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जिसकी तारीफ में शायरों ने चांद-सितारे तोड़ दिए, उस बलिया की बिंदी कैसे बनती है?

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बलिया के मनियर की बिंदी दुनिया भर में मशहूर है।

बलिया, उत्तर प्रदेश का एक सीमावर्ती जिला। जो बिहार से सटा हुआ है। बलिया अपने स्वभाव और अपनी विरासत के लिए देश भर में मशहूर है। एक और चीज़ है जिसके लिए बलिया की लोकप्रियता का कोई सानी नहीं है। ऐसी चीज़ जिसकी तारीफ में शायरी लिखकर न जाने कितने ही शायर मशहूर हो गए। जैसे कि सय्यदा अरशिया हक़ ने लिखा कि-

“बताओ तो तुम्हें कैसी लगी है
मिरे माथे पे जो बिंदी लगी है”

जी हां, हम उसी बिंदी की बात कर रहे हैं जिसकी सुंदरता की बखान करते हुए चांद और सितारों की उपमा दी जाती है। बलिया के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र में एक मनियर इलाका है। मनियर में बिंदी बनाने का काम होता है। बिंदी का कुटीर उद्योग मनियर में है। बलिया ही नहीं और सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में मनियर की बिंदी का अलग रौला कायम है। मनियर में हाथ से बनाई गई बिंदी की नजाकत लड़कियों और महिलाओं का मन मोह लेती हैं।

मनियर का बिंदी उद्योग लगभग 25 से 30 करोड़ रुपए प्रति साल का है। मनियर के आसपास के 50 गांवों की 20 हज़ार महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार इसी उद्योग से मिलता है। तो पूरे बलिया के एक लाख से अधिक आबादी का मुख्य कारोबार बिंदी से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ज़िला एक उत्पाद (One District One Product) के तहत बिंदी उद्योग को चिन्हित किया था।

कटिंग मशीन पर बिंदी शीट (फोटो साभार: ODOP)

कटिंग मशीन पर बिंदी शीट (फोटो साभार: ODOP)

बिंदी बनाने की प्रक्रिया: बात कर लेते हैं कि आखिर बिंदी बनती कैसे है? मनियर में एक बिंदी निर्माता से इस सिलसिले में हमने बात की। उन्होंने हमें सबसे पहले इस काम में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की जानकारी दी। तो बिंदी बनाने में मोटेतौर पर डिजाइन वाले स्टिकर, मखमली कपड़ा (वेलवेट क्लॉथ), फेवीकोल, डाई, इलेक्ट्रिक मोटर, स्टोन, कटिंग मशीन की जरूरत होती है।

शीट पर बिंदी चिपकाता कारीगर (फोटो साभार: ODOP)

शीट पर बिंदी चिपकाता कारीगर (फोटो साभार: ODOP)

बिंदी बनाने के लिए सबसे पहले सजावटी रंगीन शीट को पंच किया जाता है। इसके बाद ब्रश रोल की सहायता से फेविकोल को शीट पर लगा दिया जाता है। फिर इसे गर्म चैंबर से गुजारा जाता है। इसके बाद पंचिंग मशीन की मदद से मखमल के कपड़े या शीट को पंच किया जाता है। ताकि बिंदी को सही आकार मिल सके। उसके ऊपर सजावटी पेपर चिपका दिया जाता है और फिर कटिंग की जाती है। इसके बाद पैकिंग का काम होता है।

हालांकि जितनी आसानी से हमने बिंदी बनाने की प्रक्रिया को लिखा है बिंदी बनाना उतना आसान काम है। बेहद सावधानी से नजाकत के साथ बिंदी बनाई जाती है। क्योंकि बिंदी की खासियत उसके आकार और उसकी बारीकी में ही है। बिंदी बनाने का काम देश भर में होता है। लेकिन मनियर की बिंदी अपनी बारीक कारीगरी की वजह से लोकप्रिय है।

 

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बलिया में युवक ने सरेआम महिला को मारी गोली, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया के कोतवाली क्षेत्र में खौफनाक घटनाक्रम सामने आया है। यहां एक युवक ने दिन दहाड़े महिला को गोली मार दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस और लोगों ने घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उसका उपचार जारी है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है, उसके पास से एक पिस्टल भी बरामद कर ली गई है।

मिली जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के संतनी सराय चौकी अंतर्गत 32 वर्षीय सिंधु देवी को घनश्याम सिंह ने गोली मार दिया, गोली महिला के बाएं कंधे पर जा लगी, इससे महिला घायल हो गई। बताया जा रहा है कि घायल महिला का पति सुदामा यादव आइटीबीपी में नौकरी करता है। जबकि घर पर उसकी पत्नी सिंधु देवी और उसके दो छोटे बच्चे और उसकी मां रहती है।

आरोपी घनश्याम सिंह ने मामूली विवाद में महिला को गोली मार दी, जो महिला के बाएं कंधे पर जा लगी। सिंधु देवी के बड़े पुत्र ने बताया कि घनश्याम इसके पहले मेरे दादी से झगड़ा कर चुका है, लेकिन दादी ने कुछ नहीं बोला था।

इस मामले में क्षेत्राधिकारी गौरव कुमार का कहना है कि क्षेत्र के एक गांव में सुबह एक महिला पर गोली चलने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर तत्काल थाना स्थानीय द्वारा मौके पर पहुंचकर महिला को इलाज हेतु जिला अस्पताल भेजा गया, जहां से महिला को उच्च इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है। महिला की स्थिति डॉक्टर्स ने खतरे से बाहर बताई है, किंतु एहतिहात के लिए BHU रिफर किया गया है। मौके पर कानून व्यवस्था सम्बन्धित कोई समस्या नही है।

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बलिया: खाताधारकों के खाते से अचानक गायब हो गए 16 लाख, सब पोस्ट मास्टर सस्पेंड

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बलिया के सोहांव गांव में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां खाताधारकों के बचत खाते से 16 लाख रुपए गायब हो गए। इस मामले में सब पोस्ट मास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी खाताधारकों को रकम वापस मिलेगी।

सोहांव गांव निवासी एक व्यक्ति के पोस्ट ऑफिस में 3 लाख रुपए जमा थे, वो पैसा लेने के लिए डाकघर पहुंचे तो देखा कि खाते से पैसे गायब थे। इसी क्षेत्र में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति की लड़की की शादी अप्रैल में है। 16 मार्च को अपने खाते से पांच लाख रुपये लेने पहुंचे, तो पता चला कि उनके खाते में 56 हजार 50 रुपये ही थे। अब वह अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित हैं।

इसी गांव के अन्य व्यक्तियों के खाते से भी पैसे गायब हैं। सभी अपने पैसों को लेकर परेशान हैं। इसकी लिखित शिकायत विभाग के अधिकारियों से की गई है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को हुई तो सब पोस्ट मास्टर राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।

सहायक अधीक्षक रसड़ा एससी मिश्रा ने बताया कि जैसे ही गड़बड़ी की जानकारी हुई सब पोस्ट मास्टर राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। सभी खाताधारकों को पत्र देकर अपने खाते को चेक कराने को कहा गया है। सभी का पैसा मिलेगा।

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बलिया के अरुण केंपस कोचिंग के छात्र-छात्राओं ने सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में लहराया अपना परचम।

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बलिया जनपद के बलिया गढ़वाल रोड मुख्य मार्ग पर कट्टर नाले के पास वरुण केंपस कोचिंग की है। जहां कोचिंग के छात्र आयुष सिंह पुत्र गुप्तेश्वर सिंह ग्राम गोपाल नगर सिवारन के मठिया ने ऑल इंडिया रैंक में 433 वा रैंक लाकर अपने कोचिंग सहित अपने माता-पिता का नाम रोशन किया।

वही वरुण केंपस कोचिंग के तीन छात्र-छात्राओं ने सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा पास किया है जिसमें से अभिमन्यु गुप्ता पुत्र प्रद्युम्न गुप्ता ग्राम सोनाड़ीह बेल्थरा रोड व छात्रा में नंदिनी पुत्री हरिद्वार प्रजापति ग्राम जेपी नगर गढ़वार रोड ने सैनिक स्कूल परीक्षा में अपना परचम लहराया है, छात्र-छात्राओं सहित जब अभिभावकों से भी बात किया गया तो अभिभावको का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

वहीं छात्र छात्राओं ने ऐसे कोचिंग में पढ़ने का सभी बच्चों को आवाहन भी किया। वही बताएं कि इस कोचिंग में टीचर बहुत ही अच्छे से पढ़ते हैं जैसा लगता है कि जादू हो रहा है। वही बच्चों ने अरुण सर का काफी तारीफ किया। वहीं अभिभावकों का कहना कि ऐसा कोचिंग रहेगा तो कोई भी बच्चा अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है।

वही हम बात करें अरुण केंपस लाइब्रेरी का तो लाइब्रेरी में भी पढ़कर एक छात्र ITI भी पास कर लिया है। जिसका नाम कृपाशंकर पुत्र राम आशीष राम ग्राम इंदौर ब्लॉक चिलीकहर ने आईआईटी में भी अपना परचम लहरा दिया है।

उस छात्र ने बताया कि हमने बहुत लाइब्रेरिय में पढ़ा है लेकिन इतना शांत और इतना स्वच्छ लाइब्रेरी नहीं मिलती है। अगर किसी छात्र-छात्राओं को शांत वातावरण में पढ़ाई करनी हो तो अरुण केंपस लाइब्रेरी को ही चुने ।आई सुनते हैं वहां पर उपस्थित छात्रों व अभिभावक सहित अध्यापकों का क्या कहना है

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