उत्तर प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अब अगर पढ़ाई के समय सोशल मीडिया पर सक्रिय पाए गए तो उनकी खैर नहीं है. ऐसे शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.
राज्य की बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल ने गुरूवार को प्रदेश भर के शिक्षकों को चेतावनी दी कि स्कूल में पढ़ाई के समय में यदि कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर सक्रिय पाया गया तो उसकी नौकरी जाएगी. अनुपमा जायसवाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर आप कब ऑनलाइन हैं और कब ऑफलाइन, ये छिपा नहीं रह सकता.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि स्कूल में पढ़ाई के समय औचक निरीक्षण के दौरान यदि कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर सक्रिय मिला तो उसकी नौकरी जाने के लिए इतना ही कारण पर्याप्त होगा.
अनुपमा ने कहा कि मोबाइल चेक होने पर पकड़े जाने की गलती पर किसी की सिफारिश दोषी शिक्षक को बचा नहीं पाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बेसिक शिक्षा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि शिक्षक संघों के नेताओं के बारे में लोग कहते हैं कि शिक्षक नेता सिर्फ नेतागिरी करते हैं कभी स्कूल पढ़ाने नहीं जाते. इस नकारात्मक सोच को समाप्त करने के लिए हमने लखनऊ में शिक्षक संघों के नेताओं को बुलाकर आग्रह किया था कि सभी शिक्षक नेता क्लास में पढ़ाते हुए स्कूल व क्लास के विवरण सहित ‘मैं पढ़ा रहा हूं’ लिखकर अपनी सेल्फी पोस्ट करें. मंत्री ने इस बात पर खुशी जतायी कि सभी शिक्षक नेताओं ने पढ़ाते हुए अपनी सेल्फी भेजी है.
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