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बलिया की 8 ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार, बिना काम के ही निकाल लिए 74.28 लाख

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बलिया जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं में धन का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है। कई बार इन ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायतें हुईं। छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाहियां हुई लेकिन बड़े अधिकारियों तक कार्यवाही की तलवार नहीं पहुंच पाई। जिले की 8 ग्राम पंचायतों में करीब 74.28 लाख रुपए बिना काम कराए ही निकाल लिए गए। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार चिलकहर विकासखंड में हुआ है। यहां के करीब आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में मानक के अनुसार डेस्क और बेंच की आपूर्ति नहीं हुई। करीब साढ़े 12 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई। मामले में पंचायत सचिव को निलंबित किया गया लेकिन अन्य 4 सचिवों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

प्राथमिक विद्यालय हथौड़ी, पियरहीं, बीरपुर, झूठीपुर, कुमुरहां और बलुआं में मई 2021 में करीब 200 डेस्क बेंच की आपूर्ति हुई थी। यह खरीद कार्यदायी कंपनी रुद्रा एंड कंस्ट्रक्शन सप्यालर के जरिए हुई थी। 200 डेस्क-बेंच की आपूर्ति में गड़बड़ी मिली है। इनमें से अधिकांश तो समय से पहले ही टूट चुके हैं।विकासखंड रसड़ा के बस्तौरा गांव में भी लाखों का घोटाला सामने आया। यहां 2017 से लेकर 2021 के बीच में स्वीकृत 25 विकास परियोजनाओं के तहत कई कार्य सिर्फ कागजों में ही पूर्ण करा लिए गए। धरातल पर कोई भी काम नहीं हुआ। यहां 44.78 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। यहां भी ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सेवक के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई।

कुल मिलाकर नौ परियोजनाओं में गड़बड़ी मिली है। प्राथमिक विद्यालय में डेस्क व बेंच की खरीद में भी अनियमितता बरती गई है। हैंडपंप रीबोर, स्ट्रीट लाइट अवस्थापना, ह्यूम पाइप, भवन निर्माण और प्रधानमंत्री आवास आवंटन में धांधली की गई है। इसी प्रकार मुरली छपरा ब्लॉक के सोनबरसा गांव में करीब 17 लाख रुपए की गड़बड़ी मिली है।जांच रिपोर्ट सीडीओ को दी गई तो संयुक्त विकास आयुक्त को नया जांच अफसर नियुक्त किया गया।

प्रकरण में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता, पंचायत सचिव व पूर्व ग्राम प्रधान समेत आधा दर्जन लोगों को चार्जशीट दी गई है। इस गांव में 30 से अधिक परियोजनाओं में नियम विरुद्ध भुगतान हुआ है। सबसे ज्यादा पैसा टाइल्स लगाने के नाम पर निकाला गया है। सड़क निर्माण और आरओ प्लांट की स्थापना के नाम पर भी धनराशि खर्च की गई है। इस संबंध में डीडीओ आरआर मिश्र का कहना है कि सभी जगहों की जांच के दौरान वित्तीय गड़बड़ी सामने आई हैं। जांच रिपोर्ट आला अधिकारियों को सौंप दी गई है। कार्रवाई उन्हीं के स्तर से होना है।

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बलिया पुलिस ने पैरामिलिट्री फोर्स के साथ जिले में किया फ्लैग मार्च, लोगों को दिया शांति का संदेश

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उत्तरप्रदेश के बड़े माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट पर है। संवेदनशील जिलों पर बेहद निगरानी रखी जा रही है। इसी कड़ी में बलिया में भी अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने फ्लैग मार्च और एरिया डोमिनेशन किया।

पुलिस फोर्स व पैरामिलिट्री के जवानों ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जारी हुए अलर्ट और जुम्मे की नमाज, लोक सभा चुनाव के मद्देनजर फ्लैग मार्च किया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक और सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने नगर में भ्रमण कर लोगों को शांति का संदेश दिया।

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि प्रत्येक जिलों में एरिया डोमिनेशन के लिए कुछ पैरा मिलिट्री फोर्स मिली हुई है। इसमें मतदाताओं में कॉन्फिडेंस बिल्डिंग के लिए और सुरक्षा का भावना पैदा करने के लिए, जिसमें निष्पक्ष और शांतिपूर्वक मतदान संपन्न कराया जा सके। उसके लिए जिले में लगातार एरिया डोमिनेशन हो रहा है। आज नगर कोतवाली क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अंसारी की मौत के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके लिए आज जिले में जितने भी थाने हैं, उनको सतर्क किया गया है और आज जुम्मे की नमाज भी है, तो जुम्मे की नमाज के मद्देनजर हर जगह पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है। जिले में सभी जगह शांतिपूर्वक नमाज संपन्न कराया जा रहा है और जो अलर्ट घोषित किया गया है। उसके लिए भी अपने-अपने क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया जा रहा है, धारा 144 लागू है। सभी जगह नजर रखी जा रही है।

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मतानंद फाउंडेशन और ENTOD फार्मास्यूटिकल्स ने ग्लूकोमा बीमारी को लेकर चलाया अभियान, लाखों लोगों को किया जागरूक

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मतानंद फाउंडेशन ने ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सहयोग से एक व्यापक ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह अभियान ग्लूकोमा मुक्त ग्लूकोमा का सफलतापूर्वक समापन किया। ये अभियान 10 से 16 मार्च के बीच चलाया हुआ था। इस अभियान के मुख्य उद्देश्य भारत भर में ग्लूकोमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करना था। इस पहल ने देश भर के विभिन्न शहरों में 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित किया।

10 से 16 मार्च के पूरे सप्ताह के दौरान हैशटैग ‘#ग्लूकोमामुक्तभारत’ नंबर पर रहा। ट्विटर के ट्रेंडिंग टॉपिक्स में पहला स्थान, देश भर में करोड़ों लोगों की रुचि को आकर्षित करते हुए। इस अभियान को तब महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला जब बॉलीवुड सेलिब्रिटी रणविजय सिंह ने अपनी मां के साथ अभियान की शुरुआत की। उनकी भागीदारी के साथ-साथ पूरे अभियान में शामिल 100 प्रभावशाली लोगों की भागीदारी के साथ, इस पहल ने 5 मिलियन से अधिक प्रभावशाली भागीदारी हासिल की, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में प्रभावी ढंग से जागरूकता फैल गई।

बॉलीवुड अभिनेता रणविजय सिंह विभिन्न चिकित्सा और जीवनशैली प्रभावितों, डॉक्टरों और स्थानीय संघों के सहयोग से चलाए गए इस सप्ताह भर के अभियान के राजदूत थे और भारत में 2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचे।

सप्ताह भर के अभियान के दौरान, समर्पित क्षेत्र टीम द्वारा पूरे भारत में प्रभावशाली गतिविधियों की एक श्रृंखला को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया गया। भारत के 350 से अधिक जिलों में गाँव स्तर से लेकर कस्बों और स्तरीय शहरों तक ग्लूकोमा जागरूकता रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें 2000 से अधिक डॉक्टरों और उनके स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इन रैलियों ने जनता को ग्लूकोमा की शीघ्र पहचान और उपचार के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए मंच के रूप में कार्य किया।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों के क्लीनिकों में ग्लूकोमा शिविर स्थापित किए गए, जिससे बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1.5 लाख से अधिक रोगियों तक पहुंच बनाई गई। फ़ील्ड टीम ने दृष्टि जांच की और ग्लूकोमा पर सूचनात्मक पत्रक वितरित किए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि व्यक्तियों को स्थिति और इसके प्रबंधन के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, मतानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मा ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह को चिह्नित करते हुए और अपने राष्ट्रीय अभियान पर प्रकाश डालते हुए, अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी वार्षिक सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। सम्मेलन में, प्रमुख ग्लूकोमा डॉक्टरों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में महत्वपूर्ण संदेश देने वाले 30 से अधिक रोगी शिक्षा वीडियो रिकॉर्ड किए गए, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों को और बढ़ावा मिला।

पहल पर टिप्पणी करते हुए, ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ, श्री निखिल के मसुरकर ने कहा, “भारत में नेत्र स्वास्थ्य के समर्थक के रूप में, ‘ग्लूकोमामुक्तभारत’ पहल के साथ हमारा लक्ष्य हमारे समुदायों में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। यह अभियान था हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से लक्षित किया गया है ताकि वे अपने माता-पिता और दादा-दादी को ग्लूकोमा के लिए परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

डॉ. रोमा जौहरी ने बताया कि “वैश्विक स्तर पर अपरिवर्तनीय अंधेपन के लिए ग्लूकोमा प्राथमिक योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। हालांकि, शीघ्र पता लगाने और उपचार के साथ, ग्लूकोमा से संबंधित 90 प्रतिशत तक अंधेपन के मामलों को रोका जा सकता है। नियमित नेत्र परीक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ऊंचे स्तर पर हैं जोखिम, दृष्टि की सुरक्षा के लिए शुरुआत में ही स्थिति का निदान और प्रबंधन करने में। हमें मटानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के साथ सहयोग करने पर गर्व है, जो ग्लूकोमा की सार्वजनिक समझ को बढ़ाता है और ग्लूकोमा-प्रेरित अंधापन को रोकने में नियमित आंखों की जांच के महत्व पर जोर देता है।

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बलिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पिकअप से बरामद की 30 पेटी शराब

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बलिया पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के निर्देशन में जिले में लगातार अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एसपी और एएसपी के निर्देशन में अवैध शराब की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को सफलता मिली है।

पुलिस ने सुखपुरा थाना क्षेत्र के हरदिया गांव के समीप से पिकअप पर लदी 30 पेटी अवैध शराब बरामद की है। पकड़ी गई शराब की कीमत लगभग दो लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस का पीछा करते देख ड्राइवर मौके से गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उसके बाद पुलिस ने पिकअप को थाने लाई तथा विधिक कार्रवाई में जुट गई।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात आबकारी टीम और सुखपुरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध शराब जब्त की है। इस संबंध में थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पिकअप चालक फरार है, जिसकी तलाश में टीम जुटी हुई है। इसके अलावा पुलिस अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि आखिर ये शराब कहां ले जाई जा रही थी।

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