बलिया ज़िले के रहने वाले सत्यम सिंह सन्नी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में जीत का परचम लहराया है। सत्यम सिंह मूल रुप से बांसडीह के रहने वाले है और समाजवादी छात्रसभा के बैनर तले संयुक्त मंत्री पद पर कब्ज़ा जमा लिया है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ का राजनीतिक और ऐतिहासिक बहुत बड़ा महत्व रहा है और आज के प्रतियोगी माहौल पूर्वांचल की बागी धरती के ताल ने संयुक्त मंत्री का पद का हासिल किया है।
छात्र राजनीति में जहां बगैर पैसा और धनबल के एक कदम भी चलना मुश्किल है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री के ज़िले के एक किसान परिवार में जन्में नौजवान की छात्र राजनीति में झंडा गाड़कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
23 साल के सत्यम सिंह ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से मध्यकालीन इतिहास और शिक्षाशास्त्र से स्नातक किया है और फिर मध्यकालीन इतिहास से एम.ए. कर रहे हैं।
तारकेश्वर सिंह के पुत्र के रुप में जन्मे सत्यम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीक इतिहास में एम.ए. अंतिम वर्ष के छात्र हैं। एक मध्यवर्गीय किसान परिवार में जन्म लेने वाले सत्यम ने बलिया से इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की और उसके बाद अपने सपनो को साकार करने के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
बलिया ख़बर डॉट कॉम से फोन पर बात करते हुए सत्यम सिंह उर्फ सन्नी ने बताया कि वो तन-मन से छात्रों की सेवा करेंगे जिन छात्रों ने अपना उनपर विश्वास करके छात्रनेता बनाया है।
सत्यम कहते हैं कि, वो हर हाल में छात्रों के हित के लिए प्रयासरत रहेंगे और उनके मन में किसी के लिए कोई दुर्भावना नहीं चाहे किसी छात्र ने उनको वोट दिया हो अथवा न दिया हो।
सत्यम का मुकाबला बलिया के ही रहने वाले चन्दन गुप्ता से था, लेकिन सत्यम को छात्रों के 3199 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहने वाले चन्दन गुप्ता 2245 वोट पाने में कामयाब रहे, लेकिन सत्यम के आगे ज़्यादा देर टिक न सके।
सत्यम ने चन्दन को 957 वोट से हरा कर जीत हासिल कर ली। सत्यम ने बलिया ख़बर डॉट कॉम से बताया कि वो अपने माता-पिता और समाजवादी पार्टी से जुड़े उन नेताओं के आभारी हैं जिन्होंने उनको कदम-कदम पर आगे बढ़ने में मदद की।
बलिया ख़बर के एक सवाल के जवाल में सत्यम ने कहा कि वो पढ़ाई पूरा करने के बाद राजनीति में सक्रिय रुप से समाजसेवा करते रहेंगे और आजीवन लोहिया के विचारों का अनुसरण करगे।
मध्यम वर्गीय क्षत्रिय परिवार सम्बन्ध रखने वाले सत्यम दो भाईयों में सबसे बड़े है और अपनी बहन से छोटे है जिनकी शादी हो चुकी है। सत्यम बताते है कि वोटिंग के दिन वो अत्यन्त ही भावुक हो गए है क्योंकि उनको उम्मीद नहीं थी कि छात्र उनको इतना प्यार देंगे।
सत्यम ने एम.ए. पूरा करने के बाद पीएचडी करने का विचार किया है और कहा कि पार्टी आगे चलकर जो आदेश देगी वो वैसा करेंगे। सत्यम ने समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव समरबहादुर सिंह का आर्थिक और राजनीतिक सहयोग के लिए आभार व्यक्त है।
बलिया ख़बर से बात करते हुए सत्यम बहुत खुश लग रहे थे और उन्होने बताया कि प्रचार सामग्री में उनके नाम त्रुटिपूर्वक सैनी जुड़ गया था जब कि उनका नाम सत्यम सिंह सनी है न कि सत्यम सिंह सैनी।
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