है। सूत्रों के मुताबिक वह परीक्षाओं में सेंधमारी का काम कुछ वक्त से कर रहा है। इसके एवज में मोटी रकम वसूलता है।

अब तक इस जांच में कई अनसुलझे सवाल पैदा हुए हैं। सवाल यह है कि आखिर नीरज यादव का नेटवर्क कहां तक है और उसे कुंजी उपलब्ध करवाने वाले उपाध्याय को उत्तर कुंजी कहां से मिली। आखिर नीरज ने उत्तर कुंजी देने के बदले अमन से कितनी रकम मांगी थी और कितने अन्य लोगों को उत्तर कुंजी दी गई है। ये सभी सवाल अनसुलझे हैं, जिनका जवाब आने वाले वक्त में ही मिल पाएगा।

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लोकसभा का टिकट मिले या न मिले स्वास्थ्य सेवा की मुहिम लागतार चलती रहेगी- राजेश सिंह दयाल

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दयाल फाउंडेशन Dayal Foundation

बलिया के पूर में शनिवार को  दयाल फाउंडेशन के तरफ से  स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।  यहाँ हजारों की संख्या में लोग इलाज कराने पहुचें थे। यूं तो इस क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से परेशान थे, महंगे अस्पतालों की महगी दवाओं ने इस क्षेत्र को और कमजोर कर दिया था, वहीं सलेमपुर एक नेता ने साहस दिखाया और यहाँ के लोगों के जीवन में नई किरण बिखेर दी। उनके मुफ्त स्वास्थ्य कैंपो ने सिर्फ इसी क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों को नया जीवन दिया है। “मेडिसिन मैन” के नाम से प्रसिद्ध राजेश सिंह दयाल ने बलिया और देवरिया में गंभीर बीमारियों का न सिर्फ मुफ्त इलाज करवा बल्कि जनता के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।

महीनो से राजेश सिंह दयाल सलेमपुर क्षेत्र में बड़े बड़े स्वस्थ कैम्प का आयोजन करवा रहें हैं। वह भाजपा में बड़े पद पर हैं और इस बार सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ सकतें हैं। उनकी इस पहल को देखते हुए, बलिया और देवरिया के भाजपा नेता और समर्थक भी उनके साथ खड़े हैं। शनिवार को जब बलिया में दयाल फाउंडेशन के डॉक्टर लोगों का मुफ्त इलाज कर रहे थे तब भाजपा के ज़िला अध्यक्ष संजय यादव भी स्थानीय गाँव में  मौजूद थे। इस कैम्प में 1500 मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य जाँच और मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। भाजपा के कार्यकर्ता भी इस कैप में लोगों कि मदद करते दिखे। संजय यादव ने भी सिविर में आए लोगों से बात कि और उनका हाल जाना।

इस कैम्प में लखनऊ से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें आवश्यक सलाह दी। शिविर में ब्लड टेस्ट, ईसीजी, आंखों की जांच जैसी सुविधाएं भी मुफ्त में उपलब्ध थीं। पुरे क्षेत्र में जगह जगह राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन द्वारा ऐसे कई निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते रहें हैं। अब तक ऐसी शिविरों में 1 हजार से अधिक मरीजों का मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन भी कराया गया है।

शनिवार के शिविर में बलिया के जिलाध्यक्ष की मौजूदगी ने कही न कही बड़ा सन्देश दिया हैं। दयाल सलेमपुर से भाजपा दावेदारों में सबसे मजबूत चहेरा माने जा रहें हैं। संजय यादव का इस मुफ्त स्वस्थ सिविर में रहना यह बताता है कि 2024 के चुनाव में बलिया और देवरिया के भाजपा कार्यकर्ता भी दयाल के नाम से सहमत हैं और सलेमपुर में राजेश सिंह दयाल के नाम पर बढ़ी घोषणा हो सकती हैं

इस कैम्प के दौरान राजेश सिंह दयाल ने पिछले 30 साल से भाजपा से अपने जुड़ाव को व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सामाजिक कार्य राष्ट्रहित से जुड़े हुए हैं। उन्होंने प्रेरणास्रोत के रूप में पीएम मोदी जी का नाम लिया और इसका श्रेय भारतीय जनता पार्टी को दिया। उन्होंने भाजपा को एक परिवार मानते हुए आपस में प्रेमभाव की भावना व्यक्त की।

2014 में दयाल के बड़े बेटे का निधन हो गया था। इसके बाद से वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे और राजनीति से परे, राजेश दयाल ने अपने निजी दुख को समाज सेवा में बदल दिया और इस क्षेत्र में कई बड़े काम करने लगे। उनका दयाल फाउंडेशन सालों से सलेमपुर के लोगों की मदद कर रहा हैं। टिकट मिलने कि बात पर उन्होंने कहा सेवा का कोई अंत नहीं, चाहे चुनावी टिकट मिले या न मिले। चुनाव को आधार बनाकर समाज सेवा के कार्यों को करने की बात पर दयाल ने स्पष्ट किया कि उनकी समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा की मुहिम निरंतर चलती रहेगी, टिकट मिले या न मिले ।

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बलिया में लैब टेक्नीशियन, कांस्टेबल समेत 14 गिरफ्तार, कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में की थी सेंधमारी की कोशिश

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उत्तर प्रदेश आरक्षी भर्ती परीक्षा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए बलिया पुलिस लगातार सक्रिय है। पुलिस लगातार संदिग्धों पर नजर रखी है। पुलिस ने अब तक भर्ती परीक्षा संबंधी 3 गैंग के 11 गैंग सदस्यों और 3 फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में एक स्वास्थ्य विभाग में तैनात लैब टेक्नीशियन तथा एक वन विभाग में कार्यरत कांस्टेबल है।

पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा को नकल विहिन कराने को लेकर बलिया पुलिस चौकन्ना है और लगातार सूचना संकलित कर कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में गुरुवार की शाम रसड़ा पुलिस ने सलीम अन्सारी पुत्र नईमुद्दीन अन्सारी को गिरफ्तार किया था। इसके पास से पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों के 16 प्रवेश पत्र, 12 मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र, 04 स्वयं के फर्जी आधार कार्ड, एक मोबाइल स्क्रीन टच आई. फोन 13 एप्पल तथा एक लेखबद्ध डायरी बरामद किया गया था।

पहले फर्जी अभ्यर्थी की गिरफ्तारी गुलाब देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया से हुई, जहां भर्ती परीक्षा की दूसरी पाली की परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी उपेन्द्र यादव के स्थान पर फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहे मनीष कुमार यादव पुत्र बैज नाथ यादव को कूट रचित दस्तावेज के साथ हिरासत में लिया गया।

दूसरी गिरफ्तारी में पुलिस ने अभय कुमार श्रीवास्तव, विनित कुमार, रुकुमकेश पाल को हिरासत में लिया। ये सभी पुलिस भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने का झाँसा देकर वसूली करने एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धनार्जन कर रहे थे।

तीसरी गिरफ्तारी के दौरान अमृतपाली अण्डर पास से कुल 05 अभियुक्त अमित यादव, विशाल यादव, अंकित यादव, निखिल यादव, गिरजाशंकर को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से एक वाकी टाकी सेट, दो इलेक्ट्रानिक डिवाइस, एक ब्लूटूथ, दो डिवाइस बैट्री, दो सिम, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक डीएल सहित नकद 1,00,220 रूपये बरामद किया गया।

पुलिस ने तीन गैंग के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। प्रथम गैंग के सरगना अभय कुमार श्रीवास्तव है, जो यूपी के ही सुल्तानपुर स्वास्थ्य विभाग में बतौर लैब टेक्नीशियन तैनात है। इसके साथ विनीत कुमार राम और रुकुमेश पाल को दबोचा गया है। वहीं, दूसरा गैंग फतेहबहादुर राजभर का है। फतेहबहादुर राजभर मध्यप्रदेश के कटनी में वन विभाग का कांस्टेबल है। इसके साथ अजीत यादव और वरुण कुमार यादव को पकड़ा गया है। जबकि तीसरा गैंग गिरिजाशंकर का है। इसके साथ अमित यादव, विशाल यादव, अंकित यादव व निखिल यादव को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि इन गैंग्स के संपर्क में रहने वाले सभी अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों में विशेष रूप चेक किए जायेंगे। पुलिस की विशेष निगरानी इन पर रहेगी। अग्रिम विवेचना कर ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

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