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बलिया

बेल्थरारोड में सामाधन दिवस का आयोजन, 46 में से एक भी प्रकरण का नहीं हुआ समाधान

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बलिया में लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए सामाधन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में बेल्थरारोड के तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ। मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा की अध्यक्षता में प्रस्तुत 46 प्रार्थना-पत्र में से किसी का निस्तारण नहीं हो सका। इस दौरान सभी प्रार्थना- पत्रों को संबंधित विभागों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए संदर्भित कर दिया गया।

सम्पूर्ण समाधान दिवस पर उधरन के वीरेंद्र यादव रामपुरी ने सहायक चकबंदी अधिकारी के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते जांच दूसरे विभाग से त्रिस्तरीय टीम बनाकर करने की मांग की। भीमपुरा नम्बर 1 निवासिनी किरण सिंह ने कोर्ट में लंबित होने के बावजूद अपने हिस्से की भूमि पर विपक्षियों द्वारा कब्जा और निर्माण का आरोप लगाया। उसने इस सम्बन्ध में भीमपुरा पुलिस को विपक्षियों को उक्त स्थान से ईंट आदि हटाने का निर्देश देने की मांग की।
साधन सहकारी समिति इंदौली मलकौली के सचिव रामाश्रय यादव ने समिति के सीमांकन भूमि में अवैध रूप से अतिक्रमण कर जोतने- बोने की शिकायत की। बेल्थरारोड नगर पंचायत के वार्ड नंबर 9 निवासिनी सुनिधि पुत्री दिलीप कुमार ने गोंड जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की। तुर्तीपार प्रधान गीता देवी ने लोक निर्माण विभाग की भूमि की पैमाइश तथा अलग खाता बनाने की मांग की। बभनियांव गांव निवासी विधान चंद यादव ने रविवार की देर रात उन्हें मारपीट कर घायल करने के मामले में न्याय की गुहार लगाई। अवराई कला के मुसाफिर यादव ने बिना बिजली के बिल देने की शिकायत की।

शाहपुर के श्यामलाल ने कोटेदार पर फ्री राशन का पैसा लेने और निर्धारित से कम मात्रा में राशन देने की शिकायत की। हल्दीरामपुर के गिरीश सिंह ने सरकारी दस्तावेजों में कूट रचना कर दाखिल खारिज कराने का आरोप लगाया। सीडीओ ने समस्याएं सुनने के बाद उसे संबंधित अधिकारियों को निस्तारण का निर्देश दिया। जहां एसडीएम दीपशिखा सिंह, तहसीलदार ओमप्रकाश पांडेय, नायब तहसीलदार दीपक सिंह, सीएचसी सीयर के अधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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बलिया में जल्द लगेंगे वीर सपूत महाराणा प्रताप की प्रतिमा, शासन ने दी मंजूरी – मंत्री दयाशंकर सिंह

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बलिया। परिवहन मंत्री और नगर विधायक दयाशंकर सिंह की कोशिश से जल्द ही वीर सपूत महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। शासन से प्रतिमा लगाने की मंजूरी मिल गई है। जगह चिह्नित करने का काम हो रहा है। फिलहाल स्टेडियम तिराहे पर ही सहमति बनी है। आगे की कार्रवाई के लिए प्रशासन को निर्देश दिए हैं।

मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रतिमा पूरी तरह से धातु की होगी। अनावरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या फिर डिप्टी सीएम आदि किसी बड़े मानिंद व्यक्ति को आमंत्रित किया जाएगा। काफी दिनों से जिले के लोग नगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में इसका कार्यक्रम काफी भव्य तरीके से किया जाएगा।

साथ ही कहा कि राजस्थान के उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश में जन्मे महाराणा प्रताप का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। ऐसे में उनके गरिमा के अनुरूप ही उनकी प्रतिमा लगेगी। महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिए अमर है। उन्होंने कभी भी मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक लगातार संघर्ष करते रहे।

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बलिया में संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता मिला चिकित्सक का शव

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बलिया के नरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोहांव गांव में एक चिकित्सक का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला। इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

चिकित्सक के शव के पास से पुलिस ने सुसाइट नोट बरामद किया। परिजनों की तहरीर पर सही थाने में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी हुई है।

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बलिया में 4.20 करोड़ की लागत से बनेंगे 14 नए आयुर्वेदिक अस्पताल

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बलियाः अब सरकार की ओर से आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में 14 नए अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। इन अस्पतालों के लिए जमीन मिल गई है। इन 14 अस्पतालों को बनाने में करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह एक स्पताल को बनाने में 30 लाख रुपये की लागत आएगी।

अभी जिले में चार बेड़ के 6 नए राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन बनकर तैयारी है। जल्द ही इनके हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिन जगहों पर राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल बने हैं, उनमें गड़वार, सिंहाचवर, पशुहारी, माल्दह व सुल्तानपुर और हल्दीपुर शामिल हैं। वहीं जिले में चार यूनानी अस्पताल संचालित हैं जबकि एक नए अस्पताल के लिए जमीन मिल गई है। अब निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

जिले के मुरलीछपरा, अहिरौली, खंदवा, छिब्बी, चंद्रवार, सिकरिया, फरसाटार, मलहपहरसेनपुर, पकवाइनार, हरिपुर सिकंदरपुर, कैरवली, शंकरपुर, पूर व कुरेम में अस्पताल के बनने का रास्ता साफ हो गया है।

अभी जिले में कुल 64 छोटे-बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल है। नगर व बांसडीह में 15 बेड, रसड़ा में 25 बेड के अलावा चार बेड के 61 अस्पताल हैं। चितबड़ागांव में 50 बेड के अस्पताल का काम अंतिम चरण में चल रहा है।

यूनानी अधिकारी और प्रभारी क्षेत्रीय आयुर्वेद डॉक्टर संजय सिंह ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पताल के नए भवनों का हैंडओवर एक सप्ताह के भीतर हो जाएगा। इसके बाद चिकित्सकीय उपकरण आदि इंतजाम किए जाएंगे। वहीं नए अस्पतालों के लिए जमीन व बजट मिलने से निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

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