रसड़ा
किशोरी ने बलिया पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, वीडियो वायरल, दारोगा लाइन हाजिर
बलिया। रसड़ा थाने में एक युवती को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। युवती ने वीडियो वायरल कर रसड़ा थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसको लेकर हड़कंप मच गया है। मामले में एसपी ने कार्रवाई करते हुए दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया। इस वायरल वीडियो में युवती ने पुलिस पर बयान बदलवाने का आरोप भी लगाया। किशोरी वीडियो में कहती हुई नजर आ रही है कि 15 तारीख को पुलिस स्टेशन में आई थी। पुलिस वाले मुझे परेशान कर रहे हैं। मुझे मारने की धमकी देते हैं। युवती ने पुलिसवालों पर अभद्र बातें करने का गंभीर आरोप भी लगाया है। वीडियो में लड़की डरी-सहमी नजर आ रही है।
उसने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिसवाले अभद्रता कर बयान बदलने का दबाव बनाते हैं, कहते हैं कि लड़के वालों की तरफ से बयान देना। उससे थाने में झाडू-पोछा भी करवाया गया। बताया जा रहा है कि मेडिकल के दौरान पीड़िता पुलिस अभिरक्षा से भाग गई। लेकिन युवती ने वायरल वीडियो में जो आरोप लगाए हैं उससे खाकी शर्मसार हुई है। कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर पुलिस पीड़िता की मदद करने की बजाय उसे प्रताड़िता क्यों कर रही है। जब रक्षक खुद ही भक्षक का काम करने लगे तो आखिर जनपद की जनता किससे न्याय की उम्मीद लगाए।
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अधिकारी बेलगाम ! दफ्तर पर ताला बलिया में धरने पर बैठे पार्षद, काम ठप
बलिया जिले के चितबड़ागांव नगर पंचायत में सभासदों ने अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाकर कार्यालय में ताला लगा दिया है। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने आम जनता के करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। कार्यालय बंद होने से चितबड़ागांव के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, नाम खारिज दाखिल आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधिशासी अधिकारी यानी ईओ जो सरकारी अधिकारी होता है। नगर पंचायत के कार्यों की जिम्मेदारी इन्ही की होती है। नगर पंचायत के अध्यक्ष और सभासदों के साथ समन्वय बना कर नगर में स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, विकास आदि के क्षेत्रों में सुधार लाना उनका काम होता है । इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी यानि ईओ की ही होता है। चितबड़ागांव नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर सभासदों ने करोड़ों के गबन के आरोप लगाए हैं।
जो लोग कहते हैं की इस सरकार में अधिकारी बेलगाम होते जा रहें है, उनकी बाते बलिया के चितबड़ागांव में साबित होती दिख रही हैं। इस बार के नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा ने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा और नगर पंचायत में पहली बार कमल खिलाने में सफल हो गए। लेकिन भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनकी बातों को सरकारी अधिकारी अनसुना कर दे रहें हैं।
सभासदों ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की थी, जिसमें ईओ को दोषी पाया गया था। लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वे यह भी कहते हैं कि ईओ ने अपने आप को बचाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी है। खबरों के अनुसार, 29 अगस्त को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अधिशासी अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय जांच करवाई थी। जांच में सभी आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने 20 नवंबर को रिपोर्ट शासन को भेज दिया था। लेकिन अभी तक अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी से नाराज होकर सभासदों ने सोमवार को कार्यालय में ताला लगा दिया। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने कम्बल, डस्टबीन, कस्तूरबा गाधी आवासीय विद्यालय का सुन्दरीकरण,आदि में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।
पिछले पांच दिन से इस नगरपंचाय का कार्यालय बंद है और सभासद धरने पर हैं। दफ्तर में ताला बंद कर सरकारी कार्य में बाधा डालना सही नहीं है। लेकिन सभासदों का भी गुस्सा जायज है। जब उनके आरोपों की जांच हो चुकी है और आरोप सही पाए गए हैं, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? यह भी गौर करने की बात है कि अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। पिछले साल में भी उन पर गबन का आरोप लगा था। उस समय भी जांच में आरोप सही पाए गए थे। लेकिन तब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार किसी के संरक्षण में हैं? क्या उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वे किसी ताकतवर नेता के करीबी हैं? या मामला कुछ और है ?
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बलिया में रिटायर्ड BSF जवान ने लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
बलिया के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक अवकाशप्राप्त कर्मी ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे इलाके में कोहराम मच गया।
जानकारी के मुताबिक अमहर दक्षिण पट्टी गांव में गुरुवार को बीएसएफ के अवकाशप्राप्त कर्मी 60 वर्षीय हरेंद्र सिंह ने अपने घर पर लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त लाइसेंसी बंदूक को भी अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि मृतक अकेले रहते थे। उनकी पत्नी और इकलौते बेटे की मौत हो गई। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
बलिया स्पेशल
बलिया डीएम ने CHC रसड़ा का किया औचक निरीक्षण,12 कर्मचारियों का रोका वेतन, लगाई फटकार
बलिया। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई प्रकार के सामान अत्यन्त अव्यवस्थित स्थिति में मिले और काफी गन्दगी पायी गई उस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए की विशेष अभियान चलाकर सफाई व्यवस्था सहित सामानों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा का जनरेटर भी खराब पाया गया, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा की उपर्युक्त स्थिति कदापि सन्तोषजनक नहीं है। साथ ही जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति में सुधार लाने का निर्देश दिया गया था। साथ ही सख्त निर्देश दिए कि सभी चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करायें, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि आपके द्वारा जनपद में स्थित सामुदायिक/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति में सुधार लाये जाने हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया है।
यह स्थिति घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करायें। अन्यथा आपका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए आपके विरूद्ध कठोर कार्यवाही हेतु शासन को पत्र प्रेषित कर दिया जायेगा। निरीक्षण के समय अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा का कक्ष बन्द था एवं वे अनुपस्थित थे। बाद में निरीक्षण के दौरान वे उपस्थित हुए। निरीक्षण के समय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कई कर्मचारी अनुपस्थित थे। अनुपस्थित समस्त कर्मचारियों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण लिया जाय एवं स्पष्टीकरण सन्तोषजनक पाये जाने की स्थिति में ही इनका वेतन आहरित किया जाय। चिकित्सालय में एआरवी एवं एएसवी रजिस्टर देखा गया। एआरवी का रजिस्टर भी अद्यावधिक नहीं था तथा पूछने पर फार्मासिस्ट द्वारा बताया गया कि वह अपने घर के फ्रीज में इन्जेक्शन रखते हैं।
इसके अतिरिक्त एएसवी भी खुले में रखा पाया गया। साथ ही दोनों स्थितियॉ अत्यन्त आपत्तिजनक है। अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा इस सम्बन्ध में घोर लापरवाही बरती जा रही है, इसलिए स्पष्टीकरण लेकर कार्यवाई की जाय। उनके द्वारा यह बताया गया कि अस्पताल में फ्रीज उपलब्ध नहीं है। साथ ही अनुपस्थित कर्मचारी श्रीमती सुमन देवी चिकित्सा कर्मचारी, श्रीमती नीतू राय वार्ड आया, श्रीमती विजयंती देवी एएनएम, श्री अजय कुमार सिंह एएनएम, श्री अनिल कुमार सिंह स्वास्थ्य निरीक्षक, श्री पंकज कुमार राय फार्मासिस्ट, श्री फिरोज अहमद फार्मासिस्ट, श्री अजय कुमार भारती नेत्र परीक्षण अधिकारी, श्री शैलेश कुमार सिंह चीफ फार्मासिस्ट, श्रीमती कुमुलता राय स्टाफ नर्स, श्रीमती डॉक्टर प्रियंका राय चिकित्साधिकारी एवं श्रीमती कुसुम देवी स्वास्थ्य निरीक्षक।
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