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बलिया

लोग सहेजने लगे पानी और क्रिटिकल जोन से बाहर हो गया रसड़ा!

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जल ही जीवन है, यह वाक्य हम बचपन से सुनते आए हैं। लेकिन अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों में हम कई लीटर पानी यूं ही बहा देते हैं। नतीजा यह होता है कि गर्मी का मौसम आते है पानी की कमी शुरु हो जाती है। ऐसे में जल सरंक्षण को लेकर सरकार व समाजसेवियों के द्वारा कई मुहिम चलाई जा रही हैं। जिसका असर भी लोगों पर दिख रहा है। बलिया में भी जल संरक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता आई है। यही वजह है कि जिले में स्थित सेमी क्रिटिकल जोन क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है, रसड़ा भी ब्लॉक जोन से बाहर हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में भी तालाबों का निर्माण किया गया है।

भूगर्भ विभाग की रिपोर्ट के आधार पर जिले के रसड़ा ब्लॉक क्षेत्र को सेमी क्रिटिकल जोन घोषित किया गया था। साल 2020 तक यह सेमी क्रिटिकल जोन में रहा। इसके बाद रसड़ा में भू जलस्तर को संरक्षित करने कई तरह के काम किए गए। साल 2017-18 में 22 व 2018-19 में 12 तालाबों की खोदाई कराई गई। वर्ष 2019-20 व 2020-21 में कुल 30 तालाब बनवाए गए।इसके साथ ही पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत रसड़ा क्षेत्र में मेड़बंदी व वृक्षारोपण कार्य कराया गया। इन्हीं प्रयासों की बदौलत अब रसड़ा सेमी क्रिटिकल जोन से बाहर किया गया है। जल संरक्षण को लेकर ही पीएम मोदी ने 22 मार्च 2021 को कैच द रेन अभियान का शुभारंभ किया गया था।

उन्होंने यह भी आग्रह किया था कि मनरेगा के हर पैसे को वर्षा जल संरक्षण पर खर्च किया जाना चाहिए।इस अभियान के तहत लोगों को जल सरंक्षण के लिए प्रेरित किया गया। जल संचयन गड्ढे, छत पर वर्षा जल संचय और चेक डैम बनाने के साथ ही नए तालाबों का निर्माण, पुराने तालाबों की सफाई, कूपों की सफाई आदि कार्य कराए जाने का प्रावधान है। अब तक योजना के तहत मनरेगा से कुल 15243 तरह की कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें 714 योजनाओं पर कार्य भी शुरू हो चुका है।बलिया की बात करें तो 2007 से लेकर 2021 तक यहां कुल 1637 तालाबों का निर्माण किया गया है। हर साल औसत 250 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाता रहा है।

बीते चार सालों में ही तालाबों के जीर्णोद्धार पर करीब 19 करोड़ खर्च किए हैं। इसमें वर्ष 2015-16 में 320 तालाबों पर 4.12 करोड़, वर्ष 16-17 में 570 तालाबों पर 7.24 करोड़ और वर्ष 17-18 में 278 तालाबों पर 4.47 करोड़ एवं वर्ष 18-19 में 323 तालाबों पर तीन करोड़ 64 लाख 99 हजार, 19-20 में 203 तालाबों पर 3.9 करोड़ व 20-21 में 215 तालाबों के जीर्णोद्धार दो करोड़ की धनराशि खर्च की गई है।इसके अलावा भी 217 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का प्रस्ताव है। इसमें 54 स्थानों पर लग चुका है। जिले को शासन ने सेफ जोन में माना है लिहाजा पूर्व के चिह्नित स्थानों में बदलाव कर दिया है।

नोडल अधिकारी जल संरक्षण व सहायक अभियंता लघु सिंचाई एसएस यादव की मानें तो बलिया को सेफ जोन माना गया है। रसड़ा क्षेत्र में पूर्व में जलस्तर की स्थिति ठीक नहीं थी लेकिन यहां भी सुधार हुआ है।बलिया एडीएम आरके सिंह का कहना है कि भूगर्भ जलस्तर को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग विभागों की ओर से कार्य किए जा रहे हैं। जल ही जीवन है इसके प्रति आमलोगों को भी जागरुक होने की आवश्यता है। पुराने तालाब, पोखरी आदि पर अतिक्रमण आदि की शिकायत मिलने पर कार्रवाई कर अतिक्रमणमुक्त कराने का कार्य राजस्व विभाग की ओर से किया जाएगा।

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सलेमपुर सीट से प्रत्याशी रमाशंकर राजभर पहुंचे बलिया, भाजपा पर बोला जमकर हमला

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बलिया के बेल्थरारोड़ में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर पहुंचे। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। सलेमपुर लोकसभा के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के सारे मुद्दे फेल हो चुके हैं, सिर्फ टीवी पर भाजपा जीत रही है। इंडिया गठबंधन बूथों पर जीत रहा है। उन्होंने कहा इस बार भाजपा का 400 का सपना पूरा होने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा यह प्रचारित कर रही है कि विपक्षी दल के लोग रामजी की प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या नहीं पहुंचे। कहा कि जब यह कार्यक्रम ऋषि मुनियों द्वारा किया गया होता तो हम अवश्य वहां पहुंचते। सभी जानते हैं कि यह कार्यक्रम भाजपा द्वारा प्रायोजित था। कहा कि श्रीराम हम सब के आराध्य हैं, वह सिर्फ भाजपा के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कितनी विडम्बना की बात है कि 10 वर्ष सरकार चलाने के बाद भाजपा महंगाई, बेरोजगारी पर बहस को तैयार नहीं है। वह केसीसी पर किसानों एवं व्यापारियों को जीएसटी पर छूट को भी तैयार नहीं है। कहा कि अब भाजपा के झूठ को नौजवान, किसान, मजदूर जान चुका है।

इसके अलावा मीडिया से बातचीत करते हुए रमाशंकर राजभर ने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाया। रमाशंकर ने कहा कि सांसद बनते ही वो पहला कार्य वर्तमान सांसद के घर से शुरू करेंगे। उनकी टंकी में पानी नहीं आ रहा है, वो सही करवाने का काम करूंगा। इसके अलावा घाघरा नदी पुल पर जीवन रक्षक जाली लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बेल्थरा रोड – बकुल्हां रेल मार्ग की फ़ाइल को कूड़ेदान से बाहर निकलवाना भी उनकी प्राथमिकता है। इसके अलावा रामशंकर ने अपनी जीत का दावा भी किया।

इस अवसर पर सपा के प्रदेश सचिव आद्याशंकर यादव, मतलूब अख्तर, पूर्व ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल, शमशाद बासपारी, बब्बन यादव, राजनाथ यादव, आनन्द यादव, रामाश्रय यादव, अमरजीत चौधरी, पिंटू यादव, फाइटर, राजाराम यादव, कांग्रेसी नेता अशोक सिंह, अमलेश कन्नौजिया, शाहिद समाजवाद, मिर्धा, संजय यादव, संजय राजभर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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बलिया में नए सिरे से होगी गंगा पुल निर्माण में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच, नई टीम गठित

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बलिया में गंगा पुल के निर्माण में हुए घोटाले के मामले से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है। अब निर्माण में हुए करोड़ों के घपले की जांच के लिए नई समिति गठित की जाएगी। समिति नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी। बता दें कि विधानसभा में प्रकरण उठने के बाद पुनः जांच समिति गठित करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि ड्राइंग के मद में 16.71 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल था या नहीं, यह शासन ही स्पष्ट कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक, बलिया में श्रीरामपुर घाट पर गंगा पर करीब 2.5 किमी लंबे पुल का निर्माण कराया गया है। यह काम वर्ष 2014 में मंजूर हुआ था। साल 2016 में संशोधित एस्टीमेट और 2019 में पुनः संशोधित एस्टीमेट मंजूर किया गया। कुल 442 करोड़ रूप का एस्टीमेट रखा गया, जबकि ये नियमानुसार 424 करोड़ रूपये होना चाहिए था। दोबारा संशोधित स्वीकृति में बिल ऑफ क्वांटिटी में 16.7 करोड़ का डिजाइन चार्ज के मद में अतिरिक्त प्रावधान किए जाने से निगम और शासन को यह नुकसान हुआ। जीएसटी लगाकर यह राशि करीब 18 करोड़ रुपये बनती है।

जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि डिजाइन चार्ज से संबंधित दस्तावेज आजमगढ़ में मुख्य परियोजना प्रबंधक के कार्यालय से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और न ही कोई दस्तावेज सेतु निगम मुख्यालय में उपलब्ध हैं। ऐसे में इस मामले में अब गहराई से जांच की जायेगी।

बता दें कि सेतु निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यय वित्त समिति को प्रस्तुत किए जाने से पूर्व किसी भी परियोजना की लागत दरों का मूल्यांकन, परियोजना मूल्यांकन प्रभाग करता है। इसलिए इस संबंध में वास्तविक स्थिति प्रभाग ही स्पष्ट कर सकता है। यह भी बताया गया है कि पुनः जांच समिति की जांच प्रक्रियाधीन है।

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जानें कौन है बलिया से बसपा के प्रत्याशी लल्लन यादव?

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लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही समय बाकी है। सभी प्रदेशों में अलग-अलग चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियां क्रमबद्ध तरीके से सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी ने बलिया लोकसभा सीट से लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है। आईए जानते हैं लल्लन सिंह के बारे में।

लल्लन सिंह यादव गाजीपुर सदर विधानसभा के नोनहरा थाना अंतर्गत चौरही ग्राम सभा के निवासी हैं। लल्लन सिंह यादव पूर्व सैनिक हैं। लल्लन सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई मेरी इंटर कॉलेज खालिसपुर गाजीपुर से की थी। इसके बाद वे सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में लड़ाई लड़ी थी और वे घायल हुए थे। 2009 में वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने 2017 में बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की और गाजीपुर सदर से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला। अब इस बार के लोकसभा चुनाव में BSP ने उन पर भरोसा जाता है। उन्होंने कहा कि चुनावी मैदान में आने का अवसर मिला है। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करूंगा।

बीएसपी प्रत्याशी लल्लन सिंह यादव ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी ही नहीं बल्कि मिशिनरी पार्टी भी है। यही वजह है कि मैं बसपा से जुड़ा। चुनाव में मेरा मुख्य मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण है। बीएसपी के अलावा ऐसी कोई पार्टी नहीं जो समाज के बारे में सोचती हो।

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