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पूर्वांचल को प्रधानमंत्री दे रहे भर-हाथ सौगात, बलिया के हिस्से सिर्फ वादे क्यों?

भारत के प्रधानमंत्री और भाजपा के खेवनहार नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिया हो चुके हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री की जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ही मंच से योजनाओं-परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे हैं। पूर्वांचल को भी खूब उपहार दिए जा रहे हैं। तो सवाल है कि पूर्वांचल के एक बड़े जनपद बलिया को क्या मिल रहा है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। इनमें अकेले पूर्वांचल के खाते में 160 से अधिक सीटें मौजूद हैं। ऐसे में पूर्वांचल का राजनीतिक महत्व हर दल और नेता जानते हैं। खबरों के मुताबिक पिछले दो महीने प्रधानमंत्री तीन बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं। इस महीने यानी दिसंबर में भी उनके दो दौरे होने वाले हैं। आगामी 7 दिसंबर को प्रधानमंत्री गोरखपुर और 13 दिसंबर को वाराणसी में पधारेंगे। दोनों ही जिलों में पीएम मोदी कई परियोजनाओं का लोकार्पण करने वाले हैं।
वाराणसी से बहुत दूर नहीं है बलिया जनपद। यहां कुल सात विधानसभा सीटें हैं। इनमें से पांच विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विराजमान हैं। लेकिन पूर्वांचल में परियोजनाओं के बौछार के बीच बलिया में सूखा पड़ा हुआ है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में बलिया को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से क्या मिला ये बड़ा सवाल है।
बीते महीने की 16 तारिख को प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे नौ जिलों से होकर गुजरता है। लेकिन बलिया की पहुंच से यह एक्सप्रेस-वे कोसों दूर है। बलिया के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सफर करने के लिए काफी सोचना पड़ेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बलिया के पड़ोसी जिला गाजीपुर से होकर जाता है। बलिया के लोगों को पहले यहां तक पहुंचना होगा। सरकार की ओर से बलिया को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एक लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना है। लेकिन अब तक लिंक एक्सप्रेस-वे कहीं धरातल पर नहीं दिखती है।
लिंक एक्सप्रेस-वे का काम पहले यूपीडा को सौंपी गई थी। लेकिन अब इसे एनएचएआई को थमा दिया गया है। पचास करोड़ की राशि भी आवंटित की गई थी। जिसे अब यूपीडा एनएचएआई को देगी। लिंक एक्सप्रेस-वे का ब्लू प्रिंट भी गलत बनाया गया था। तकरीबन सोलह गांवों में लिंक एक्सप्रेस-वे का ब्लू प्रिंट में एनएच-31 के रूट पर ही बना दिया गया था। लिंक एक्सप्रेस-वे कब तक बनकर तैयार होगा कहा नहीं जा सकता।
हिंदुस्तान की एक खबर के अनुसार 7 दिसंबर को गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की नौ लैबों का लोकार्पण करेंगे। बलिया जिले में मेडिकल कॉलेज की मांग लंबे अरसे से हो रही है। गत 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया था। लेकिन इनमें से एक भी बलिया की जमीन पर नहीं है। जिले में एक भी कायदे की सरकारी अस्पताल नहीं है। गंभीर रोगियों को वाराणसी के बीएचयू में रेफर करना पड़ता है। जिला अस्पताल भ्रष्टाचार और दुर्व्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। यह बात खुद भाजपा नेता रामइकाबल सिंह ही कई बार कह चुके हैं। जिला अस्पताल की जर्जर हालत को लेकर जिले के छात्रों ने कुछ ही महीने पहले बलिया बंद का आयोजन किया था।
गत 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। बलिया जिले में एयरपोर्ट बनाने की मांग कई सालों से हो रही है। लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं गया है। अक्सर भाजपा के मंत्री और सांसद-विधायक यह तर्क देते नजर आते हैं कि बलिया में एयरपोर्ट बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि रसड़ा से बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह ने पिछले दिनों के एक अखबार के कार्यक्रम में भाजपा सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला की मौजदूगी में कहा था कि “सरकार चाहे तो मैं अपनी जमीन देने को तैयार हूं।”
बलिया जिले की कुल आबादी तीस लाख से अधिक है। बेरोजगारी के मामले में बलिया प्रदेश भर के अग्रणी जिलों में शुमार है। बेरोजगारी का आलम ये है कि लाखों की संख्या में नौजवान जिले से पलायन करने पर मजबूर हैं। युवा दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में जाकर मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं। क्योंकि बलिया में कल-कारखाने या रोजगार के अन्य साधन चौपट हैं। फैक्ट्री लगाने की मांग भी मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट की ही तरह हो रही है। लेकिन यहां भी हाल वही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव बस कुछ ही महीनों बाद होने वाला है। प्रदेश की सत्ता में वापसी करना भाजपा के लिए एक चुनौती है। जिससे निपटने के लिए भाजपा ने अपने सबसे बड़े खिलाड़ी को मैदान में उतार दिया है। परियोजनाओं की बाढ़-सी आई हुई है। बलिया के लोग निहार रहे हैं कि इस बाढ़ की कोई धारा उन तक पहुंचेगी या मंचों से बड़े-बड़े दावों के बारिश से ही खुद को सराबोर करना होगा?





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बलिया जिलाधिकारी ने पुस्तकालय में दान की किताबें, छात्रा के चेहरे पर दिखी खुशी

बलिया जिलाधिकारी रविंद्र कुमार का मानवीय चेहरा सामने आया है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा में उपयोगी किताबों का दान किया। बता दें कि शहर की एक छात्रा ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देकर सिविल परीक्षा से जुड़ी किताबों की मांग की थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने छात्रा को तुरंत किताबें उपलब्ध कराई।
जानकारी के मुताबिक, अमीना खातून प्रतियोगी परीक्षा यूपीपीसीएस की तैयारी राजकीय पुस्तकालय में करती है लेकिन वहां सिलेबस के आधार पर किताबें उपलब्ध न होने के कारण असंतुष्ट थी। अमीना ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा, जिसके बाद जिला अधिकारी खुद राजकीय पुस्तकालय पहुंचे और छात्रा की मांग वाली उपयोगी किताबें दान किया। उन्होंने पुस्तकालय में संचालित सभी व्यवस्थाओं को परखा और छात्र-छात्राओं की मांग पर सिविल परीक्षाओं से संबंधित कुछ जरूरी टिप्स दिए एवं लाइब्रेरी असिस्टेंट को सारी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने व साफ सफाई के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोगों की डिमांड पर मैंने कुछ उपयोगी किताबें यहां दान की है। आप लोग अपनी जरूरत के अनुसार अनुपलब्ध किताबों के नाम फीडबैक रजिस्टर में दर्ज कर दीजिए, सभी किताबें उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं की मांग पर पुस्तकालय से पुस्तक तीन दिन के लिए घर ले जाने की छूट प्रदान की।
अभ्युदय कोचिंग से क्लास सही ढंग से नहीं चलने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को फोन कर कक्षाओं को सही तरीके से संचालित करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र, सीआरओ त्रिभुवन, एसडीएम सदर आत्रेय मिश्र मौजूद थे।
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बलिया में इतने दिनों के लिए धारा-144 लागू

बलिया में 17 नवंबर से 14 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है। इस बाबत जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद सीमा के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें जिससे शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।
कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
कोई भी व्यक्ति ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा जिससे किसी वर्ग विशेष की भावना को ठेस पहुचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रोत्साहित करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।
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बलिया पुलिस विभाग में चली तबादला एक्सप्रेस, कई दर्जन निरीक्षक इधर से उधर

बलिया पुलिस विभाग में तबादला एक्सप्रेस चली है। अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के मद्देनजर कई निरीक्षक और उप निरीक्षकों से इधर से उधर किया है। एसपी एस आनंद ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है।
निरीक्षक विकास चंद्र को भीमपुरा से सहतवार भेजा गया है। योगेंद्र सिंह को बांसडीह से सुखपुरा, गजानंद चौबे को पुलिस लाइन से फेफना, रामायन प्रसाद के अपराध शाखा से रसड़ा, स्वतंत्र कुमार सिंह को रसड़ा से बांसडीह, हिमेंद्र सिंह को सुखपुरा से अपराध शाखा और रोहन राकेश सिंह को फेफना से रेवती भेजा गया है।
तबादले की सूची यहां देखें-
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