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300 करोड़ की ठगी के मास्टरमाइंटड आरोपी लखनऊ और बलिया से गिरफ्तार

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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल बिहार जैसे कई राज्यों में पैसे दोगुना करने का लालच देकर करोड़ों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को कमिश्नरेट पुलिस ने लखनऊ और बलिया से गिरफ्तार किया है।

पिछले चार सालों में करीबन 300 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले फ़रार अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड अरुणेश सीता को लखनऊ से और इसी गिरोह के एक और डायरेक्टर बालचंद चौरसिया को बलिया से गिरफ्तार किया गया। सर्विलांस सेल प्रभारी अंजनी पांडेय की टीम के एसआई राजकुमार पांडेय औऱ सूरज तिवारी ने आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है।

दोनों शातिर अपराधी लंबे समय से फरार थे, अभी तक किसी भी राज्य की पुलिस इन्हें ढूंढ नहीं पाई थी। करोड़ों के घोटाले का मास्टरमाइंड अरुणेश सीता बिहार का रहने वाला है। अरुणेश पहले रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस में रीजनल मैनेजर के पद पर बिहार और पश्चिम बंगाल में काम करता था। इसके बाद 2010 में कुछ साथियों अनिल त्रिवेदी और राशिद के साथ मिलकर उसने इंडस वेयर तथा अन्य कंपनियां खोली और धन दोगुना करने के नाम पर पैसे ऐंठे।

उसने कंपनी में कई डायरेक्टर्स, लीडर्स और एरिया मैनेजर जैसे पदों पर अपने खास लोगों को बैठाया, शेयर के नाम पर पैसे जमा कराए। ठगी का गोरखधंधा चलता रहा। इसके बलबूते पर आरोपी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में होटल, पटना में बेशकीमती जमीने और प्लॉट, दिल्ली में मॉल और कॉम्प्लेक्स में कमर्शियल प्रॉपर्टीयां खरीदी। अरुणेश ने एक फिल्म कंपनी भी लॉन्च किय। इस महा ठगी के पैसे से चार पांच भोजपुरी फिल्में तक प्रोड्यूस की।

ठगी का यह खेल चलता रहा। इनसे कमाए पैसों से अरुणेश सक्सेस पार्टियां देता था। लग्जरी गाड़ियों में घूमता। रुणेश सीता एवं उसके गैंग के खिलाफ अब तक की छानबीन में पंजीकृत अपराधों की क्रिमिनल हिस्ट्री सामने आई है। आरोीपी यूपी के ईओडब्ल्यू सहित कई जनपदों से मास्टरमाइंड वांछित था। इसके अलावा आरोपी पर बिहार, एमपी, छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों में करीब 19 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। इसमें 14 मुकदमे जानकारी में है। आज कमिश्नरेट वाराणसी पुलिस आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी और ज्यूडिशियल रिमांड के लिए आवेदन करेगी।

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बलिया – हल्दी गांव रास्ते के अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन भी हुआ

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बलिया में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। हल्दी गांव में जाने वाले रास्ते का अतिक्रमण प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर हटाया। साथ ही सड़क बनवाने के लिए भूमि पूजन भी किया गया है। बता दें अवैध कब्जा हटाने की स्थानीय लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले हल्दी गांव जाने वाले जर्जर मार्ग को बनवाने का आश्वासन दिया था। परिवहन मंत्री ने अपना वादा पूरा किया। जहां 65 लाख की लागत से लगभग 11 सौ मीटर सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन मंत्री प्रतिनिधि के रूप में उनके छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह ने किया।

शुक्रवार को बलिया-बैरिया मुख्यमार्ग से गांव में जाने वाले रास्ते पर लोगों द्वारा किये अतिक्रमण को जेसीबी की सहायता से हटाया गया। सड़क को अतिक्रमण करने पर क्षेत्रीय लोगों ने प्रशंसा की। अतिक्रमण की वजह से आये दिन जाम की स्थिति बन रही थी। जिसके कारण कई बार हादसा हुआ।

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बेल्थरारोड से पूर्व विधायक गोरख पासवान को कोर्ट से झटका, ट्रेन रोकने के मामले में सजा बरकरार

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बलिया। वाराणसी कोर्ट से पूर्व विधायक गोरख पासवान को झटका लगा है। कोर्ट ने 11 साल पहले इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन रोकने के मामले में लगी याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें मामले में कोर्ट ने बेल्थरारोड सीट से पूर्व विधायक गोरख पासवान को दोषी करार देते हुए 3 महीने की सजा सुनाई थी।

वाराणसी में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अवनीश गौतम की अदालत ने एसीजेएम षष्टम के 8 अगस्त 2022 के फैसले को सही मानते हुए अभियुक्त को 7 अप्रैल को हाजिर होने का आदेश दिया है। अभियोजन का पक्ष एडीजीसी विनय सिंह ने रखा। अपीलीय अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया जिसमें कहा गया हो कि उसने जनता को नहीं भड़काया।
क्या है पूरा मामला- बता दें मऊ के एसआई डीके शर्मा ने 4 अप्रैल 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि सपा विधायक गोरख पासवान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने वाराणसी-गोरखपुर रेल प्रखंड पर बनकरा गांव के पास रेल फाटक बनाने की मांग को लेकर इंटरसिटी एक्सप्रेस को 18 मिनट तक रोक कर रखा था।

मामले में अपर कोर्ट ने रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में दोषी गोरख पासवान को 3 माह की अधिकतम सजा और साढ़े 4 हजार का जुर्माना 8 अगस्त 2022 को लगाया था। अभियुक्त ने इसी के खिलाफ दाखिल अपील में कहा था कि साक्ष्य पर आधारित सजा नहीं सुनाई बल्कि भावनात्मक आधार पर सजा सुनाई गई। घटनास्थल पर पहले से भीड़ थी।

इसकी जानकारी होने पर डर्मापुर फेफना निवासी तत्कालीन विधायक अभियुक्त मौके पर पहुंचा। भीड़ को समझा-बुझाकर हटाने की कोशिश भी की। अपीलीय अदालत ने कहा कि आरोप के खिलाफ़ कथित भूमिका को साबित करने का भार अभियुक्त पर था जिसे वह साबित नहीं कर सका। ऐसे में अवर न्यायालय की सजा की पुष्टि की जाती है।

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बलियाः अवैध अतिक्रमण को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट ने किया शहर का निरीक्षण

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बलिया में बढ़ते अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी रवींद्र कुमार सख्त रवैया अपना रहे हैं। उनके निर्देश के क्रम में सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार ने आज रामलीला मैदान का निरीक्षण किया।

उन्होंने शीश महल के बगल की गली का भी अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि इस गली को भी वाहन स्टैंड बनाया जा सकता है। इसके अलावा और भी स्थानों पर लेखपाल के माध्यम से यह जानकारी ली जा रही है कि उस एरिया में कौन सी सरकारी जमीन है जहां स्टैंड बनाए जा सके।सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार ने बताया कि नगर क्षेत्र में अतिक्रमण के अलावा जाम की समस्या आए दिन बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में निरीक्षण किया गया है। इस मौके पर अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह, एसके सिंह आर आई इसके अलावा परिवहन विभाग के कर अधिकारी आरती गौतम भी मौजूद रहे।

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