बलिया। गंगा के जलस्तर में हो रही बेतहाशा वृद्धि जारी है। आलम यह है कि मंगलवार को मझौवां दियरी में करीब 50 बीघे में परवल के खेत डूब गये। अपना नुकसान देख किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खीच गयी हैं।
परवल उत्पादक किसानों को अभी उम्मीद थी कि कुछ दिन और वह अपना परवल निकाल सकेंगे। लेकिन तीन दिनों के बरसात से गीली हुई जमीन पर गंगा का बढ़ता पानी तेजी से फैल रहा है। परवल के खेत तहस नहस हो गए और बाकी बचे खेत भी चपेट में हैं।
मंगलवार को श्रीकिशुन राम, मोति तुरहा, बहादुर दुसाध, सुबाष गोंड, नगरजीत चौधरी, नीपु सिंह, जीउत तुरहा, दसई राम, सुबाष राम, देउ दुसाध की मझौंवा दियरी मे बोई गई परवल की फसल जलमग्न हो गयी।
ज्ञात रहे कि परवल की खेती उत्पादकों के लिए काफी मंहगी होती है। कुदरत ने साथ दिया तो मुनाफा भी कम नहीं होता। ऐसे में परवल उत्पादक किसान व्याज पर भी पैसे का बन्दोबस्त करके परवल की खेती करते हैं।
ऐसे में परवल उत्पादकों के मंसूबों पर अचानक गंगा के बढ़े जल स्तर से पानी फिर गया है। परवल की खेत डूब गयी। किसानों से सरकार से सरकारी मदद की उम्मीद लगायी है। पर देखना है कि सरकार इन किसानों को कैसे व कब कितना मदद करती है।
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