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कैसा रहा शिवपाल यादव का ‘बलिया शो’, किसे चुनाव लड़ाने का कर गए वादा?

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बलिया में शिवपाल सिंह यादव के सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा की तस्वीर

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश में समाजिक परिवर्तन रथयात्रा लेकर निकले हैं। शिवपाल सिंह यादव पूरे प्रेदश में घूम रहे हैं। उनकी यह यात्रा गत शुक्रवार को बलिया जिले में पहुंची। शनिवार यानी आज भी शिवपाल सिंह यादव बलिया के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र में रहे। उन्होंने यहां प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा। ृ

बलिया में शिवापाल सिंह यादव के समाजिक परिवर्तन रथयात्रा को लेकर जिले के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यकर्ता बीते कई दिनों से तैयारियों में लगे थे। फेफना विधानसभा क्षेत्र में उनकी रथयात्रा होने वाली थी। इसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ता जबरदस्त भीड़ जुटाने की जुगत कर रहे थे। क्षेत्र में प्रचार गाड़ी से समाजिक परिवर्तन रथयात्रा को लेकर जानकारी दी जा रही थी। किसी तरह से लोगों की भीड़ जुटाकर बलिया से एक संदेश देने की कवायद की गई थी।

शिवपाल सिंह यादव की इस समाजिक परिवर्तन रथयात्रा में बलिया में लोगों की जुटान ठीक-ठाक रही। हजारों की संख्या में लोग शिवपाल सिंह यादव को देखने और सुनने पहुंचे थे। उन्होंने यहां लोगों को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की बात भी कही। अब लगने लगा है कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक साथ उत्तर प्रदेश चुनाव में उतर सकते हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या जो भीड़ शिवपाल यादव की यात्रा में आई थी वह वोट में परिवर्तित होगी।

शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं। समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह की वजह से उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली। हालांकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनने के बाद ये पहला ही विधानसभा चुनाव होने जा रहा है उत्तर प्रदेश में। अपने पहले ही चुनाव में शिवपाल सिंह यादव सपा से गठबंधन की बात कर रहे हैं। यही नहीं अपनी इसी यात्रा के दौरान पहले ही शिवपाल ये संकेत दे चुके हैं कि सपा में उचित सम्मान मिलने पर वो अपनी पार्टी का विलय भी सपा में कर देंगे।

अब सवाल है कि आखिर शिवपाल सिंह यादव कौन सा सम्मान चाहते हैं? सियासत में सम्मान का मतलब सीटों की संख्या से लेकर सरकार बनने पर कायदे के मंत्री पद तक होता है। जाहिर है शिवपाल यादव हर तरह का सम्मान चाहते हैं सपा में। इसी सम्मान का गणित था कि वो सपा से अलग हो गए थे। बलिया में कुल सात विधानसभा सीटें हैं।

सपा और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के गठजोड़ के बाद पहले ही बलिया की कुछ सीटों का समीकरण बदल चुका है। शिवपाल सिंह यादव ने बलिया में अपने पार्टी के प्रदेश महासचिव नीरज सिंह गुड्डू को चुनाव लड़ाने की बात कह गए। बलिया में आज अपनी यात्रा में जुटी भीड़ को देखकर शिवपाल सिंह यादव ये हामी भर गए हैं।

सवाल है कि क्या ये भीड़ मतदाता बनकर उनके लिए वोट करेगी। प्रचार गाड़ी और अखबारों में विज्ञापने के जरिए रैलियों और जनसभाओं में भीड़ तो बुलाई जा सकती है। लेकिन इससे वोट मिलने की गारंटी नहीं मिलती है। रैलियों में लोगों को बड़ी संख्या में कैसे इकट्ठा किया जाता है ये हर किसी को मालूम है। लेकिन यही लोग चुनाव के दिनों में वोट करेंगे ये तय नहीं होता है।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया

बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया

बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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