बलिया। ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत में पैर पसार रहा है। धीरे धीरे इस नए वेरिएंट की चपेट आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन चिंता की बात यह है कि जिस तेजी से वायरस का कहर बढ़ रहा है, उसी तेजी से लोग लापरवाह हो रहे हैं।बाजारों में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं न ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो रहा है। कोरोना जांच को लेकर भी स्वास्थ्य महकमा भी लापरवाह बना हुआ है। कोरोना टेस्टिंग के लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा।
रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के हाल और भी बुरे हैं। यहां जांच करने वाली टीम मौजूद नहीं रहती। लिहाजा बिना जांच के ही लोग जनपद में आ जा रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा और भी बढ़ रहा है। जनपद का स्वास्थ्य महकमा उदासीन बना हुआ है। जबकि स्वास्थ्य विभाग 40 से 42 टीमें कोरोना की जांच करने का दावा करता चला आ रहा है। बताया जा रहा है कि जनपद में अस्पताल समेत बस व रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन तीन हजार से 3200 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजारा देखने को मिला।
हालात ये हैं कि रोडवेज बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन परिसर में कोई भी जांच टीम नहीं रहती। जिला महामारी अधिकारी डा. जियाउल हुदा ने बताया कि शुक्रवार को बस व रेलवे स्टेशन को मिलाकर कुल 840 लोगों की कोरोना जांच हुई है। बताया कि रेलवे स्टेशन पर दो सुबह तथा दो शाम को टीमें लगाई गई है। रेलवे स्टेशन परिसर में तैनात टीमें जब भी ट्रेन आती है उससे पहले तैनात रहती है और प्रत्येक व्यक्ति की जांच करती है। लेकिन असलियत में हालात बेहद चिंताजनक हैं।
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