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बलिया

निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंकों पर लटका ताला, परेशान दिखे लोग

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सरकार कुछ बैंकों का निजीकरण करने जा रही है। इसको लेकर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। प्राइवेटाईजेशन के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल जारी है। इसी क्रम में बलिया के सरकारी बैंक भी बंद रहे।

12 बैंकों की करीब 165 शाखाएं हड़ताल के दायरे में रहीं। जिसके तहत बैंकों में ताले लटके रहे। सभी बैंको के कर्मचारी शहर के मिड्ढी स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पर पहुंचे। वहां निजीकरण के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। शुक्रवार को यानि आज भी सभी बैंक बंद रहेंगे।

सरकारी बैंकों की हड़ताल से लोगों को काफी परेशानी हुई। पहले दिन करीब 55 से 60 करोड़ रुपये का कारोबार व लेन-देन प्रभावित हुआ है। बैंक बंद होने से उपभोक्ताओं को परेशानी हुई। हालांकि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। वहीं प्राइवेट बैंकों के ताले खुले रहे। इन बैंकों की शाखाओं में गुरुवार को सामान्य दिनों की तरह कामकाज होता रहा।

बैंक कर्मचारी नेता केएन उपाध्याय, ध्रुव जी, बजेश दूबे, अनिल सिंह आदि ने बताया कि केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। लोगों को ज्यादातर सरकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से दिया जा रहा है। ऐसे में सरकारी बैंकों का निजीकरण होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ जाएगी।

इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेती है तो प्रदर्शन को तेज किया जा सकता है। हड़ताल को सफल बनाने में प्रकाश दूबे, अशेक यादव, अभय सिंह, मीना यादव, मैनेजर सिंह, संदीप सिंह, अरशद, अजय कुमार गुप्ता, लल्लन प्रसाद, हिम्मत सिंह आदि रहे।

इधर रसड़ा में भी बैंकों की हड़ताल का असर देखने को मिला। जहां भारतीय जीवन बीमा निगम के शाखा कार्यालय गेट पर एलआईसी कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के समर्थन में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। गेट पर ही बैठक कर कर्मचारी नेताओं ने सरकार से बैंकों के निजीकरण के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

बीडीआईईए के इकाई मंत्री अमित कुमार मिश्र ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार निजीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी आगे भी अपना समर्थन बैंकों को देते रहेंगे। अध्यक्ष स्वयंवर राम ने कहा कि सरकार बैंकों को मर्ज कर या निजीकरण कर युवाओं को रोजगार देने की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती है। इस दौरान बजरंगी राम, अंकित सिंह, कृष्णा रावत, कुमारी प्रियांशी बरनवाल, देवेंद्र सिंह, मुरलीधर, कमलेश, प्रेमचन्द गौतम, राजा देवव्रत सिंह, गुलशन डिसूजा, ऐश्वर्य मिश्रा, पंकज यादव, बृजमोहन आदि रहे।

 

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया

बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया

बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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