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बलिया स्पेशल

बलिया- राष्ट्रीय स्तर पर पदक व सम्मान दिलाने वाले खिलाड़ी आज बाल मजदूरी करने को मजबूर

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बलिया- राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो खेल में बलिया और पुरे यूपी को सम्मान व पदक दिलाने वाले आठवीं के छात्र अजीत शर्मा आज मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं । नेशनल स्तर के खिलाड़ी  अजीत पूर्व माध्यमिक विद्यालय (तहसीली स्कूल) के आठवीं के छात्र हैं ,वहीँ उनके दुसरे साथी शिवम वर्मा व राजन श्रीवास्तव  जो राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो खेल में यूपी को सम्मान व पदक दिलाने के बाद भी स्कूली शिक्षा संग खेल को जारी रखने के लिए दूसरे के यहां बाल मजदूरी करने को विवश हैं।

फोटो साभार- दैनिक जागरण

इनमें से  शिवम वर्मा एवं अजीत शर्मा स्कूली राष्ट्रीय खेलों (खो-खो) के इतिहास में वर्ष 2017 में पहली बार यूपी टीम का हिस्सा बन कांस्य पदक दिलाया था । महारास्ट्र के सांगली में आयोजित उस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में इन  दोनों खिलाडियों ने  तहसीली स्कूल की तरफ से यूपी टीम का प्रतिनिधित्व भी किया था । वहीं राजन श्रीवास्तव नासिक में खो-खो खेल में ही सब जूनियर नेशनल में यूपी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

ये तीनों राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अपनी पढ़ाई संग खेल को जारी रखने के लिए बाल मजूदरी  कर रहे हैं। उनके कोच व तहसीली स्कूल के व्यायाम शिक्षक विनोद कुमार  ने दैनिक जागरण को बताया की ¨ ये तीनों अपनी प्रतिभा का शत प्रतिशत परिणाम इसलिए नहीं दे पा रहे हैं कि पढ़ाई और खेल के समय में से ही मजदूरी के लिए भी समय निकालते हैं। यदि इन्हें पूर्ण मनोयोग से खेलने और पढ़ने का समय मिलता है निश्चित ही परिणाम और बेहतर होगा।वही  इन तीनों का परिवार भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।

आर्थिक तंगी के कारण कालेज व यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं ले पाने वाले खिलाड़ियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। यूजीसी के इस फैसले से इन नन्हें खिलाड़ियों को भी भविष्य में आशा की एक किरण दिखाई दे रही है। यूजीसी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले और पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को मुफ्त शिक्षा दिलाने का फैसला किया है। कालेज व यूनिवर्सिटी प्रबंधन एक वर्ष में खिलाड़ी पर होने वाले खर्च का क्लेम यूजीसी से कर सकेंगे। इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को सर्कुलर भी भेज दिया गया है।

 

इनपुट्स- दैनिक जागरण

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बलिया में इतने दिनों के लिए धारा-144 लागू

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बलिया में 17 नवंबर से 14 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है। इस बाबत जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद सीमा के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें जिससे शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।

यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।

कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।

कोई भी व्यक्ति ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा जिससे किसी वर्ग विशेष की भावना को ठेस पहुचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रोत्साहित करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।

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बलिया के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर इन तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी

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बलिया में बैरिया विधानसभा के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर अब से 3 ट्रेनों के ठहराव को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जिन 3 ट्रेनों का ठहराव होगा, उसमें बरौनी – गोंदिया एक्सप्रेस, बरौनी – अम्बाला एक्सप्रेस  और गोरखपुर कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। वाराणसी डिवीजन को इन तीन ट्रेनों के ठहराव के लिए जल्द से जल्द कहा गया है।

बता दें कि इन ट्रेनों के ठहराव की लागतार मांग हो रही थी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के पत्र और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह के अनुरोध पर बलिया निवासी मुरादाबाद रेल मंडल केएडीआरएम  निर्भय नारायण सिंह के अथक प्रयास से आज बैरिया वासियों को बड़ी सौगात मिली है। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बधाई दी।

इन ट्रेनों के ठहराव से अब बैरिया क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामवासियों को बहुत सुविधा होगी। अब रेलयात्री आसानी से सफर कर पाएंगे। ये तीनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनें हैं, ऐसे में यात्री आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे।

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बलिया के मुफ़्त स्वास्थ्य कैंप में उमड़ा जनसैलाब, ‘दयाल फाउंडेशन’ को लोगों ने बताया मसीहा!

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बलिया के बांसडीह (Bansdih) में शनिवार को राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन (Rajesh Singh Dayal Foundation) की ओर से दो दिवसीय मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। मेडिकल कैंप के पहले दिन ही रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी। बांसडीह इन्टर कालेज  (Bansdih Inter College) में लगे कैंप में  मरीजों को देखने के लिए लखनऊ (Lucknow) से आयी चिकित्सकों की टीम द्वारा नि:शुल्क दवाइयां भी दी गयी। पहले दिन यहाँ तकरीबन 3500 लोगों का मुफ़्त इलाज किया गया।

Rajesh Dayal Foundation

स्वास्थ्य शिविर (Medical Camp) में पहुंचे मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए एडमिशन कांउटर,चिकित्सक कक्ष,जांच कक्ष से लेकर दवा वितरण कक्ष तक पर वालेंटियर तैनात थे। जो मरीजों का हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर थे।शिविर के आयोजक तथा समाजसेवी राजेश सिंह दयाल स्वयं बराबर चक्रमण करते हुए अपनी नज़र रखे हुए थे। वे स्वयं भी मरीजों की सहायता कर रहे थे।

शिविर में ईसीजी (EGC),ब्लड टेस्ट (Blood Test) आदि की भी व्यवस्था थी। चिकित्सकों के परामर्श पर मरीजों का न केवल विभिन्न टेस्ट किया गया बल्कि नि:शुल्क दवा ( Free Medicine)भी वितरित किया गया।

मेडिकल कैंप (Medical Camp) में इलाज कराने पहुंचे मरीजों‌ ने की सराहना

मेडिकल कैंप  में इलाज कराने पहुंचे पुष्पा देवी, मोहम्मद शब्बीर,कुमारी रूबी,कुमारी जानकी,राधिका देवी,रमेश राम आदि ने कहा कि

“स्वास्थ्य शिविर से क्षेत्रवासियों को लाभ मिल रहा है। यहां जो सुविधा उपलब्ध है इससे पहले कभी नहीं हुई । चिकित्सकों का उचित परामर्श,टेस्ट तथा नि:शुल्क दवाएं मिल रही है। ऐसा शिविर अगर क्षेत्र में हमेशा लगता रहे तो निश्चित ही लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलने में सहायक होगा। यह कार्य बेहद सराहनीय है और इस तरह के कार्य हमेशा होना चाहिए। यह इलाका पिछड़ा है और इस शिविर से यहां के लोगों को काफी लोगों को इससे फ़ायदा मिल रहा है। दयाल फाउंडेशन यहाँ के लोगों के लिए एक तरह से मसीहा का काम कर रहा है”

स्वास्थ्य शिविर के आयोजक समाजसेवी राजेश सिंह दयाल (Rajesh Singh Dayal)  ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य की जरूरत है।आज भी स्वास्थ्य लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य की सुविधा हो जाए इसके लिए हम लोग काम कर रहे हैं। कहा कि इस प्रकार का स्वास्थ्य शिविर हमेशा जारी रहेगा।कहा कि लगातार काम करना है बच्चों की शिक्षा पर,कुपोषण पर कार्य करना है।

उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम बाकी है। राजेश सिंह (Rajesh Singh) ने कहा कि अगर यहाँ डॉक्टर मरीजों को चिकित्सक रेफर करते हैं तो उनका इलाज लखनऊ ले जा कर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से यह कार्य लगातार जारी है।

 

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