(2017-18) की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 7.2 फीसदी हो गई है. वहीं, इससे पहली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रही थी. वहीं, वार्षिक आधार पर देखें तो वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 7 फीसदी पर रही थी. वित्त वर्ष 2018 में जीडीपी 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है. आपको बता दें की यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बेहतर रहा है. अर्थशास्त्रियों के ज्यादातर पोल में जीडीपी ग्रोथ के 6.5 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान था. इन बेहतर आंकड़ों के बाद भारत इस तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6.8 फीसदी को पीछे छोड़ दुनिया में सबसे तेजी ग्रोथ करने वाला देश बन गया है.
इस वित्त वर्ष (2017-18) की पहली तिमाही में विकास दर के आंकड़े 13 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गए थे और इसके लिए आर्थिक जानकारों ने नवंबर 2016 में नोटबंदी समेत बड़े आर्थिक उलटफेर को जिम्मेदार ठहराया था.
मोदी सरकार के लिए तीसरी तिमाही का जीडीपी आंकड़ा बेहद अहम है. इन आंकड़ों के जरिए मोदी सरकार अपनी आर्थिक नीतियों नीतियों पर उठ रहे सवालों का मजबूती से जवाब दे सकती है.अक्टूबर दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ कर 7.2 फीसदी रहने का मतलब है कि इकोनॉमी में रिकवरी का प्रॉसेस मजबूत हो रहा है. आने वाले समय में इकोनॉमी की रफ्तार और तेज हो सकती है. हाल में रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल ने मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा था कि इकोनॉमी में रिकवरी अभी शुरुआत स्टेज में है और हमें अभी इसको लेकर सतर्क रहना होगा.
चीन की ग्रोथ 6.8 फीसदी थी
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में चीन की जीडीपी की रफ्तार 6.8 फीसदी रही थी. इससे पहले 2016 में भारत की जीडीपी में तेज वृद्धि देखने को मिली थी. यह 2016 के आखिरी तीन महीनों के दौरान से तेजी से बढ़ी थी.
पिछली तिमाही में 6.5% थी ग्रोथ
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रही. जीडीपी के इन आंकड़ों से केन्द्र सरकार को राहत पहुंची, क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी.
जनवरी में बेहतर रहे कोर सेक्टर के आंकड़े
इंडस्ट्री में रिवाइवल के संकेत मिल रहे हैं. जनवरी में कोर सेक्टर में अच्छी देखने को मिली है. जनवरी में कोर सेक्टर ग्रोथ 6.7 फीसदी हो गई है. दिसंबर में कोर सेक्टर ग्रोथ 4.2 फीसदी थी. जनवरी में सीमेंट के उत्पादन में 18.8 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है जबकि स्टील का उत्पादन भी 3.7 फीसदी बढ़ा है. वहीं रिफाइनरी उत्पादन 11 फीसदी बढ़ा है. जबकि, इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन भी दिसंबर के 4.4 फीसदी से बढ़कर 8.2 फीसदी रहा है.
जनवरी में क्रूड ऑयल का उत्पादन दिसंबर के 2.1 फीसदी से बढ़कर 3.2 फीसदी रहा है. जबकि कोयले का उत्पादन दिसंबर के 3 फीसदी से घटकर -1.6 फीसदी रहा है. जनवरी में नैचुरल गैस के उत्पादन में -1 फीसदी की गिरावट हुई है.
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