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बलिया स्पेशल

बलिया- आंधी-पानी ने मचाई तबाही, किसानों पर आई आफत

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एक सप्ताह से बीच-बीच में मौसम खराब का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है। बुधवार को सुबह से दिन ठीक था। कड़क धूप भी निकली थी लेकन दोपहर बाद मौसम ने ऐसा करवट बदला कि तेज हवा के साथ ही झमाझम पानी पड़ने लगा इससे कई घरों के टीन शेड उड़ गए, वहीं पेड़ व विद्युत पोल भी उखड़ गए। आंधी के सामने हर कोई विवश हो गया था। किसानों के खेतों में काट कर रखी फसल उड़ने लगी। किसान बेबस थे, वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे। कटाई के कार्य में लगे मजदूर भी बिजली की चमक और गरज से डर के मारे खेतों से भाग खड़े हुए और किसान चुपचाप कटाई किए हुए रबी आदि फसलों को इधर से उधर उड़ते-बिखड़ते देखते रहे। किसान बताते हैं कि चैत के महीने में ऐसा मौसम शायद ही कभी हुआ है। बेरुआरबारी: क्षेत्र में अपराह्न 3:30 बजे आसमान में काले बादलों के साथ तेज आंधी व पानी ने किसानों के जख्मों पर नमक लगाने का काम किया। वहीं बीच-बीच में तेज तड़तड़ाहट के साथ बिजली की चमक किसानों का कलेजा फटा जा रहा था। किसानों के आंखों के सामने उनके मेहनत की कमाई बर्बाद होती दिख रही हैं। अब सभी किसानों की कमाई पूरी तरह प्रकृति के रूख पर ही निर्भर है। मंगलवार के हुई बारिश में भींगे बोझ अभी सुखे भी नहीं थे कि मौसम ने फिर उन्हें मुसीबत में डाल दिया। मौसम को लेकर किसानों के चेहरे पर दर्द साफ साफ दिख रहा है।

सुखपुरा क्षेत्र में दोपहर बाद काले बादलों के साथ तड़तड़ाहट और बिजली चमकने के साथ ही बारिश शुरू हो गई, जिससे एक बार फिर किसान बेबस हो गए। उनके खेतों में पड़े विभिन्न फसलों के बोझ अभी खलिहान भी नहीं आए थे, कि बारिश ने उन्हें पुन: भिगों दिया। अब किसान करें तो क्या करें, कुछ भी नहीं समझ पा रहे।

बिल्थरारोड : मौसम के बदलाव के कारण लगातार तीसरे दिन भी क्षेत्र में तेज हवाओं के झोकों संग हल्की बारिश ने दस्तक दी। जिससें उमस व गर्मी से लोगों को भले ही राहत मिली, ¨कतु किसानों झकझोर कर रख दिया। तेज हवाओं के चलते आम के बौर भी भारी तदाद में पेड़ से नीचे गिरे। खेतों में पानी से भीगते रबी के बोझ को देख हर एक किसान का कलेजा बैठा जा रहा है।

गड़वार: क्षेत्र में बेमौसम हो रही बारिश से किसानों के होश उड़ गए हैं। फसल पक कर तैयार हुई है। घर में ले जाने का समय आया तो मौसम को लेकर किसान परेशानी में पड़ गए है। अधिकांश फसल अभी खेतों में पड़ी है।

सिकन्दरपुर: लगातार दूसरे दिन भी क्षेत्र में तेज हवा और हल्की बारिश ने किसान वर्ग को अंदर से हिला कर रख दिया है। किसान गेहूं की फसल को लेकर ¨चता में डूब गए हैं। उन्हें भय सताने लगा है कि प्रकृति की मार इसी प्रकार जारी रही तो गेहूं की फसल घर नहीं पहुंच पाएगी। चौपट हो उनके उम्मीदों पर दोपहर बाद करीब तीन बजे अचानक तेज हवा बहने लगी, और आसमान में काले बादल उमड़ने लगे। कुछ देर बाद हवा के साथ ही हल्की बारिश भी होने लगी, जिससे किसानों के बोझ सुखने से पहले ही दोबारा भीग गए।

किसानों के नुकसान के आंकलन की जरूरत

कृषि कार्य के विपरीत चल रहे मौसम में रबी, परवल, मंसूर, चना आदि की खेती किए किसानों के नुकसान के आंकलन की जरूरत आ गई है। वजह कि जिले के किसान विगत एक सप्ताह से मौसम की मार झेल रहे हैं। कभी आंधी तो कभी बारिश से उनकी लगातार क्षति हो रही है। यदि मौसम का रूख ऐसा ही रहा, तो इस अंतिम दौर में ही किसानों का सबकुछ खत्म हो जाएगा। किसान कर्ज में डूबेंगे और उनके बच्चों के चेहरे पर भी मायूसी होगी।

दिन में ही छा गया अंधेरा

बैरिया: यूं तो मौसम लगभग एक पखवारे से किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था, ¨कतु दोपहर बाद चमक व तेज आंधी के साथ हुई बरसात से उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया। तेज आंधी के कारण जहां किसानों के खलिहानों में रखे गए, भूसा उड़ गए। वहीं फसलों की मड़ाई कर खलिहानों में रखे गए अनाज भी भीग गए। खेतों में खड़ी रबी की फसलों के साथ ही आम व सब्जी की फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। कहीं बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। आंधी व बारिश के कारण दिन में ही अंधेरा छा गया। किसान बताते हैं कि इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ हैं, क्योंकि गेहूं की फसल अभी खेतों में ही है। बारिश के कारण बैरिया, रानीगंज, लालगंज आदि क्षेत्रों के सड़कों पर जल जमाव हो गया है।

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बलिया में इतने दिनों के लिए धारा-144 लागू

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बलिया में 17 नवंबर से 14 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है। इस बाबत जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद सीमा के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें जिससे शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।

यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।

कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।

कोई भी व्यक्ति ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा जिससे किसी वर्ग विशेष की भावना को ठेस पहुचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रोत्साहित करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।

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बलिया के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर इन तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी

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बलिया में बैरिया विधानसभा के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर अब से 3 ट्रेनों के ठहराव को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जिन 3 ट्रेनों का ठहराव होगा, उसमें बरौनी – गोंदिया एक्सप्रेस, बरौनी – अम्बाला एक्सप्रेस  और गोरखपुर कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। वाराणसी डिवीजन को इन तीन ट्रेनों के ठहराव के लिए जल्द से जल्द कहा गया है।

बता दें कि इन ट्रेनों के ठहराव की लागतार मांग हो रही थी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के पत्र और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह के अनुरोध पर बलिया निवासी मुरादाबाद रेल मंडल केएडीआरएम  निर्भय नारायण सिंह के अथक प्रयास से आज बैरिया वासियों को बड़ी सौगात मिली है। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बधाई दी।

इन ट्रेनों के ठहराव से अब बैरिया क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामवासियों को बहुत सुविधा होगी। अब रेलयात्री आसानी से सफर कर पाएंगे। ये तीनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनें हैं, ऐसे में यात्री आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे।

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बलिया के मुफ़्त स्वास्थ्य कैंप में उमड़ा जनसैलाब, ‘दयाल फाउंडेशन’ को लोगों ने बताया मसीहा!

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बलिया के बांसडीह (Bansdih) में शनिवार को राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन (Rajesh Singh Dayal Foundation) की ओर से दो दिवसीय मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। मेडिकल कैंप के पहले दिन ही रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी। बांसडीह इन्टर कालेज  (Bansdih Inter College) में लगे कैंप में  मरीजों को देखने के लिए लखनऊ (Lucknow) से आयी चिकित्सकों की टीम द्वारा नि:शुल्क दवाइयां भी दी गयी। पहले दिन यहाँ तकरीबन 3500 लोगों का मुफ़्त इलाज किया गया।

Rajesh Dayal Foundation

स्वास्थ्य शिविर (Medical Camp) में पहुंचे मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए एडमिशन कांउटर,चिकित्सक कक्ष,जांच कक्ष से लेकर दवा वितरण कक्ष तक पर वालेंटियर तैनात थे। जो मरीजों का हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर थे।शिविर के आयोजक तथा समाजसेवी राजेश सिंह दयाल स्वयं बराबर चक्रमण करते हुए अपनी नज़र रखे हुए थे। वे स्वयं भी मरीजों की सहायता कर रहे थे।

शिविर में ईसीजी (EGC),ब्लड टेस्ट (Blood Test) आदि की भी व्यवस्था थी। चिकित्सकों के परामर्श पर मरीजों का न केवल विभिन्न टेस्ट किया गया बल्कि नि:शुल्क दवा ( Free Medicine)भी वितरित किया गया।

मेडिकल कैंप (Medical Camp) में इलाज कराने पहुंचे मरीजों‌ ने की सराहना

मेडिकल कैंप  में इलाज कराने पहुंचे पुष्पा देवी, मोहम्मद शब्बीर,कुमारी रूबी,कुमारी जानकी,राधिका देवी,रमेश राम आदि ने कहा कि

“स्वास्थ्य शिविर से क्षेत्रवासियों को लाभ मिल रहा है। यहां जो सुविधा उपलब्ध है इससे पहले कभी नहीं हुई । चिकित्सकों का उचित परामर्श,टेस्ट तथा नि:शुल्क दवाएं मिल रही है। ऐसा शिविर अगर क्षेत्र में हमेशा लगता रहे तो निश्चित ही लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलने में सहायक होगा। यह कार्य बेहद सराहनीय है और इस तरह के कार्य हमेशा होना चाहिए। यह इलाका पिछड़ा है और इस शिविर से यहां के लोगों को काफी लोगों को इससे फ़ायदा मिल रहा है। दयाल फाउंडेशन यहाँ के लोगों के लिए एक तरह से मसीहा का काम कर रहा है”

स्वास्थ्य शिविर के आयोजक समाजसेवी राजेश सिंह दयाल (Rajesh Singh Dayal)  ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य की जरूरत है।आज भी स्वास्थ्य लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य की सुविधा हो जाए इसके लिए हम लोग काम कर रहे हैं। कहा कि इस प्रकार का स्वास्थ्य शिविर हमेशा जारी रहेगा।कहा कि लगातार काम करना है बच्चों की शिक्षा पर,कुपोषण पर कार्य करना है।

उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम बाकी है। राजेश सिंह (Rajesh Singh) ने कहा कि अगर यहाँ डॉक्टर मरीजों को चिकित्सक रेफर करते हैं तो उनका इलाज लखनऊ ले जा कर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से यह कार्य लगातार जारी है।

 

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