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विज्ञापन में सदर विधायक ने दिया 4 साल के विकास का ब्योरा, जानें कितनी हकीकत कितना फसाना

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केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 2014 से अब तक विभिन्न मीडिया के माध्यम से विज्ञापन और प्रचार में लगभग ₹ 5,000 करोड़ की भारी राशि खर्च की है, यह एक आरटीआई जवाब से पता चला है। वहीं आम आदमी पार्टी ने पिछले दो वर्षों में दिल्ली पर विज्ञापनों और प्रचार पर कुल 822 करोड़ रुपये खर्च किए है। ये आंकड़े हम इसलिए दे रहे हैं ताकि आप जब जिले का अखबार खोलें तो सदर विधायक और मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल की तरफ से दिया गया विज्ञापन देखेंपूरे पेज के  विज्ञापन में सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल ने अब तक के अपने सभी विकास कार्यों का जिक्र करते हुए विस्तृत ब्योरा दिया है। जिले के प्रतिष्ठितअखबार में आए इस विज्ञापन में विभागवार विकास कार्य की सूचना दी गई है। सबसे ऊपर प्रधानमंत्री मोदी समेत जेपी नड्डा, सीएम आदित्यनाथ, अमित शाह, स्वतंत्रदेव सिंह समेत प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेताओं की तस्वीरे हैं। उसके बाद जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ विकास कार्य का विवरण है।

स्वास्थ्य विभाग- इस विज्ञापन में सरकार और अपनी उपलब्धि को गिनाते हुए विधायक श्री शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग, कानून व्यवस्था, आवास सहित कई अन्य विभागों का जिक्र किया है। स्वास्थय विभाग की उपलब्धि गिनाते हुए उन्होंने बताया है कि जिला अस्पताल में कोविड की जांच हेतू आर टी पी सी आर लैब की स्थापना और संचालन किया गया। लेकिन पन्ने भर के विज्ञापन में इसका जिक्र नहीं है कि लैब का उद्घाटन कब हुआ। हम बताते हैं। जब जिले में सरकारी आंकडों में भी केसेज़ दहाई में आने लगे, तब 21 मई 2021 को लैब का उद्घाटन किया गया। 21 मई को जिले कुल 85 केसेज़ आए थे। हालांकि यह आंकड़े प्रशासन के हैं लेकिन जब केसेज़ कम हो गये थे तब लैब के उद्घाटन को उपलब्धि में गिनना कैसा है ये तो जिले की जनता ही बता पाएगी।हां, इस लैब का शिलान्यास पहली वेव के समय ही कर दिया गया था जिसके उद्घाटन में लगभग साल भर का समय लग गया। बाकी विज्ञापन में जिक्र है कि जिला चिकित्सालय समेत सीएचसी, पीएचसी में नि:शुल्क दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता व वितरण कराया गया। इस बात का जिक्र करते हुए दवाओं के लिए बढ़ाए गए फंड अथवा पहले से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव का जिक्र नहीं है। ऐसे में उपलब्धता और वितरण में कितना सकारात्मक बदलाव आया इसपर बिना आँकड़ो के बात करना पत्रकारिता के लिहाज से ठीक नहीं है, विज्ञापन में भ्रामक बातें चल जाएंगी।

कानून व्यवस्था- कानून व्यवस्था के कॉलम में पहली ही लाइन है कि नगर विधानसभा को भू-माफियाओं से मुक्त कराया। अब सवाल ये है कि कितने अवैध कब्जों को अथवा अतिक्रमण को कब और कैसे हटाया गया इसका जिक्र कहीं नहीं है। उसी विज्ञापन में महिला और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर लिखा गया है कि महिला पुलिस बल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई। हमने जब जिला प्रशासन से जानना चाहा कि कितनी नई महिला पुलिस की नियुक्तियां हुईं हैं तो वो ये बता सकने में सक्षम नहीं थे। हालांकि उनके कहे अनुसार जिले में कुल 23 थाने हैं जिसमें सिर्फ एक महिला पुलिस थाना है?

अब पर्याप्त सुनिश्चितता का आंकड़ा क्या था इसपर विज्ञापन में कोई बात नहीं है। थाना, कचहरी, ब्लॉक कार्यालय को भ्रष्टाचार मुक्त कर आमजन के लिए सुलभ बनाने की भी बात विज्ञापन में है जिसको लेकर आंकड़े नहीं दिए गए हैं। ऐसे में यह विकल्प भी आमजन के लिए खुला छोड़ दिया गया है कि वो अपने अनुभव के हिसाब से इस पर विचार करें।

सड़क व्यवस्था- सड़क व्यवस्था का जिक्र करते हुए श्री शुक्ल ने अपने विज्ञापन में बताया है कि आज़ादी के बाद अभी तक सड़क से वंचित बेलाडीह में 1600 मीटर लंबी सड़क को  1 करोड़ 31 लाख की लागत से बनवाकर मुख्य धारा से जोड़ा। सोचने वाली बात ये है कि आज़ादी के बाद से अब तक न बन सकी क्या ये आखिरी सड़क थी अथवा इसमें कुछ खास है? इसके अलावा चंद्रशेखर विश्वविद्यालय मार्ग (5.5 किलोमीटर) को 6 करोड़ की लागत से बनाने का जिक्र है। वही चंद्रशेखऱ विश्वविद्यालय जिसके परिसर में अब तक पानी लगा है और प्रशासन की भद्द पिट रही है।

इसके अलावा जिले की सदर विधानसभा या इसके अलावा भी सड़कों का क्या हाल है ये तो उसपर चलने वाले ही बता पाएंगे। फिलहाल विज्ञापन पर लौटते हैं। ठीक इन्हीं तरह के दावों को साथ राशन और आवास का जिक्र हुआ है। भर पेज के इस विज्ञापन में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल की तस्वीर के हिस्से में भी किसी एक विभाग की बातचीत गिनाई जा सकती थी, हालांकि ऐसा हुआ नहीं। बाकी एक शेर याद आ गया बशीर बद्र का, उसे पढ़ें और बात खत्म, यहां लिबास की कीमत है आदमी की नहीं  मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि पिकअप में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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