बलिया में छात्रवृत्ति संंबंधित मांग को लेकर छात्रों और छात्र नेताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में सत्याग्रह किया। इस दौरान छात्रों ने फीस, छात्रवृत्ति को लेकर धरना देना शुरू किया।
इस दौरान सीएम योगी के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। छात्र नेताओं ने कहा कि छात्रों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति नियमित तौर पर दी जाती रही है। इस साल 2022-23 में 83 लाख 62 हजार 85 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया।
इसमें 21 लाख 66 हजार चात्रों के खाते में आधी-अधूरी छात्रवृत्ति का धन आया है और 9 लाख 23 हजार 669 छात्रों को दस्तावेजी तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसकी वजह से करीब 70 प्रतिशत छात्रों छात्रवृत्ति से वंचित रह गए। इसके बाद सरकार दूसरी किश्त 15 मई से 30 मई के बीच देने को कहा था, लेकिन यह समयावधि भी पूरी हो चुकी है।
इस तरह लगभग 61 लाख छात्र सत्र में छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्रों के साथ यह नीतिगत लापरवाही प्रदेश के छात्रों के लिए शैक्षणिक उन्नयन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। छात्रवृत्ति किसी भी छात्र के लिए एक राशि मात्र नहीं है, बल्कि उनके लिए एक उम्मीद है। जो उन्हें अपने पढ़ाई को क्रमागत करने में सहायक होती है। छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग किया है कि ऐसे में छात्रों के हिस्से की छात्रवृत्ति देने के लिए प्रावधान सुनिश्चित हो तथा इसके लिए कानून बने।
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