बलिया
व्यापारी सुसाइड मामले में पीड़ित परिवार से मिल भावुक हुए विधायक दयाशंकर सिंह
बलिया में सूदखोरों से परेशान होकर बंदूक व्यापारी नंद लाल गुप्ता ने फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद मृतक की पत्नी और बेटी की हालत खराब है।
उनकी दर्द को देखते हुए मंत्री व सदर विधायक दयाशंकर सिंह भी फफक पड़े और उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। बता दें कि नंदलाल गुप्ता ने फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए बताया कि सूदखोरों की वजह से परेशान हूं। योगी जी मोदी जी मेरे बच्चों, परिवार का भला करें, इतने पर कनपटी में पिस्टल से गोली मारते हुए आत्महत्या कर ली।
गुरुवार को मंत्री दयाशंकर सिंह परिजनों से मिलने पहुंचे। गुरुवार को मृतक नंदलाल का दाह संस्कार भी किया गया। मृतक नंद लाल के दो संतान हैं। लड़का नैतिक 8 वर्ष और गुनगुन लगभग दस साल की है। बलिया आर्म्स कॉरपोरेशन नाम से दुकान है। पत्नी मोनी गुप्ता ने सूबे के सीएम सहित जिले के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। कहा कि जिस तरह से सूदखोरों ने मेरा जीवन खराब कर दिया है, मेरी परिवार को उजाड़ दी है। ठीक उसी तरह से इन सूदखोरों को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ताकि भविष्य में मेरे जैसा कोई बहन विधवा न हो सके। उसकी मांग का सिंदूर इन सूदखोरों के कारण न उजड़े। मेरा पति ने इन सूदखोरों को पैसा पूरी तरह से दे दिया था।फिर भी इन सूदखोरों ने मेरे पति का मानसिक उत्पीड़न किया। उन्हें आत्म हत्या करने के लिए विवश किया।
मृतक के पत्नी की तहरीर पर 12 नामजद एवं 4-5 अन्य के खिलाफ धारा 306, 420, 406,506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपियों में हनुमान सिंह,अजय सिंह,देव नारायण सिंह, सहजा नंद सिंह, अनिल चौबे,राहुल चौबे, रोहित चौबे,अखिलेश प्रताप सिंह,आलोक सिंह ,सुनील मिश्रा,राजू मिश्र अन्य 4- 5 हैं।
बलिया
बलिया में गंगा नदी में नहाते समय डूबा युवक, मौत
बलिया में गंगा नदी में नहाते समय युवक हादसे का शिकार हो गया। युवक गंगा नदी में नहाने गया था, इसी दौरान उसका पैर फिसला और वो नदी में डूब गया। गहरे पानी में डूबने से युवक की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला जिले में हल्दी थाना के चैनछपरा गंगा घाट का है। जहां सोमवार की सुबह ओझवलिया निवासी गोलू पासवान अपने बड़े भाई अर्जुन पासवान के दो पुत्र बलवीर और कान्हा का मुण्डन संस्कार में शामिल होने के लिए गंगाघाट पर गया था।
स्नान करने के बाद गोलू पूजा करने के लिए लोटे में गंगा जल लाने दोबारा नदी में गया। इस दौरान नदी में उतरते ही उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। जिसके कारण गंगा में डूबने से उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद घाट पर अफरा तफरी मच गई। मृतक के परिवार जनों का रो रो कर बुरा हाल है।
बलिया
बलिया भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ने पत्र लिखकर लगाई न्याय की गुहार, ये है मामला
बलिया के बेलथरा रोड के भारतीय जनता पार्टी के नेता और युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अभिजीत सिंह रमन ने कथित रूप से पिटाई की घटना के बाद पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। भाजपा नेता की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था । इस मामले पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ़ नामजद FIR दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अभिजीत सिंह रमन ने पत्र के जरिए आरोप लगाए हैं कि कुछ लोगों ने उनके साथ बुरी तरह मारपीट की। पहले उन्हें घर से बुलाया गया और फिर जमकर पीटा। इस मामले की शिकायत उन्होंने पत्र लिखकर पुलिस से की है।
बीजेपी नेता ने पत्र में लिखा कि 13 अप्रैल को रात में उनके मोबाइल पर एक फोन आया। घटना स्थल पर पहुंचने के बाद एक साथ कई लोग मिलकर आए और किसी बात को लेकर बहस करने लगे, फिर बिना कोई कारण बताए मारना-पीटना शुरू कर दिया। भाजपा नेता ने पत्र पर लिखा कि आरोपियों ने मेरी सोने की चैन गले से छीन ली और मेरी गाड़ी के पीछे का शीशा तोड़ दिया और मेरी गाड़ी की चाबी भी ले गए। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि आरोपी पहले से पीटने और छिनैती की नियत से प्लानिंग कर मेरे साथ धोखा किए हैं। जिसका मुकदमा उसी रात उपरोक्त दर्ज है। भाजपा नेता ने पुलिस पर भी लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं।
बताया जा रहा है कि भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अभिजीत सिंह रमन की कुछ लोगों से चुनावी रंजिश चल रही है। आरोप है कि उन लोगों ने अभिजीत सिंह रमन के साथ पहले भी बदसलूकी की थी।
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ब्राह्मण बहुल बलिया लोकसभा सीट से सपा ने सनातन पांडेय को दिया टिकट
लोकसभा चुनाव का मंच सज चुका है. एकाध राउंड का प्रदर्शन (वोटिंग) भी हो चुका है. इस बीच बलिया लोकसभा सीट की गर्माहट भी बढ़ गई है. क्योंकि लंबे इंतज़ार के बाद आख़िरकार समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. सपा ने ब्राह्मण बहुल बलिया सीट से सनातन पांडेय को लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को टिकट दिया है. नीरज शेखर के सामने सनातन पांडेय को मैदान में उतारना ‘नहले पर दहला’ जैसा दांव माना जा रहा है. सनातन पांडेय 2019 में भी बलिया से सपा के उम्मीदवार थे. तब बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ मैदान में थे. उस चुनाव में वीरेंद्र सिंह के हाथों सनातन पांडेय को शिकस्त मिली थी. लेकिन दोनों के बीच महज 15 हजार 519 वोटों का फासला था.
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया. उनकी जगह लाए गए नीरज शेखर. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि सपा बलिया से किसे टिकट देती है. सनातन पांडेय के नाम को लेकर चर्चाएं पहलें से ही तेज़ थीं और अब हुआ भी ऐसा ही है.
ब्राह्मण बहुल बलिया सीट:
सनातन पांडेय और बलिया के चुनावी इतिहास में पर एक नज़र डालेंगे लेकिन पहले बात करते हैं जातीय समीकरण के बारे में. क्योंकि इस बार का खेल इसी समीकरण से सेट होता दिख रहा है. बलिया की कुल आबादी करीब 25 लाख है. मतदाता हैं करीब-करीब 18 लाख. इनमें सबसे ज्यादा वोट ब्राह्मण समुदाय का है. तीन लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं. राजपूत, यादव और दलित वोटर लगभग ढाई-ढाई लाख हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाता हैं एक लाख. भूमिहार और राजभर जाति के वोट भी प्रभावी हैं.
यूपी में बीजेपी को लेकर 2017 के बाद से ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगता रहा है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये आरोप लगने शुरू हुए हैं. विपक्षी पार्टियां गाहे-बगाहें ब्राह्मणों के ख़फ़ा होने का दावा करती हैं. ऐसे में इस सीट से सपा ने एक ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर पर्सेप्शन की लड़ाई में तो बाज़ी मार ली है.
‘सनातन’ की सियासत:
साल 1996. गन्ना विभाग के इंजीनियर सनातन पांडेय ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. क्योंकि सिर पर सियासत का खुमार सवार हो गया था इस्तीफे के बाद पहली बार 2002 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहा था. सनातन पांडेय ने निर्दलीय ताल ठोक दिया. लेकिन उनके हिस्से आई हार. इसके बाद उन्होंने सपा ज्वाइन कर लिया.
साल 2007. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे थे. सपा ने चिलकहर सीट से सनातन पांडेय को टिकट दिया. वे चुनाव लड़े और नतीजे उनके पक्ष में रहे. पांच साल बाद 2012 में फिर विधानसभा चुनाव हो रहे थे. तब तक चिलकहर विधानसभा सीट को समाप्त कर दिया गया था. पार्टी ने उन्हें रसड़ा से टिकट दिया. इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उमाशंकर सिंह की जीत हुई थी.
2012 में यूपी में सपा की सरकार बनी. रसड़ा से हारने के बावजूद सनातन पांडेय को मंत्री पद मिला था. 2017 में भी उन्होंने रसड़ा से चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी, लेकिन इस बार वे तीसरे नंबर पर खिसक गए थे.
2007 के बाद से चुनावी सियासत में सूखे का सामना कर रहे सनातन पांडेय के लिए 2024 लोकसभा चुनाव का स्टेज सेट है. इस बार उनके पास एक बड़ा मौका है सियासी ज़मीन पर झमाझम बारिश कराने की. ये बारिश कितनी मूसलाधार होगी और कौन-कितना सराबोर होगा, इसके लिए 4 जून की तारीख़ का इंतज़ार है.
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