बलिया: किसी भी प्रदेश के विकास का ढांचा शिक्षा पर टिका होता है। विकास आसमान छू सके, इसके लिए जरुरी है कि बच्चों को सही शिक्षा मिले। लेकिन बलिया में शिक्षा व्यवस्था अपने निम्न स्तर पर जा रही है। हालात यह हैं कि जनपद में कई स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चे तो पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन शिक्षक नहीं हैं।
शिक्षा क्षेत्र बेलहरी के ग्राम पंचायत मझौंवा में भी यही हाल है। यहां का प्राथमिक विद्यालय रासबिहारी नगर बंद है, यहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां 118 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। बच्चे पढ़ने भी आएं तो उन्हें शिक्षा कैसे मिलेगी। इसका जबाव किसी के पास नहीं है। यह हाल केवल रासबिहारी विद्यालय का ही नहीं है बल्कि जनपद के कई स्कूलों में हालात ऐसे हीं हैं।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुधैला में 182 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। यहां महज एक अध्यापक की तैनाती हुई है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुद्रपुर में 351 छात्र-छात्राओं का नामांकन है, यहां महज दो शिक्षक हैं। ऐसी स्थिति बेलहरी शिक्षा क्षेत्र के कई विद्यालयों की है, जहां शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है।
जिला पंचायत सदस्य गीता सिंह ने बीएसए को पत्र भेजकर व्यवस्था दुरुस्त कराने का आग्रह किया था। खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों के गैर जनपद स्थानांतरण के चलते ऐसी दिक्कतें हैं। लेकिन विभाग व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहा है। जल्द ही शिक्षकों की कमी को दूर कर पठन-पाठन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। गौरतलब है कि जनपद के कई सरकारी स्कूलों में ताले पड़े हैं। बच्चे आते हैं शिक्षक का इंतजार कर चले जाते हैं। ऐसे हालातों में बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगता दिखाई दे रहा है।
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