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बलिया: सुखपुरा में हो रहा प्लास्टिक वेस्ट यूनिट का निर्माण, मिलेंगे रोजगार के अवसर
बलिया: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सुखपुरा में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण शुरू कर दिया है। इसके निर्माण के लिए पंचायती राज विभाग ने 16 लाख की धनराशि जारी कर दी है।
इस मार्ग निर्माण में प्लास्टिक कचरे से तैयार सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।
बेरुआरबारी ब्लॉक के सबसे बड़े गांव सुखपुरा में संभवतः जनपद का पहला प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत इसका निर्माण किया जा रहा है।
यूनिट के निर्माण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को ही सौंपी गई है। इस यूनिट में आसपास के गांवों से प्लास्टिक कचरे को मंगा कर उसकी प्रोसेसिंग की जाएगी।
इस सड़क के निर्माण के लिए गांवों में प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं वहीं से प्लास्टिक कचरे को इस यूनिट में लाया जाएगा। प्लास्टिक कचरे में प्लास्टिक के बोतल,विभिन्न खाद्य पदार्थों जैसे कुरकुरे, चिप्स,नमकीन आदि के रैपर होंगे। इसी के पास ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का निर्माण भी किया जा रहा है जो अब अंतिम चरण में है।
इसके बाद विभिन्न प्रकार की प्लास्टिक, अन्य ठोस और तरल कूड़ा को अलग कर प्लास्टिक को इसी कैंपस में निर्मित होने वाले प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट संयंत्र के द्वारा कटिंग कर अन्य उपयोग में लाने लायक बनाया जाएगा। 80 से 85 प्रतिशत कचरा पर्यावरण के लिए काफी संकट पैदा कर रहा है। इसी परिपेक्ष्य में सरकार ने पंचायत स्तर पर इस योजना की शुरुआत की है।
ग्राम प्रधान अभिमन्यु चौहान और ग्राम विकास अधिकारी भरत सिंह ने बताया कि आरआरसी केंद्र और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण पूरी शिद्दत के साथ गुणवत्ता पूर्वक किया जा रहा है।
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बलिया में नए सिरे से होगी गंगा पुल निर्माण में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच, नई टीम गठित
बलिया में गंगा पुल के निर्माण में हुए घोटाले के मामले से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है। अब निर्माण में हुए करोड़ों के घपले की जांच के लिए नई समिति गठित की जाएगी। समिति नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी। बता दें कि विधानसभा में प्रकरण उठने के बाद पुनः जांच समिति गठित करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि ड्राइंग के मद में 16.71 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल था या नहीं, यह शासन ही स्पष्ट कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, बलिया में श्रीरामपुर घाट पर गंगा पर करीब 2.5 किमी लंबे पुल का निर्माण कराया गया है। यह काम वर्ष 2014 में मंजूर हुआ था। साल 2016 में संशोधित एस्टीमेट और 2019 में पुनः संशोधित एस्टीमेट मंजूर किया गया। कुल 442 करोड़ रूप का एस्टीमेट रखा गया, जबकि ये नियमानुसार 424 करोड़ रूपये होना चाहिए था। दोबारा संशोधित स्वीकृति में बिल ऑफ क्वांटिटी में 16.7 करोड़ का डिजाइन चार्ज के मद में अतिरिक्त प्रावधान किए जाने से निगम और शासन को यह नुकसान हुआ। जीएसटी लगाकर यह राशि करीब 18 करोड़ रुपये बनती है।
जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि डिजाइन चार्ज से संबंधित दस्तावेज आजमगढ़ में मुख्य परियोजना प्रबंधक के कार्यालय से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और न ही कोई दस्तावेज सेतु निगम मुख्यालय में उपलब्ध हैं। ऐसे में इस मामले में अब गहराई से जांच की जायेगी।
बता दें कि सेतु निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यय वित्त समिति को प्रस्तुत किए जाने से पूर्व किसी भी परियोजना की लागत दरों का मूल्यांकन, परियोजना मूल्यांकन प्रभाग करता है। इसलिए इस संबंध में वास्तविक स्थिति प्रभाग ही स्पष्ट कर सकता है। यह भी बताया गया है कि पुनः जांच समिति की जांच प्रक्रियाधीन है।
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जानें कौन है बलिया से बसपा के प्रत्याशी लल्लन यादव?
लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही समय बाकी है। सभी प्रदेशों में अलग-अलग चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियां क्रमबद्ध तरीके से सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी ने बलिया लोकसभा सीट से लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है। आईए जानते हैं लल्लन सिंह के बारे में।
लल्लन सिंह यादव गाजीपुर सदर विधानसभा के नोनहरा थाना अंतर्गत चौरही ग्राम सभा के निवासी हैं। लल्लन सिंह यादव पूर्व सैनिक हैं। लल्लन सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई मेरी इंटर कॉलेज खालिसपुर गाजीपुर से की थी। इसके बाद वे सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में लड़ाई लड़ी थी और वे घायल हुए थे। 2009 में वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने 2017 में बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की और गाजीपुर सदर से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला। अब इस बार के लोकसभा चुनाव में BSP ने उन पर भरोसा जाता है। उन्होंने कहा कि चुनावी मैदान में आने का अवसर मिला है। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करूंगा।
बीएसपी प्रत्याशी लल्लन सिंह यादव ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी ही नहीं बल्कि मिशिनरी पार्टी भी है। यही वजह है कि मैं बसपा से जुड़ा। चुनाव में मेरा मुख्य मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण है। बीएसपी के अलावा ऐसी कोई पार्टी नहीं जो समाज के बारे में सोचती हो।
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बलिया के मोहम्मद आफताब ने UPSC परीक्षा में हासिल की 512वीं रैंक
संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में कुल 1016 कैंडिडेट्स चयनित हुए हैं। इनमें से 180 उम्मीदवार इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) और 200 उम्मीदवार इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के लिए चुने गए हैं।
सिविल सेवा परीक्षा पास कर अधिकारी बनने वाले युवाओं की सूची में बलिया के मोहम्मद आफताब आलम का नाम भी शामिल है। मोहम्मद आफताब आलम ने बलिया के सेंट थॉमस स्कूल से क्लास 6 तक पढ़ाई करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद IIT इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से BTech किया।
उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली से UPSC की कोचिंग ली और अपनी मेहनत से परीक्षा में 512 रैंक हासिल की। मोहम्मद आफताब आलम ने अपने दूसरे प्रयास में ये सफलता हासिल की है। उनकी इस कामयाबी पर पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है। बता दें कि आफताब बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं, उनका रुझान हमेशा से सिविल सेवा की तरफ रहा है। ऐसे में उन्होंने पूरी मेहनत के साथ तैयारी की और सबसे कठिन मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।
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