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जानें कौन हैं बलिया के डॉ. संजय राय जो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के हैं मुख्य शोधकर्ता ?

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नई दिल्ली डेस्क : वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा रखी है. कई देशों में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं और भारत भी उन टॉप देशों की सूची में आ गया हैं जहाँ कोविद के मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा है. ऐसे में तमाम देश इसकी वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं. इस बीच डॉ. संजय राय को कोविड -19 की दवा के लिए मुख्य शोधकर्ता बनाया गया है.

दिलचस्प और गर्व करने की बात यह है कि डॉ. संजय राय अपने बलिया के रहने वाले हैं और उनकी शुरूआती पढ़ाई यहीं हुई है. डॉ. संजय राय लीलकर गाँव के रहने वाले हैं. जैसे ही उन्हें स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन के ट्रायल का मुख्य शोधकर्ता बनाया गया, बलिया के लीलकर गांव के लोग झूम उठे. वाकई यह बड़े ही फक्र की बात है. वहीँ अगर यह वैक्सीन सफल हो जाती है तो एक नया इतिहास लिखा जायेगा जिसमे डॉक्टर संजय का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा.

कौन हैं डॉ. संजय राय-   हाईस्कूल और इंटर गांधी इंटर कालेज सिकन्दरपुर से किया और बाद इसके उन्हें एमबीबीएस की डिग्री गणेश शंकर मेमोरियल मेडिकल कालेज कानपुर से हासिल की. बनारस हिंदू विश्व विद्या लय से एमडी करने उनकी नियुक्ति 2003 में एम्स दिल्ली में हो गयी.

ख़ुशी की बात यह भी है कि वह एम्स में प्रोफ़ेसर होने के साथ साथ भारतीय पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आइफा) के अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में आप उनकी काबिलियत और मेहनत का अंदाज़ा लगा सकते हैं. डॉ. संजय राय के पिता चंद्र भूषण राय बेटे के बारे में बताते हैं कि बचपन से ही उनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई में ही रहा.

वह बताते हैं कि जब भी बलिया का कोई इलाज के लिए एम्स जाता है तो डॉक्टर संजय उनसे मुलाकात करते हैं और अपने जिले का हाल पूछना नहीं भूलते हैं.

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बलिया के विकास के 5 काम नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र!, डीएम ने संभाला मोर्चा

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बलिया। यूपी सरकार के 6 साल पूरे होने पर प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लेकिन बलिया के विकास से सम्बन्धी कोई भी 5 काम के बारे में मंत्री नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री असमर्थ दिखे और बुकलेट का हवाला देने लगे। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक विमोचन की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

दरअसल पहले तो प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रदेश के तमाम विकास के बारे में बताया। फिर मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया ने जिला अस्पताल की चर्चा करते हुए कई सवाल किए जिसका जवाब मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने बखूबी दिया।

लेकिन एक सवाल का ज़बाब देने में मंत्री उलझ गये। सवाल ये रहा कि प्रदेश के बारे में जानकारी मिल गई।
अब बलिया के 5 कोई काम बता दीजिए लेकिन मंत्री असमर्थ दिखाई दिए। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक का विमोचन करने की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

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बलियाः हत्या के मामले में दोषी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

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बलिया। सत्र न्यायालय ने हत्या के मामले में दोषी पाते हुए एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है।

बता दें कि मामला हल्दी थाना क्षेत्र के हांसनगर गांव का है। जहां बारात में फोटो खींचने के दौरान विवाद हो गया। इस विवाद में आरोपी सूरज ने अपने चचेरे भाई विशाल साहनी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। भाई बादल साहनी की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी सूरज साहनी को सात जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों आरोपियों रामायण साहनी पुत्र स्व. सुखराज साहनी, सरल साहनी पुत्र रामायण साहनी, पतरु साहनी पुत्र रामायण साहनी निवासी हांसनगर को हल्दी पुलिस ने दो दिन बाद गिरफ्तार किया था।इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की। जहां सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय ने आरोपी सूरज साहनी को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए तीन वर्ष के कारावास और पांच हजार के अर्थदंड से दंडिता किया। वहीं, कृष्णा साहनी, रामायण साहनी और अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

गौरतलब है कि सूरज साहनी ने पत्नी के साथ जहरीला बिस्कुट खा लिया था। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान प्रेमिका की मौत हो गई थी। सूरज साहनी को बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया था।

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बलियाः 65 करोड़ की लागत से बनेगा भृगु कॉरीडोर

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बलिया में विकास की धारा फिर बहेगी। 65 करोड़ की लागत से भृगु कॉरीडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके साथ ही जनपद में छह स्थानों पर प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे।

परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर थे और उनके प्रयास के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन और संस्कृति परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने डीएम के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया था।

अब परियोजना का अनुमोदन किया गया था। शासन ने स्वीकृति परियोजना में कुल 3 फेज में विकास कार्य कराए जाएंगे। पहले फेज में भृगु मंदिर को विकसित किया जाएगा। अब मंदिर के विकास के साथ ही गंगा नदी से मंदिर तक रास्ते आदि का निर्माण भी किया जाएगा। दूसरे फेज में चित्रगुप्त मंदिर को विकसित किया जाएगा। यहां भृगुमंदिर परिसर में ही स्थित है।योजना बनाते समय महर्षि भृगु के गंगा नदी के पार परसिया स्थित मूल आश्रम को मंदिर से जोड़ने की बात भी कही गई थी। ये जल मार्ग से होना था। स्वीकृत योजना में गंगा नदी से मंदिर कर रास्ते की बात है। परियोजना के तहत सभागार, कांफ्रेंस हॉल, पेयजल के लिए वॉटर कूलर, यात्रा निवास और शौचालय का निर्माण किया जाएगा।

इसके साथ ही तीसरे फेज में शहर के चौक स्थित शहीद पार्क का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही यहां स्थापित महात्मा गांधी की नई प्रतिमा भी लगाई जाएगी। साथ ही यहां एक लाइब्रेरी का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही जनपद में प्रवेश करने वाले छह मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। इन सभी को लेकर भृगु कारीडोर तैयार होगा।

पर्यटन विभाग एडीओ अनिल सक्सेना ने बताया कि भृगु कारीडोर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था भी तय कर दी गई है। उम्मीद है कि अप्रैल तक कार्य शुरू हो जाएगा।

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