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बलिया: फेफना का ये सियासी समीकरण संग्राम सिंह यादव को दिलाएगा जीत?

उत्तर प्रदेश की चुनावी महाभारत अपने शबाब पर है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। प्रदेश भर में नेताओं के मैराथन दौरे शुरू हो गए हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता सूबे की जमीन को दिन-रात मापने में लगे हैं। तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी लगाता दौरे कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनावी रैली का आगाज कर दिया है। कांग्रेस की ओर प्रियंका गांधी भी सूबे में एक बार फिर कांग्रेस की जमीन जमाने में लगी हैं। बड़े दलों के अलावा प्रदेश के क्षेत्रीय क्षत्रप जो इस चुनाव में किंग मेकर माने जा रहे हैं, हवा का रुख अपने पक्ष में मोड़ने की जुगत कर रहे हैं।
यहां हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित बिहार से सटे बलिया ज़िले की। बलिया में भी एक खास विधानसभा सीट की। जिसका नाम है फेफना। कुछ सालों पहले इसे कोपाचीट के नाम से जाना जाता था। फेफना विधानसभा सीट से वर्तमान समय में उपेंद्र तिवारी विधायक हैं। उपेंद्र तिवारी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में युवा कल्याण एवं खेल मंत्री हैं। 2017 के चुनाव में उपेंद्र तिवारी ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अंबिका चौधरी को लगभग 17 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
अब ये 2017 का विधानसभा चुनाव तो हैं नहीं। है ये 2022 का चुनावी रण। जिसमें कई सियासी सूरमा अपना दल बदल चुके हैं। दल बदला है तो समीकरण भी बदल चुका है और हवा भी डवांडोल हो रही है। फेफना से समाजवादी पार्टी ने संग्राम सिंह यादव को मैदान में उतारा है। तो भाजपा ने एक बार फिर उपेंद्र तिवारी पर भरोसा जताया है। टक्कर भी उपेंद्र तिवारी और संग्राम सिंह यादव के बीच ही मानी जा रही है।
संग्राम सिंह यादव का सियासी सफर:
सपा और बसपा दोनों से संग्राम सिंह यादव विधानसभा चुनाव में दावेदारी कर चुके हैं। 1991 का साल था जब संग्राम सिंह यादव ने पहली दफा फेफना से चुनाव लड़ा था। फेफना से चुनाव हारने पर संग्राम सिंह यादव चिलकहर सीट से चुनावी ताल ठोकने पहुंचे। 1993 में बसपा की टिकट पर उन्हें जीत मिली। ये बात तब की है जब प्रदेश में सपा और बसपा का गठजोड़ था। वक्त बदला और संग्राम सिंह ने पार्टी बदल ली।
2005 में संग्राम सिंह यादव एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे। इस बार एमएलसी का चुनाव लड़ रहे थे। नतीजा उनके पक्ष में नहीं था। 2007 में सपा की टिकट पर चिलकहर से विधानसभा चुनाव लड़े। 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा की टिकट पर बलिया से चुनाव लड़े। 2012 में कौमी एकता दल-भासपा गठबंधन की टिकट पर चुनाव लडे़। 2017 के चुनाव में एक बार फिर सपा ने उन्हें मैदान में उतारा। 2017 के चुनाव में भाजपा की ओर से उपेंद्र तिवारी चुनाव लड़ रहे थे। तो वहीं इस सीट पर दबदबा रखने वाले अंबिका चौधरी बसपा की ओर से चुनौती पेश कर रहे थे। उपेंद्र तिवारी ने ये चुनाव जीता था और लखनऊ में उनके हाथ मंत्रालय भी लगा।

फेफना में प्रचार के दौरान संग्राम सिंह यादव (टीका लगवाते हुए)
अंबिका चौधरी की वापसी से बदला सियासी समीकरण:
फेफना सीट पर सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे अंबिका चौधरी का दबदबा रहा है। फेफना सीट से अंबिका चौधरी चार बार विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अंबिका चौधरी साइकिल से उतरकर हाथी पर सवार हो गए। 2017 में अंबिका चौधरी ने बसपा की टिकट पर फेफना से चुनाव लड़ा। सपा से संग्राम सिंह यादव ने दावेदारी पेश की। इस गुत्थमगुत्थी का सीधा फायदा भाजपा के उपेंद्र तिवारी को मिला।
अब 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अंबिका चौधरी की घर वापसी हो चुकी है। सपा के पक्ष में माहौल इसलिए भी दिख रहा है क्योंकि अंबिका चौधरी सपा के साथ हैं। संग्राम सिंह यादव सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जिनके समर्थन में अंबिका चौधरी स्वभाविक तौर पर हैं। संग्राम सिंह यादव और अंबिका चौधरी के इस बार वोटों का बंदरबाट नहीं होने वाला है। दोनों नेता एक ही साइकिल पर सवार हैं। तो बलिया के चौक-चौराहों पर सियासत की ताप पर बहस करने वाले जानकारों का मानना है कि संग्राम सिंह यादव और अंबिका चौधरी के एक साथ एक मंच पर होे से साफ फायदा सपा को मिलेगा। यानी संग्राम सिंह यादव की दावेदारी मजबूत दिख रही है।
क्या है फेफना का हिसाब-किताब:
फेफना विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 3 लाख से अधिक है। 1 लाख 60 हज़ार से अधिक पुरुष मतदाता हैं। महिला मतदाताओं की संख्या लगभग 1 लाख 36 हज़ार से अघिक है। उत्तर प्रदेश में चुनाव हो और जातिगत समीकरण की बात ना हो तो बात अधूरी रह जाती है। फेफना में यादव बिरादरी की संख्या लगभग पचास हज़ार से अधिक है। दलित लगभग पचास हज़ार से कुछ कम हैं। राजभर भी पैंतीस हजार के करीब हैं। तो ठाकुर और मुसलमानों की संख्या 30 हज़ार के आसपास है। ब्राह्मण, बनिया, भूमिहार, कुशवाहा, चौहान और निषाद समाज के मतदाताओं की संख्या भी प्रभावी है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव में सपा और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का गठबंधन है। राजभर वोट इस सीट पर लगभग 35 हज़ार बताई जाती है। ऐसे में अगर ओमप्रकाश राजभर के साथ राजभर वोट लामबंद होता है तो सपा के संग्राम सिंह यादव के लिए राह आसान हो सकती है। सपा के कोर वोटर और सोशल इंजिनियरिंग मिलकर संग्राम सिंह यादव के साइकिल की रफ्तार को बढ़ा सकते हैं।
देखना होगा की तमाम सियासी समीकरण जो फेफना की सीट पर सपा के संग्राम सिंह यादव के पक्ष में जाती दिख रही हैं, 10 मार्च को कितनी सही साबित होती हैं। फेफना में 3 मार्च को वोटिंग होगी। क्षेत्र की तीन लाख जनता विधानसभा में अपने प्रतिनिधि के लिए वोट करेगी। उपेंद्र तिवारी इस सीट पर जीत हासिल कर फेफना पर भाजपा के जीत की हैट्रिक लगवाना चाहेंगे। तो दूसरी संग्राम सिंह यादव ये बाजी मारकर चुनावी जीत का सुखा समाप्त करना चाहेंगे।






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बलिया में उत्तराखंड के पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह का सपा पर तंज, बोले – इनको जनता समझ चुकी है

बलिया। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी महाजनसंपर्क अभियान चला रही है। जिसके तहत यूपी के बलिया जिले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की। जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा। साथ ही राहुल गांधी और नीतीश कुमार पर भी हमला बोला।
‘सपा को समझ चुकी जनता’ – कहा कि “प्रदेश की जनता भूली नहीं है कि समाजवादी पार्टी ने किस तरह से उत्तर प्रदेश में गुंडाराज कायम किया। तमाम माफिया समाजवादी पार्टी के कैडर में रहे। यही नहीं सपा ने उनको माननीय बनाने का भी काम किया। इसलिए समाजवादी पार्टी का जो मुखौटा है उसको प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है प्रदेश की जनता ने उसे पहले भी नकारा है और इस बार फिर नाकरेगी।
राहुल गांधी के बोलने BJP को फायदा’- पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी BJP प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाएगी। कर्नाटक में जीत के बाद राहुल गांधी के बेहद मुखर होने पर कहा कि राहुल गांधी जितना बोलेंगे BJP को फायदा होगा। जिस तरह से वह नादानी कर रहे हैं. विदेश में जाकर के उन्होंने देश की बदनामी की हैं देश की जनता राहुल गांधी की राजनीतिक समझ को समझ चुकी है। देश की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है, इसलिए राहुल गांधी की मुखरता से कोई फर्क नहीं पड़ता। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा BJP के पास इस बार और अधिक वोट बढ़ाने की चुनौती है, उसको हम बढ़ाएंगे।
विपक्षी गठबंधन पर त्रिवेंद्र सिंह का जवाब- विपक्षी गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ दिन इंतजार करिए सब चीजें सामने आ जाएंगी यह किस तरह आपस में लड़ेंगे, किस तरह से एक दूसरे की गर्दन काटेंगे. आप सब देखेंगे। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और महाराष्ट्र की शिवसेना कांग्रेस गठबंधन पर भी निशाना साधा। कहा कि BJP पहले भी बिहार और महाराष्ट्र में अपने बल पर लड़ी है अब देश की जनता नीतीश कुमार और महाराष्ट्र की शिवसेना कांग्रेस का गठबंधन को बहुत अच्छी तरीके से समझ चुकी है। नीतीश कुमार और शिवसेना कांग्रेस गठबंधन सरकार अब एक्सपोज हो चुकी है।
वहीं पार्टी में अब तक सम्मान नहीं मिलने के सवाल पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने कहा कि मैं BJP राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं। पार्टी समय-समय पर मुझे जिम्मेदारी देती है। उस जिम्मेदारी को मैं एक कार्यकर्ता होने के नाते निभाता हूं।
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मंदिर की चल-अचल संपत्ति के फर्जीवाड़े के आरोप में रसड़ा चैयरमैन समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज

बलिया में रसड़ा कोतवाली पुलिस ने ठाकुर जी और महादेव जी मंदिर की चल और अचल संपत्ति के फर्जीवाड़े के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने नगरपालिका अध्यक्ष विनय शंकर जायसवाल समेत 9 के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
दैनिक अखबार हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक रसड़ा निवासी रौखीलाल ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत वाद दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि मेरे पूर्वजों की ओर से 24 अक्तूबर, 1897 को ठाकुरबाड़ी व मंदिर के बावत एक रजिस्टर्ड न्यास नाम तैयार किया गया।
इसमें ठाकुर जी और मंदिर के नाम से चल-अचल संपत्ति को व्यवस्था के लिए सर्वाकार की नियुक्ति होती रहेगी। स्वर्गीय विश्वनाथ प्रसाद श्री ठाकुर जी, महादेव जी मंदिर तथा उनके नाम की सभी चल-अचल संपत्ति के सर्वाकार नियुक्त हुए थे। उन्होंने अपनी पुत्रियों सरस्वती व सुमित्रा को सर्वाकार नियुक्त कर दिया था। बिना किसी को सर्वाकार नियुक्त किए ही सुमित्रा का निधन हो गया।
दूसरी बेटी सरस्वती ने अपने चार पुत्रों में दो शंभूनाथ व रोखीलाल उर्फ ऋषिलाल को सर्वाकार नियुक्त कर दिया। इसमें शंभूनाथ ने भी अपने पुत्र राजेश, रितेश व दिनेश को सर्वाकार नियुक्त कर दिया। वादी पक्ष ने कोर्ट में बताया कि कुछ लोगों ने साजिश व षड़यंत्र के जरिये रसड़ा तहसील के कर्मचारियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से ट्रस्ट को जमीन पर परशुराम का नाम अंकित कराकर सात जनवरी, 2017 को कवाला करा लिया।
इसके बाद न्यायालय में सुनवाई हुई और पुलिस ने हनुमान गली ब्रह्मस्थान निवासी परशुराम, शंकर राम का हाता ठाकुरबाड़ी निवासी चेयरमैन विनय कुमार उर्फ विनय शंकर जायसवाल, थाना रोड निवासी कैलाश प्रसाद उर्फ मुन्ना, केशव उर्फ जुन्या हिता के पुरा निवासी ललिया उर्फ रामदुलारी (मृतक ठाकुरबाड़ी निवासी अभिषेक दुबे, रसड़ा कस्बा के जवाहर लाल हिता के पुरा निवासी रामआशीष यादव पर धारा 419 व 420 में केस दर्ज किया गया है। रसड़ा कोतवाल हिर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। उधर, चेयरमैन विनय शंकर जायसवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने की जानकारी नहीं है।
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बालासोर ट्रेन हादसे में बलिया के युवक की भी गई जान, गांव में मातम!

बलिया। उड़ीसा के बालासोर में हुए दुर्घटना में बलिया के एक नौजवान की भी जान चली गई। जिल के दोकटी थाना क्षेत्र के बहुआरा निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र सूर्यदेव सिंह 38 साल के मृत्यु होने से गांव में शोक का हौल है।
बता दें कि बहुआरा गांव निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र सूर्यदेव सिंह दुर्घटना ग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस में पेंटी चेयर कार खाना देने का कार्य करते थे तथा दुर्घटना के दिन भी अपने ड्यूटी पर गए थे दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। कागजी खाना पूर्ति के बाद गांव खबर पहुचने के बाद कल से ही उनके घर पूछन हारो का तांता लगा हुआ है।
स्वर्गीय सिंह अपने परिवार सहित कोलकत्ता में रहते थे और वही से अपनी नौकरी करते थे। वह अपने पीछे अपनी पत्नी पूजा व चार वर्षीय बच्ची सृष्टि को छोड़ गये है। उनके चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि देवेंद्र बहुत मिलनसार व मेहनती लड़का था जो अपने इस नौकरी के बदौलत ही अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।
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