बलिया स्पेशल
बलिया के सकलदीप राजभर सहित राज्यसभा जीतने वाले बीजेपी के ये हैं 9 रत्न

यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए बीजेपी ने 9 उम्मीदवार उतारे और सभी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. सूबे से जीते बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों में ब्राह्मण, दलित, वैश्य, ओबीसी और किसान सभी चेहरे शामिल हैं. सूबे में पार्टी के लिए नौंवे उम्मीदवार को जिताने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. बीजेपी की रणनीति के आगे सपा-बसपा सहित विपक्ष की एकजुटता काम नहीं आ सकी. उच्चसदन पहुंचने वाले बीजेपी के ये नौ रत्न हैं…
सूबे की 10 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा के साथ 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की है.
बीजेपी से राज्यसभा पहुंचने वाली कांता कर्दम दलित समुदाय से आते हैं. कर्दम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैं. बीजेपी की महिला मोर्चा की सचिव और उपाध्यक्ष भी रही हैं. संघ के संगठन सेवा भारती में कार्य कर चुकी हैं. पश्चिम यूपी बीएसपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. कर्दम बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जाटव समुदाय से हैं. बीजेपी ने मेरठ नगर निगम के चुनाव में उतारा था, लेकिन बीएसपी उम्मीदवार से मात खा गईं थीं. इसके अलावा हस्तिनापुर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं, लेकिन वहां भी वो नहीं जीत सकीं.
सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच जातीय हिंसा बीजेपी के लिए चिंता का सबब है. ऐसे में बीजेपी ने कांता कर्दम को राज्यसभा भेजने का कदम उठाया, जो कि माहौल को उसके पक्ष में करने में मददगार साबित हो सकता है.
अशोक बाजपेयी
बीजेपी से राज्यसभा से पहुंचने वाले दूसरे चेहरे डॉ. अशोक वाजपेयी हैं. वो सूबे की सियासत के किंग मेकर माने जाने वाले 12 फीसदी वाले ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. वाजपेयी सपा के दिग्गज नेता रहे हैं. पिछले साल सूबे की सत्ता राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले योगी आदित्यनाथ को सौंपने के बाद पार्टी लगातार बैलेंस बनाने की कवायद कर रही है. इसी के चलते पार्टी ने कई ब्राह्मणों को आगे बढ़ाने का काम किया है.
अशोक वाजपेयी सपा से बीजेपी में आए हैं. उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करते समय यूपी की MLC सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसी के इनाम के रूप में अब उन्हें राज्यसभा का तोहफा दिया गया है. वाजपेयी 1977 और 1985 में हरदोई में पीहानी से जनता पार्टी के विधायक चुने गए. 1989 में जनता दल से विधायक बने तो इसके बाद 1993, 1996 और 2002 में सपा से विधायक रहे.
हरनाथ सिंह यादव
बीजेपी ने सपा के मूल वोटबैंक यादव समुदाय को भी पाले में लाने की कवायद के तहत हरनाथ सिंह यादव को राज्यसभा भेजा है. वो मुलायम के मजबूत गढ़ इटावा मैनपुरी क्षेत्र से आते हैं और पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी माने जाते हैं. संघ के जिला प्रचारक रह चुके हैं. 1996 और 2002 में एमएलसी थे. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें यादव बहुल मैनपुरी के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी थी. इसी का ईनाम उन्हें राज्यसभा के तौर पर मिला है.
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में राजपूत और किसान मतों को ध्यान में रखते हुए विजय पाल सिंह तोमर को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. तोमर किसान नेता चौधरी चरण सिंह के साथ किसानों के लिए काम करते रहे थे. 1991 में जनता दल से मेरठ की सरधना सीट से विधायक बने और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. मौजूदा समय में मेरठ के बीजेपी जिला अध्यक्ष हैं. संगीत सोम के धुरविरोधी नेता के तौर पर जाने जाते हैं. किसान नेता के तौर पर पश्चिम यूपी में पार्टी उन्हें आगे बढ़ा के मद्देनजर उच्चसदन भेज रही है.
सकलदीप राजभर
बीजेपी ने पश्चिमी यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल को भी राज्यसभा चुनाव के जरिए साधने की कोशिश की है. इसी के तहत सकलदीप राजभर को उच्चसदन भेजने का फैसला किया है. सकलदीप राजभर को ओम प्रकाश राजभर के विकल्प के तौर पर माना जाता है. पूर्वांचल में राजभर मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. सकलदीप बलिया से आते हैं और प्रदेश की कार्यकारिणी के सदस्य हैं.
अरुण जेटली
अरुण जेटली बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं. इतना ही नहीं मोदी सरकार के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री है. अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और 1974 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने. इमरजेंसी (1975-1977) के दौरान जेटली को मीसा के तहत 19 महीना जेल में भी काटना पड़ा. राज नारायण और जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए भ्रष्टाचार विरोधी जनांदोलन में भी वो प्रमुख नेताओं में से थे. जय प्रकाश नारायण ने उन्हें राष्ट्रीय छात्र और युवा संगठन समिति का संयोजक नियुक्त किया. मोदी सरकार से पहले अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.
डॉ. अनिल जैन
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचने वाले में डॉ. अनिल जैन का भी नाम शामिल है. बीजेपी के कोटे से वो राज्यसभा पहुंचे हैं. जैन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं. वो मध्य प्रदेश से आते हैं. पार्टी आलाकमान अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. इसी साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजकर एमपी में सियासी फायदा उठाने की कोशिश की है.
जीवीएल नरसिम्हा
बीजेपी के कोटे से राज्यसभा पहुंचने वालों में जीवीएल नरसिम्हा का नाम भी शामिल है. राव बीजेपी के प्रवक्ता हैं. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में पार्टी की बात को बहुत अच्छे तरीके से रखते हैं. इतना ही नहीं दक्षिण भारत से आते हैं. पिछले काफी समय से पार्टी के प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
अनिल अग्रवाल
बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार के रूप में अनिल अग्रवाल को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. बीजेपी ने अपने मूल वोटबैंक वैश्य समुदाय का ध्यान रखते हुए अग्रवाल को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. अग्रवाल का पश्चिम उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज हैं.





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बलिया में इतने दिनों के लिए धारा-144 लागू

बलिया में 17 नवंबर से 14 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है। इस बाबत जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद सीमा के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें जिससे शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।
कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
कोई भी व्यक्ति ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा जिससे किसी वर्ग विशेष की भावना को ठेस पहुचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रोत्साहित करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।
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बलिया के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर इन तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी

बलिया में बैरिया विधानसभा के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर अब से 3 ट्रेनों के ठहराव को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जिन 3 ट्रेनों का ठहराव होगा, उसमें बरौनी – गोंदिया एक्सप्रेस, बरौनी – अम्बाला एक्सप्रेस और गोरखपुर कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। वाराणसी डिवीजन को इन तीन ट्रेनों के ठहराव के लिए जल्द से जल्द कहा गया है।
बता दें कि इन ट्रेनों के ठहराव की लागतार मांग हो रही थी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के पत्र और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह के अनुरोध पर बलिया निवासी मुरादाबाद रेल मंडल केएडीआरएम निर्भय नारायण सिंह के अथक प्रयास से आज बैरिया वासियों को बड़ी सौगात मिली है। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बधाई दी।
इन ट्रेनों के ठहराव से अब बैरिया क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामवासियों को बहुत सुविधा होगी। अब रेलयात्री आसानी से सफर कर पाएंगे। ये तीनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनें हैं, ऐसे में यात्री आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे।
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बलिया के मुफ़्त स्वास्थ्य कैंप में उमड़ा जनसैलाब, ‘दयाल फाउंडेशन’ को लोगों ने बताया मसीहा!

बलिया के बांसडीह (Bansdih) में शनिवार को राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन (Rajesh Singh Dayal Foundation) की ओर से दो दिवसीय मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। मेडिकल कैंप के पहले दिन ही रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी। बांसडीह इन्टर कालेज (Bansdih Inter College) में लगे कैंप में मरीजों को देखने के लिए लखनऊ (Lucknow) से आयी चिकित्सकों की टीम द्वारा नि:शुल्क दवाइयां भी दी गयी। पहले दिन यहाँ तकरीबन 3500 लोगों का मुफ़्त इलाज किया गया।
स्वास्थ्य शिविर (Medical Camp) में पहुंचे मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए एडमिशन कांउटर,चिकित्सक कक्ष,जांच कक्ष से लेकर दवा वितरण कक्ष तक पर वालेंटियर तैनात थे। जो मरीजों का हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर थे।शिविर के आयोजक तथा समाजसेवी राजेश सिंह दयाल स्वयं बराबर चक्रमण करते हुए अपनी नज़र रखे हुए थे। वे स्वयं भी मरीजों की सहायता कर रहे थे।
शिविर में ईसीजी (EGC),ब्लड टेस्ट (Blood Test) आदि की भी व्यवस्था थी। चिकित्सकों के परामर्श पर मरीजों का न केवल विभिन्न टेस्ट किया गया बल्कि नि:शुल्क दवा ( Free Medicine)भी वितरित किया गया।
मेडिकल कैंप (Medical Camp) में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने की सराहना
मेडिकल कैंप में इलाज कराने पहुंचे पुष्पा देवी, मोहम्मद शब्बीर,कुमारी रूबी,कुमारी जानकी,राधिका देवी,रमेश राम आदि ने कहा कि
“स्वास्थ्य शिविर से क्षेत्रवासियों को लाभ मिल रहा है। यहां जो सुविधा उपलब्ध है इससे पहले कभी नहीं हुई । चिकित्सकों का उचित परामर्श,टेस्ट तथा नि:शुल्क दवाएं मिल रही है। ऐसा शिविर अगर क्षेत्र में हमेशा लगता रहे तो निश्चित ही लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलने में सहायक होगा। यह कार्य बेहद सराहनीय है और इस तरह के कार्य हमेशा होना चाहिए। यह इलाका पिछड़ा है और इस शिविर से यहां के लोगों को काफी लोगों को इससे फ़ायदा मिल रहा है। दयाल फाउंडेशन यहाँ के लोगों के लिए एक तरह से मसीहा का काम कर रहा है”
स्वास्थ्य शिविर के आयोजक समाजसेवी राजेश सिंह दयाल (Rajesh Singh Dayal) ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य की जरूरत है।आज भी स्वास्थ्य लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य की सुविधा हो जाए इसके लिए हम लोग काम कर रहे हैं। कहा कि इस प्रकार का स्वास्थ्य शिविर हमेशा जारी रहेगा।कहा कि लगातार काम करना है बच्चों की शिक्षा पर,कुपोषण पर कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम बाकी है। राजेश सिंह (Rajesh Singh) ने कहा कि अगर यहाँ डॉक्टर मरीजों को चिकित्सक रेफर करते हैं तो उनका इलाज लखनऊ ले जा कर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से यह कार्य लगातार जारी है।
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