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लड़कियों को जॉब करना जायज है या नहीं ? मौलाना तारिक जमील साहब बयान

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दोस्तों आज हम बात करेंगे इस्लाम में औरतो का जॉब करना जायज़ है या नहीं ? आप सभी जानते है दोस्तो इस्लाम एक अमन पसंद धर्म है इस्लाम में बहुत सारी ऐसी चीज़ है जिनको लोग नहीं जानते है इस्लाम का सिर्फ एक ही पैगाम है अमन और शांति एक दूसरे से मिल जुल कर रहना , इस्लाम में यहाँ तक कहा गया है की एक कलमा पढ़ने वाला दूसरे कलमा पढ़ने वाले से 2 दिन से ज़ादा नाराज़ नहीं रह सकता है चाहे वह भाई हो चाहे रिस्तेदार हो या पडोसी ही क्यों न हो 2 दिन से ज़ादा उससे नाराज़ नहीं रह सकता है .

इस्लाम में औरतो का बहुत अहम मुकाम है, इस्लाम में औरतो को परदे में रहने का हुक्म दिया है , आज कल जो दुनिया में माशरा चल रहा है उसमे लड़कियो और औरतो को घर से बहर बिना परदे के निकलना आज़ादी मानी जाती है जब की इस्लाम में इस बात की मनाही है इस्लाम में औरतो और लड़कियो को मगरीब (अँधेरा होने का वक़्त ) के बाद घर से निकलने को माना किया है क्यों मगरीब के बाद जिन्नातो और अस्बाबो का निकलना बताया जाता है .

लड़कियो और औरतो का जॉब करना इस्लाम से इसलिए मनाही है क्यों की इस्लाम में औरतो और लड़कियो को परदे में रहने का हुक्म है और मर्दो को यह जिम्मेदारी दिया गया है की वह बहर जाकर कमाइ और औरतो को परदे में रखे ,और दो सूरत में औरतो और लड़कीओ को जॉब करना जायज़ है वह पहली सूरत यह है की अगर किसी घर में कोई मर्द नहीं है तो वह परदे दायरे में रह कर जॉब कर सकती है .

और दूसरी सूरत यह है की अगर घर में कोई मर्द है और इस कदर बीमार है की वह बहर जाकर नहीं कमा सकता है तो उस सूरत में भी औरते और लड़िया जॉब कर सकती है वह भी परदे के दायरे में .इस्लाम में ही औरतो और लड़कियों को सही हक़ दिया ,इस्लाम आने से पहले अरब जैसे मुअलिक देशो में इस्लाम आने से पहले बचियूं को ज़िंदा दफ़न कीया जाता था पर जबसे इस्लाम आया है हुज़ूर सल्ला० ने इस चीज़ पर रोक लगाई और इनका दर्जा बताया … आगे देखिये वीडियो

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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