बलिया
रामगोविंद चौधरी की हार, सपा में उलझन बरकरार, किसे बनाए नेता प्रतिपक्ष?
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं। पूरे यूपी में बसपा सिर्फ एक सीट जीत पाई। वह है रसड़ा सीट। भाजाप की लहर में सपा भी पीछे रह गई। कई सीटों पर पार्टी का हार का सामना करना पड़ा। यहां तक कि सपा के दिग्गज नेता रामगोविंदा चौधरी को भी हार का सामना करना पड़ा।
नेता प्रतिपक्ष रहे रामगोविंद चौधरी भाजपा प्रत्याशी केतकी सिंह से हार गए। अब वह सीट गंवाने के बाद नेता प्रतिपक्ष नहीं रहेंगे। खास बात यह है कि चौधरी उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए वह आठ बार विधायक चुने गए थे। विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष वह हमेशा सरकार से सवाल करते रहे हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में उनका सियासी रसूख काम नहीं आया।
रामगोविंद चौधरी को निषाद पार्टी-भाजपा गठबंधन की प्रत्याशी केतकी सिंह के आगे 21134 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस बार वोटों का अंतर बहुत ज्यादा रहा। पिछली बार भी राम गोविंद चाैधरी बड़ी मुश्किल से जीते थे। केवल 1687 वोटों से उन्हें जीत हासिल हुई थी।
राम गोविंद चौधरी के राजनैतिक करियर पर नजर डालें तो सबसे पहले साल 1977 में उन्होंने चिलकहर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा। उस समय चौधरी ने कांग्रेस के जितेंद्र बहादुर को हराया था। साल 1980 में उन्होंने दोबारा बहादुर को हराया। 1985 में भी तीसरी बार उन्होंने चुनाव जीता। साल 1989 के विधानसभा चुनाव में राम गोविंद चौधरी चौथी बार विधायक चुने गए इसके बाद वह 1991 के विधानसभा चुनाव में वह जनता पार्टी की ओर से विधायक बने और इस बार उन्होंने बसपा के छोटेलाल को हराया था।
इसके बाद दिसंबर 1990 से लेकर 1991 तक मुलायम सरकार में वह उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहे। 1993 के विधानसभा चुनाव में रामगोविंद चौधरी जनता दल के टिकट पर चिलकहर विधानसभा सीट से लड़े, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी से चुनाव हार गए। 1996 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) से चिलकहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और चौथे नंबर पर भी रहे। लेकिन साल 2022 उनके लिए बुरा साबित हुआ। इस बार वह लंबे अंतर से हारे। लिहाजा अब वह नेता प्रतिपक्ष नहीं रहेंगे। पार्टी के सामने यह बड़ा सवाल है कि आखिर अब किसे नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए।
बलिया
सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।
इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।
इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।
बलिया
बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना
बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।
बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।
बलिया
बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप
बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।
इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।
इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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