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दुनिया के सात अ’जूबों में सबसे खूबसूर’त ईमा’रत, ताज’महल की ये बातें आपको नहीं पता होंगी…

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हेलो दोस्तों, दुनिया के सात अजूबों का नाम सुनते ही आपके दिमाग में दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल की तस्वीर जरूर उभर जाती होगी।
आप सभी तो यह बात अच्छी तरह से जानते होंगे कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था यही कारण है कि पूरी दुनिया में ताजमहल प्रेमी जोड़ो द्वारा प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। मगर दोस्तों आज हम आपको ताजमहल की कुछ ऐसी सच्चाईयों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको जानकर हैरानी होगी।

क्या आपको पता है कि मुमताज महल के मकबरे के ऊपर की छत में एक छोटा सा छेद है इस छेद की सच्चाई कोई नहीं जानता है इसके बारे में कई मनगढ़ंत कहानियां कही जाती है लेकिन सच तो यह है कि जिस समय ताजमहल के पूरा बन जाने के बाद शाहजहां ने जब सभी मजदूरों के हाथ काटने का ऐलान किया ताकि कोई दूसरा ताजमहल ना बन सके तो उन मजदूरों ने ताजमहल के छत में एक ऐसी कमी छोड़ने के बारे में सोचा जिससे कि शाहजहां से बदला लिया जा सके और ताजमहल ज्यादा दिन तक ना टिक सके। उस छेद के कारण ही आज भी मुमताज महल का मकबरा नमी से ग्रसित रहता है।

दोस्तों क्या आप यह बात जानते हैं कि ताजमहल का आधार जो कि पानी के अंदर डूबा हुआ है वह एक ऐसी लकड़ी से बना हुआ है जिसे हमेशा नमी की जरूरत होती है यदि ताजमहल के बगल में यमुना नदी नहीं होती तो इस लकड़ी को नमी नहीं मिलती और यह मजबूत नहीं रह पाती। अगर ताजमहल के बगल से यमुना नदी नहीं होती तो शायद ताजमहल अब तक गिर चुका होता ।

दोस्तों आपने ताजमहल कई बार देखा होगा लेकिन क्या आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि ताजमहल के जो चारो मीनार है वह एक दूसरे की तरफ झुके हुए हैं ऐसा इसलिए है ताकि भूकंप या बिजली गिरने पर मीनार को मुख्य इमारत पर गिरने से बचाया जा सके। दोस्तों अगर आप से पूछा जाए कि भारत की सबसे लंबी इमारत कौन है तो आप सीधा नाम लेंगे कुतुबमीनार का जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है। यानी जी ताज महल कुतुब मीनार से आधा मीटर ऊंचा है

दोस्तों यह बात जानकर आपको और भी हैरानी होगी कि ताजमहल के सामने लगे फव्वारे हमेशा एक साथ ही काम करते हैं क्योंकि हर फव्वारे के नीचे एक टंकी लगी हुई है जो एक साथ भर्ती है जब पानी का दबाव बनता है तो पानी ऊपर की तरफ आ जाता है यह बात और हैरान कर देने वाली है कि यह फव्वारे बिना किसी मशीन या मोटर के काम करते हैं।

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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