उत्तर प्रदेश
बलिया लोक अदालत के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता

बलिया। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलिया में स्थाई लोक अदालत बलिया का गठन किया गया है। उ. प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के पत्रांक सं. 221/एसएलए-49/2016(पीएस/ए.ओ.) अनुक्रम में जनपद बलिया में स्थापित स्थाई लोक अदालत हेतु निम्न पदों पर सेवा निवृत्त कर्मचारियों की आवश्यकता है। जिनकी उम्र 65 वर्ष से कम हो, वह 15 जनवरी 2022 को 4:00 बजे तक जिला सेवा प्राधिकरण, बलिया के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकता है।
पदनाम मासिक पारिश्रमिक की धनराशि(रूपयों में)
– अंशुलिपिक (पद संख्या -1) जिला न्यायलय अथवा कलेक्ट्रेट के सेवा निवृत्त कर्मचारी, अधिकतम 02 वर्ष के लिए मानदेय रूपए 9000/- प्रतिमाह पर अनुबंधित कार्य कराया जाएगा।
– पेशकार (पद संख्या -1) जिला न्यायलय अथवा कलेक्ट्रेट के सेवा निवृत्त कर्मचारी, अधिकतम 02 वर्ष के लिए मानदेय रूपए 9000/- प्रतिमाह पर अनुबंधित कार्य कराया जाएगा।
– चपरासी (पद संख्या -1) जिला न्यायलय अथवा कलेक्ट्रेट के सेवा निवृत्त कर्मचारी, अधिकतम 02 वर्ष के लिए मानदेय रूपए 7000/- प्रतिमाह पर अनुबंधित कार्य कराया जाएगा।




उत्तर प्रदेश
बलिया में अराजकतत्वों ने तोड़ी आंबेडकर प्रतिमा, सपा ने BJP और मंत्री दयाशंकर सिंह पर बोला हमला!

बलिया में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी पूरे मसले को लेकर बीजेपी को घेर रही है। यहां तक कि सपा ने बीजेपी पर ही बाबा साहब की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया।
साथ ही मंत्री दयाशंकर पर भी हमला बोला है।
दरअसल समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया। जिसमे लिखा है कि बलिया में अपराधी प्रवृत्ति के भाजपाइयों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी। कांशीराम जी को यही भाजपाई अपशब्द बोलते हैं बहन मायावती जी को भाजपा के मंत्री दयाशंकर सिंह ने गाली दी थी। क्या दलितों और दलित समाज के नेताओं को गाली देना ही भाजपा का धर्म है ?
बलिया में अपराधी प्रवृत्ति के भाजपाइयों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) January 28, 2023
कांशीराम जी को यही भाजपाई अपशब्द बोलते हैं
बहन मायावती जी को भाजपा के मंत्री @dayashankar4bjp ने गाली दी थी
क्या दलितों और दलित समाज के नेताओं को गाली देना ही भाजपा का धर्म है ? pic.twitter.com/LB8EEbEnJE
बता दें बलिया जिले के चौबे छपरा ग्राम सभा स्थित बौद्ध बिहार परिसर में स्थापित संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा अराजकतत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दी। शनिवार सुबह क्षतिग्रस्त प्रतिमा देख ग्रामीण आक्रोशित हो गए। अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा हुआ। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आननफानन में प्रतिमा की मरम्मत कराई। साथ ही मामले की छानबीन में जुट गई।
उत्तर प्रदेश
यूपी निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानिए कहां फंसा पेंच ?

उत्तर प्रदेश प्रदेश के निकाय चुनाव को लेकर सोमवार को सबसे बड़ी खबर सामने आई। जल्द होने वाले निकाय चुनाव की तारीखों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने से रोका है। बता दें चुनाव को लेकर सभी निकायों की आरक्षण सूची जारी की जा रही है। राजनीति दल सिर्फ तारीखों का एलान कर रहे हैं।
दरअसल आरक्षण को लेकर कुछ लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की हैं। जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई करने के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के तारीखों पर रोक लगा दी है। अब मंगलवार को जनहित याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। सुनवाई के बाद तारीखों के एलान पर फैसला होगा। सोमवार रात 12 बजे तक याचिकाकार्ता वार्ड आरक्षण को लेकर अपनी अपत्ति दाखिल कर सकते हैं।
आरक्षण को लेकर फंसा पेंच- बताया जा रहा है, निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर पेंच फंस गया है। ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव के तारीखों पर रोक लगाई है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश सरकार ओबीसी को आरक्षण देने को लेकर जवाब मांगा है। ओबीसी को आरक्षण देने के नियमों का पूरा ब्यौरा मंगलवार हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पेश किया जाएगा।
जिसके बाद हाईकोर्ट में सुनवाई और आदेश जारी होने तक राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने से हाईकोर्ट ने रोका है। निकाय चुनाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान राज्य निर्वाचन आयोग कर देगा। अब सुनवाई के बाद तारीखों के एलान पर होगा फैसला। वार्ड आरक्षण को लेकर सोमवार रात 12 तक याचिकाकर्ता अपनी आपत्ति दाखिल कर सकते है।
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बेल्थरा रोड: नगर पंचायत चुनाव जीतने के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान ये है?

उत्तर प्रदेश में इन दिनों उपचुनाव की चर्चाएं तेज हैं. मैनपुरी, रामपुर और खतौली में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. लेकिन नेपथ्य में निकाय चुनाव की जमीन तैयार हो रही है. निकाय चुनाव को लेकर 29 नवंबर यानी कल का अपडेट ये है कि सीटों की आरक्षण सूची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया जा चुका है. सीएम योगी से हरी झंडी मिलने के बाद आरक्षण सूची जारी होने की संभावना है. बहरहाल, निकाय चुनाव स्पेशल में यहां हम बात करेंगे बलिया ज़िले के बेल्थरा रोड नगर पंचायत की. जहां जीत के लिए के लिए बीजेपी ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है. तो दूसरी पार्टियां भी राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद में जुटी हैं.
बेल्थरा रोड से फिल्हाल दिनेश कुमार गुप्ता नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. एक बार फिर दिनेश कुमार गुप्ता चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. दिनेश कुमार गुप्ता भाजपा से पीछली बार नगर पंचायत अध्यक्ष बने थे. उनके सामने प्रवीण नारायण गुप्ता, लखी गुप्ता, भगवती राजभर,
मनीष जायसवाल, कालिका प्रसाद गुप्ता, अवधेश यादव, शेख ऐजाजुद्दीन दावेदारी करते दिख सकते हैं.
बात करें बेल्थरा रोड नगर पंचायत की जनसंख्या की. यहां करीब 20 हजार से ज्यादा की आबादी रहती है. इसमें करीब 73 फीसदी जनसंख्या हिंदु समुदाय की है. तो वहीं करीब 26 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या हिंदुओं की अपेक्षा जरूर कम है. लेकिन हर बार इस वर्ग के मतदाता हार-जीत के बीच खड़े होते हैं. सियासी भाषा में कहें तो किंग मेकर की भूमिका निभाते हैं.
भाजपा का मास्टर प्लान:
बलिया ज़िला पूर्वांचल का हिस्सा है. निकाय चुनाव को जब 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखा जाता है तो इसकी अहमियत बढ़ जाता है. हालांकि निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने अब तक उम्मीदवारों के पत्ते नहीं खोले हैं. सूत्र भाजपा के एक आंतरिक सर्वे के हवाले से बताते हैं कि बलिया और खासकर बेल्थरा रोड की लड़ाई इस बार भाजपा के लिए आसान नहीं है. स्थानीय स्तर पर पार्टी की गुटबाजी, एंटी इनकम्बेंसी, बड़ी संख्या में बगावत ने भाजपा की राहों में कांटे बिछा दिए हैं.
बीते महीने यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी बलिया के दौरे पर आए थे. इसके अलावा यूपी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी कई बार बलिया के दौरे पर आ चुके हैं. पसमांदा मुसलमानों को रिझाने के लिए दानिश आजाद अंसारी को आगे किया जा रहा है. दानिश आजाद अंसारी का गृह जिला भी बलिया ही है. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर पार्टी किसी मुसलमान प्रत्याशी को बैकडोर से मैदान में उतार या सपोर्ट कर सकती है. ताकि मुख्य प्रत्याशी की जीत के लिए मुस्लिम वोट के समीकरण को साधा जा सके.हालांकि मुस्लिम मतदाताओं के प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा बलिया की कुछ और सीटों पर यहीं रणनीति अपनाने वाली है. वजह साफ स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेतृ्त्व से मुस्लमान समुदाय के मतदाताओं में नाराज़गी है. देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा समेत दूसरे दल बेल्थरा रोड से किन प्रत्याशी पर दांव लगाते हैं. साथ ही भाजपा स्थानीय स्तर के आक्रोश और सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए क्या रणनीति अपनाती है?
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