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पुलिस के हत्थे चढ़े जालसाज, ट्रेजरी ऑफिसर बन रिटायर्ड पुलिसकर्मियों के खाते से निकालते थे पैसे

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साइबर ठगी की वारदातें दिनबदिन बढ़ती जा रही हैं। यह साइबर ठग पुलिस को भी अपना निशाना बनाने से नहीं चूकते। वाराणसी पुलिस ने दो ऐसे जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो रिटायर्ड पुलिसकर्मियों के खातों से लाखों की रकम पार कर लेते थे। बदमाश ट्रेजरी अधिकारी बन रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को अपनी बातों में फंसाते और उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे।

दोनों आरोपी अब तक 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं। दोनों के पास से 04 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 12 सिम, 18 पासबुक चेकबुक के साथ, 10 आधार कार्ड, 20 एटीएम, 2 पैन कार्ड, सोने की एक चेन और 8420 रुपए बरामद किए गए हैं। साथ ही बैंक अकाउंट में मौजूद 11 लाख रुपए सीज कराए गए हैं।

इन शातिर ठगों में से एक बलिया के हल्दी थाना खे चैन छपरा का रहने वाला संदीप कुमार चौबे है, दूसरे आरोपी के पहचान चंदन सागर उर्प चंदन कुमार के रुप में हुई है, जो कि बिहार के जहानाबाद जिले के पारस बिगहा थाने के दयाली बिगहा का रहने वाला है।

जानकारी के मुताबिक गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाना के सेमरा निवासी उपेंद्र कुमार सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस थाना को सूचना दी कि वह पुलिस विभाग से रिटायर हुए हैं। 25 मार्च 2022 को उनके मोबाइल पर फोन आया। फोन पर मौजूद शख्स ने खुद को ट्रेजरी ऑफिसर बताया और जीपीएफ पैसा आने की बात कहकर खाता संख्या और ओटीपी पूछा। इसके बाद उपेंद्र कुमार के खाते से 10 बार में 1,800,000 रुपए निकाल लिए गए।

इसी तरह जिले के गहमर थाने के बारा निवासी लल्लन प्रसाद ठगी का शिकार हुए। वह 25वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली से कंपनी कमांडर पद से रिटायर हुए हैं। उनके मोबाइल पर भी बदमाशों ने कॉल कर खुद को ट्रेजरी ऑफिसर बताया और पेंशन के नाम पर खाता संख्या पूछी। इसके बाद किक्र स्पोर्टे ऐप डाउनलोड करवाया। इसके बाद ओटीपी पूछा और खाते में से पैसे निकाल लिए।

इन दोनों मामलों के अलावा बदमाशों ने कई पुलिसकर्मियों को ठगी का शिकार बनाया है। बदमाश रिटायर्ड पुलिसकर्मियों, पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों को फोन कर केवाईसी अपटेड या पेंशन के संबंध में कागजी खानापूर्ति के नाम पर बैंक अधिकारी या ट्रेजरी अधिकारी बनकर कॉल करते हैं। उनसे बैंक खाता संबंधी जानकारी प्राप्त करके एनीडेस्क या क्विक सपोर्ट डाउनलोड कराकर उनके खातों से पैसा गायब कर देते है।

दोनों बदमाशों ने ठगे के काम को बांट दिया था। जैसे कि फर्जी सिम की व्यवस्था करना, फर्जी खाता नंबर की व्यवस्था करना, नेट से सर्च कर कर्मचारियों/अधिकारियों का नंबर व विवरण प्राप्त करना, उन्हें फोन करना, फर्जी वॉलेट तैयार करना, एटीएम से पैसा निकालना। ठगी का पैसा भी आपस में बांटते थे। बदमाशों ने कई जगह ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। वाराणसी, कानपुर, अयोध्या, दिल्ली, जमशेदपुर, पटना, नालंदा आदि शहरों में जाकर खाता खुलवाते हैं और वहीं से फर्जी सिम लेते हैं। उन्हीं के सहारे फिर साइबर अपराध करते थे। अब यह आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। इनसे पूछताछ के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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