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UP Board: बलिया में इतने छात्रों ने छोड़ी पहले दिन की परीक्षा, नकल रोकने में प्रशासन रहा सफल !

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बलिया। यूपी में आज से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। जहां पहली पाली में 63 हजार 883 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। जबकि कुल 76 हजार 87 स्टूडेंट्स को एग्जाम देना था। ऐसे में 12 हजार 204 स्टूडेंट्स उपस्थित नहीं रहे। और फिर दूसरी पाली में 58 हजार 727 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिए जबकि 64 हजार 754 स्टूडेंट्स को एग्जाम देना था ऐसे में 6 हजार 27 स्टूडेंट अनुपस्थित रहे। वहीं नकल रोकने के हिलाज से 211 परीक्षा केंद्रों पर सघन तलाशी की गई। हालांकि सभी परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई।

एग्जाम से पहले सघन चेकिंग- एग्जाम से पहले परीक्षार्थियों की मुख्य गेट पर सघन तलाशी ली गई। बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन और पारदर्शी बनाने के लिए प्रशासनिक और शिक्षा विभाग पूरी तरह से अलर्ट दिखा। जिले में करीब 211 केंद्र बनाए गए हैं। इसकी वेब कास्टिंग के जरिए मॉनिटरिंग के लिए विकास भवन में कंट्रोल यूनिट स्थापित किया गया है। जिले में 52 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनमें 39 संवेदनशील और 13 अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र हैं। 21 सेक्टर बनाए गए हैं, जबकि 6 जोन और 2 सुपर जोन बनाए हैं। इन परीक्षा केंद्रों पर विशेष तौर पर स्ट्रेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।

सभी केंद्रों में CCTV एक्टिव है। ऑनलाइन निगरानी विकास भवन से हो रही है। अधिकारियों का कहना है, बोर्ड परीक्षा की निगरानी के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के 12 और जनपद स्तरीय अधिकारियों के 6 सचल दल बनाए हैं। बता दें जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा में कुल एक लाख 40 हजार 925 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। इसमें हाईस्कूल के 75 हजार 654 और इंटर के 60 हजार 807 संस्थागत छात्र-छात्राएं हैं। इनके अलावा हाईस्कूल में 517 और इंटरमीडिएट में 2,747 व्यक्तिगत परीक्षार्थी हैं।

बैरिया विधानसभा क्षेत्र के पीएन इंटर कॉलेज दुबे छपरा सहित अन्य परीक्षा केंद्रों पर अधिकारी और पुलिस लगातार चेकिंग करती रही। नकलविहीन परीक्षा कराने को लेकर परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल तैनाती से माफियाओं में हड़कंप है। वहीं परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संचालित हुई। जोनल मजिस्ट्रेट और बैरिया सीओ अशोक मिश्रा और बैरिया थाना प्रभारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल के साथ परीक्षा केंद्रों का भ्रमण करते रहे।

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मतानंद फाउंडेशन और ENTOD फार्मास्यूटिकल्स ने ग्लूकोमा बीमारी को लेकर चलाया अभियान, लाखों लोगों को किया जागरूक

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मतानंद फाउंडेशन ने ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सहयोग से एक व्यापक ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह अभियान ग्लूकोमा मुक्त ग्लूकोमा का सफलतापूर्वक समापन किया। ये अभियान 10 से 16 मार्च के बीच चलाया हुआ था। इस अभियान के मुख्य उद्देश्य भारत भर में ग्लूकोमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करना था। इस पहल ने देश भर के विभिन्न शहरों में 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित किया।

10 से 16 मार्च के पूरे सप्ताह के दौरान हैशटैग ‘#ग्लूकोमामुक्तभारत’ नंबर पर रहा। ट्विटर के ट्रेंडिंग टॉपिक्स में पहला स्थान, देश भर में करोड़ों लोगों की रुचि को आकर्षित करते हुए। इस अभियान को तब महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला जब बॉलीवुड सेलिब्रिटी रणविजय सिंह ने अपनी मां के साथ अभियान की शुरुआत की। उनकी भागीदारी के साथ-साथ पूरे अभियान में शामिल 100 प्रभावशाली लोगों की भागीदारी के साथ, इस पहल ने 5 मिलियन से अधिक प्रभावशाली भागीदारी हासिल की, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में प्रभावी ढंग से जागरूकता फैल गई।

बॉलीवुड अभिनेता रणविजय सिंह विभिन्न चिकित्सा और जीवनशैली प्रभावितों, डॉक्टरों और स्थानीय संघों के सहयोग से चलाए गए इस सप्ताह भर के अभियान के राजदूत थे और भारत में 2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचे।

सप्ताह भर के अभियान के दौरान, समर्पित क्षेत्र टीम द्वारा पूरे भारत में प्रभावशाली गतिविधियों की एक श्रृंखला को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया गया। भारत के 350 से अधिक जिलों में गाँव स्तर से लेकर कस्बों और स्तरीय शहरों तक ग्लूकोमा जागरूकता रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें 2000 से अधिक डॉक्टरों और उनके स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इन रैलियों ने जनता को ग्लूकोमा की शीघ्र पहचान और उपचार के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए मंच के रूप में कार्य किया।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों के क्लीनिकों में ग्लूकोमा शिविर स्थापित किए गए, जिससे बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1.5 लाख से अधिक रोगियों तक पहुंच बनाई गई। फ़ील्ड टीम ने दृष्टि जांच की और ग्लूकोमा पर सूचनात्मक पत्रक वितरित किए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि व्यक्तियों को स्थिति और इसके प्रबंधन के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, मतानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मा ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह को चिह्नित करते हुए और अपने राष्ट्रीय अभियान पर प्रकाश डालते हुए, अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी वार्षिक सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। सम्मेलन में, प्रमुख ग्लूकोमा डॉक्टरों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में महत्वपूर्ण संदेश देने वाले 30 से अधिक रोगी शिक्षा वीडियो रिकॉर्ड किए गए, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों को और बढ़ावा मिला।

पहल पर टिप्पणी करते हुए, ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ, श्री निखिल के मसुरकर ने कहा, “भारत में नेत्र स्वास्थ्य के समर्थक के रूप में, ‘ग्लूकोमामुक्तभारत’ पहल के साथ हमारा लक्ष्य हमारे समुदायों में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। यह अभियान था हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से लक्षित किया गया है ताकि वे अपने माता-पिता और दादा-दादी को ग्लूकोमा के लिए परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

डॉ. रोमा जौहरी ने बताया कि “वैश्विक स्तर पर अपरिवर्तनीय अंधेपन के लिए ग्लूकोमा प्राथमिक योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। हालांकि, शीघ्र पता लगाने और उपचार के साथ, ग्लूकोमा से संबंधित 90 प्रतिशत तक अंधेपन के मामलों को रोका जा सकता है। नियमित नेत्र परीक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ऊंचे स्तर पर हैं जोखिम, दृष्टि की सुरक्षा के लिए शुरुआत में ही स्थिति का निदान और प्रबंधन करने में। हमें मटानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के साथ सहयोग करने पर गर्व है, जो ग्लूकोमा की सार्वजनिक समझ को बढ़ाता है और ग्लूकोमा-प्रेरित अंधापन को रोकने में नियमित आंखों की जांच के महत्व पर जोर देता है।

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बलिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पिकअप से बरामद की 30 पेटी शराब

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बलिया पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के निर्देशन में जिले में लगातार अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एसपी और एएसपी के निर्देशन में अवैध शराब की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को सफलता मिली है।

पुलिस ने सुखपुरा थाना क्षेत्र के हरदिया गांव के समीप से पिकअप पर लदी 30 पेटी अवैध शराब बरामद की है। पकड़ी गई शराब की कीमत लगभग दो लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस का पीछा करते देख ड्राइवर मौके से गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उसके बाद पुलिस ने पिकअप को थाने लाई तथा विधिक कार्रवाई में जुट गई।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात आबकारी टीम और सुखपुरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध शराब जब्त की है। इस संबंध में थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पिकअप चालक फरार है, जिसकी तलाश में टीम जुटी हुई है। इसके अलावा पुलिस अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि आखिर ये शराब कहां ले जाई जा रही थी।

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बलिया के CRPF जवान का इलाज के दौरान निधन, लोगों ने नम आंखों के साथ दी अंतिम विदाई

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बलिया जिले के खेजूरी थाना क्षेत्र के ग्राम भुड़ाडीह निवासी सीआरपीएफ जवान का शव तिरंगे में लिपटा हुआ गृह ग्राम पहुंचा। जवान को तिरंगे में लिपटा देख लोगों की आंखें नम हो गई। सम्मान के साथ जवान के शव को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान परिजनों और रिश्तेदारों के साथ ही आसपास के लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

बता दें कि खेजुरी थाना क्षेत्र के गांव भूड़ाडीह निवासी सीआरपीएफ के जवान अख्तर हुसैन खान (58) 1985 में सेना में भर्ती हुए थे। वे वर्तमान में सीआरपीएफ में एसआई के पद पर रांची में तैनात थे। कुछ दिनों पहले ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हो गई, उन्हें मुंबई के टाटा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

सीआरपीएफ की 95 बटालियन वाराणसी के सहायक कमांडेंट हनुमान सिंह और इंस्पेक्टर दिनेश सिंह यादव के नेतृत्व में जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो घर में चीख-पुकार मच गई। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। यह माहौल देख मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। जवान की अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।

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