उत्तर प्रदेश फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बदरे आलम का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। गुरुवार (24 जनवरी) सुबह अचानक बदरे आलम को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
73 वर्षीय बदरे आलम के पार्थिव शरीर को गुरुवार देर रात बेल्थरा रोड के बाज़ार वाले कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक किया गया। यूपी फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान के निधन की ख़बर से पूर्वांचल के खेल जगत में शोक का माहौल है। कई खिलाड़ियों ने उनके जनाज़े में शिरकत कर उन्हें नम आंखों से विदाई दी और शोकाकुल परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
7 जून 1945 को बलिया के बेल्थरा रोड स्थित पोखरा में जन्में बदरे आलम ने अपने खेल की शुरुआत 1960 में जीएम इन्टर कॉलेज की तरफ़ से खेलते हुए की थी। इसके बाद उन्हें 1972 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का कप्तान बनाया गया।
बदरे आलम ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से चयनकर्तों को काफी प्रभावित किया, जिसके चलते उन्हें 1976 में उत्तर प्रदेश फुटबॉल टीम की कमान सौंप दी गई।
बदरे आलम की कप्तानी में यूपी फ़ुटबॉल टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। डूरंड कप, संतोष ट्रॉफी, सुब्रतो कप जैसी प्रतियोगिताओं में बदरे आलम के नेतृत्व में यूपी टीम का प्रदर्शन काबिले तारीफ़ रहा। इसके बाद बदरे आलम का चयन भारत के मशहूर फुटबॉल क्लब मोहम्मडन स्पोर्टिंग कोलकाता में हो गया। उन्होंन मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के लिए 1976 से 1977 तक खेला।
इसके बाद पूर्वांचल के इस लाजवाब खिलाड़ी को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में अपने शानदार के बूते नौकरी मिल गई। बदरे आलम ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का 1983 से 1992 तक बतौर कप्तान प्रतिनिधित्व किया। बदरे आलम के दुनिया को अलविदा कहने से यकीनन खेल जगत में एक ऐसा खालीपन आया है, जिसे भरा नहीं जा सकता।
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