Connect with us

featured

नगर निकाय चुनाव 2022: कौन होगा बैरिया का ‘सूबेदार’, क्या कहते हैं समीकरण ?

Published

on

उत्तर प्रदेश नगर निकाय 2022 करीब आ चुका है. नगर पंचायतों में हर संभावित उम्मीदवार पूरे दमखम के साथ प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है. राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को ग्राउंड पर आजमाने लगे हैं. बलिया में भी नगर निकाय चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ चुकी है. चौक-चौराहों पर पोस्टर-बैनर का जखीरा देखने को मिलने लगा है. नगर निकाय चुनाव को लेकर बलिया ख़बर की स्पेशल सीरीज में यहां बात होगी बैरिया नगर पंचायत की.

बलिया में कुल 10 नगर पंचायत हैं. इस साल से पहले तक 8 नगर पंचायत थे. लेकिन 2017 के निकाय चुनाव से पहले ये संख्या 7 थी. क्योंकि तब बैरिया नगर पंचायत का अस्तित्व नहीं था. 2017 के नगर निकाय चुनाव में बैरिया का गठन हुआ. चुनाव हुए तो शांति देवी बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं. मौका ऐतिहासिक था क्योंकि ये बैरिया नगर पंचायत का पहला चुनाव था. अब 5 सालों के बाद एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं.

बीते दिनों केंद्री गृह मंत्री अमित शाह बलिया के दौरे पर थे. अमित शाह के दौरे से पहले 7 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सिताबदियारा पहुंचे थे. सिताबदियारा जाते समय प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने बैरिया तिराहे पर पूर्व विधायक द्वाबा के मालवीय स्व. मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाया था. नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिव कुमार वर्मा मंटन ने इस दौरान भूपेंद्र चौधरी का फूल-मालाओं से स्वागत भी किया था. शिव कुमार वर्मा इस बार नगर पंचायत के रण में दिखने वाले हैं.

कौन हैं दावेदार?

2017 में बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनी थीं शांति देवी. उनके प्रतिनिधि है शिव कुमार वर्मा मंटन. जो खुद इस बार चुनावी मैदान में दिख सकते हैं. 2017 के नतीजों में दूसरे नंबर पर रही थीं निर्दलीय उम्मीदवार पूनम सिंह. पूनम सिंह के पति हरी सिंह इस बार चुनावी रण में दिख सकते हैं. बता दें कि हरी सिंह के खिलाफ दो गंभीर मुकदमे धारा-302 और धारा-307 के तहत दर्ज हैं. चर्चित जलेश्वर सिंह हत्याकांड मामले में हरी सिंह जेल भी जा चुके हैं. ये दो बड़े नाम हैं. जो पिछली बार की ही तरह इस बार भी आमने-सामने होंगे. इनके अलावा कमलेश वर्मा और मुकेश कुंवर नगर पंचायत अध्यक्ष के संभावित दावेदारों में शुमार हैं.

समीकरण पर एक नज़र:

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 की टाइमिंग बेहद खास है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बीच. हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ है. जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की. अब आगे 2024 का लोकसभा चुनाव है. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव का कुछ असर नगर निकाय चुनाव पर देखने को जरूर मिलेगा. तो दूसरी ओर यूपी में नगर निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है.

बलिया की बैरिया सीट पर विधानसभा चुनाव में भाजपा के आनंद स्वरूप शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा था. जीत हुई थी समाजवादी पार्टी (SP) के जय प्रकाश आंचल की. भाजपा के हार की सबसे बड़ी वजह थी अंतर्कलह. 2017 के चुनाव में यहां से सुरेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर विधायक बने. लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. आनंद स्वरूप शुक्ला जो कि बलिया सदर से विधायक थे उन्हें बैरिया से मैदान में उतारा गया. सुरेंद्र सिंह ने बागी रुख अख्तियार कर लिया. भाजपा से अलग होकर वीआईपी की टिकट पर चुनाव लड़े. आपसी द्वंद में भाजपा ने ये सीट गंवा दिया.

विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने बैरिया में संगठन के अंतर्कलह को खत्म किया है. बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का यहां रुकना भी एक मैसेज की तरह ही है. उस पर भी नगर पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी शिवकुमार वर्मा मंटन की उनसे मुलाकात खास मायने रखती है. हरी सिंह उनके सामने प्रतिद्वंदी हैं. लेकिन जलेश्वर हत्याकांड से नाम जुड़ने के बाद उनकी छवि को बट्टा लगा है.

हालांकि देखना होगा बैरिया नगर पंचायत क्षेत्र की जनता क्या फैसला लेती है? क्षेत्र की बागडोर एक बार फिर शिवकुमार के परिवार के हाथों में ही रहता है या फिर बैरिया बदलाव की राह पर चलता है? विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी रहे हों. नगर पंचायत चुनाव के अपने मुद्दे होते हैं. अपने समीकरण होते हैं. चुनाव की रणनीतियां अलग होती हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कौन क्या दांव चलता है और किसके समीकरण कारगर साबित होते हैं?

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

code

featured

निर्माण के 6 साल बाद शुरू होगा बलिया का ट्रामा सेंटर

Published

on

बलिया में 6 साल पहले बनकर तैयार हुए ट्रामा सेंटर को जल्द करने की कवायद तेज हो गई है। इस ट्रामा सेंटर में अब जल्द ही गंभीर मरीजों का इलाज होगा। इससे जिले के रहवासियों को काफी ज्यादा सुविधा मिलेगा।

बता दें कि शासन ने बलिया सहित 10 जिलों में बने ट्रामा सेंटरों को शुरू करने का फैसला किया है। इस फैसले के अनुसार काम भी शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल परिसर में साल 2016 में बनकर तैयार ट्रामा सेंटर में हड्डी, सर्जन और फिजिशियन, मनोरोग चिकित्सक की ओपीडी चल रही है।इस ट्रामा सेंटर में आधुनिक उपकरण हैं, लेकिन आईसीयू वार्ड और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं है। इधर पूरे जिलेभर में डॉक्टरों की भारी कमी है। लिहाजा अस्पताल प्रशासन विशेषज्ञ चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा है।

इस परेशानी को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी पर तैनात एनेस्थीसिया (बेहोशी), सर्जन व हड्डी रोग चिकित्सक, नर्स व अन्य कर्मचारियों की तैनाती ट्रामा सेन्टर पर की जाएगी। कुछ माह पूर्व शासन द्वारा ट्रामा सेंटर के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. गौरव राय व डा. मल्ल व एक ईएमओ डा. पंकज कुमार सहित चार चार डॉक्टर मिले हैं।

सीएमओ स्तर से 13 स्टाप नर्स, 10 वार्ड ब्वाय, एक डीआरए, दो एक्स-रे टेक्निशियन को जिला अस्पताल को दिया गया हैं। अन्य व्यवस्था मिलते ही ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा सेन्टर में 24 घंटे गम्भीर मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू करने के लिए आईसीयू वार्ड, विशेषज्ञ चिकित्सक, एनेस्थीसिया व अन्य स्टाप की मांग शासन को भेजा है।इस ट्रामा सेंटर के शुरू हो जाने से सड़क दुर्घटना और अन्य गंभीर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी व अन्य महानगरों में जाने से छुटकारा मिलेगा। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार का कहना है कि ट्रामा सेंटर शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास प्रर्याप्त चिकित्सक व स्टाफ मौजूद है। अगर और चिकित्सक व कर्मचारियों की कमी है तो मांग करें, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला अस्पताल सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह का कहना है कि ट्रामा सेंटर को आंशिक रूप से संचालित किया जा रहा हैं। शासन से आईसीयू व अन्य संसाधन व कर्मचारी बढ़ाने की मांग की गई है। मिलते ही सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेगी।

Continue Reading

featured

बलियाः आगजनी से 20 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक, आग लगने का कारण अज्ञात

Published

on

बलिया।सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के इसार गांव में आगजनी से 20 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन तब तक पूरा खेल जलकर खाक हो गया।

बता दें कि मंगलवार की शाम को अज्ञात कारणों के चलते खेत में आग लग गई। आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। सूचना पर फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंची लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी।

इस घटना के बाद पूर्व विधायक संजय यादव ने राजस्व विभाग की पूरी टीम को आग लगी से अवगत कराया। मौके पर पहुंची राजस्व की टीम ने जिन-जिन किसानों का आग लगने से गेहूं का नुकसान हुआ था, उनकी रिपोर्ट लगाकर ले गए। लगभग एक दर्जन किसानों को नुकसान हुआ है।

इस समय गेहूं की मड़ाई चरम पर है और इस तरह की घटनाएं किसानों को चिंतित कर दे रही हैं। जिन किसानों को नुकसान हुआ उसमें चंद्रमा वर्मा, श्रवण वर्मा, नागेंद्र सिंह, भजुरामा वर्मा, अनिल तिवारी, विनय तिवारी, महेंद्र राजभर, हरिहर गुप्ता, मोहन खरवार, शिवशंकर राजभर, त्रिभुवन राजभर, प्रेमचंद वर्मा, जनक देव वर्मा आदि शामिल हैं।

Continue Reading

featured

बलिया में 23 साल से नौकरी कर रहा धोखेबाज शिक्षक बर्खास्त, जन्मतिथि में 7 साल का किया हेरफेर

Published

on

बलिया। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में 23 साल से भी अधिक समय से नौकरी कर रहे धोखेबाज शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपने जन्म तिथि में सात साल का हेरफेर किया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह की ओर से मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार रसड़ा क्षेत्र के जाम गांव निवासी ब्रजनाथ राम की नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। वे पिछले कुछ वर्षों से जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर, शिक्षा क्षेत्र रसड़ा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। ब्रजनाथ के खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड पिछले करीब एक साल से डीएम व बीएसए से शिकायत कर रहे थे। उन्होंने अंतिम शिकायत सात नवम्बर 2022 को जिलाधिकारी से की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि ब्रजनाथ राम की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 और दूसरी एक दिसंबर 1960। इस संबंध में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराये गए पुख्ता प्रमाण भी दिए थे। बीएसए ने शिकायतों की जांच रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभिन्न स्तर पर कराई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है जिसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। बाद में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गयी है। बीएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा में भर्ती नियमावली 1974 में उल्लिखित है कि सरकारी सेवक की जन्मतिथि हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण पत्र में अभिलिखित हो मानी जाएगी। ब्रजनाथ राम ने हाईस्कूल की परीक्षा अमर शहीद भगत सिंह इका, रसड़ा से 1972 में उत्तीर्ण कर ली थी और इस तथ्य को छिपाकर 1975 में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय बैरिया से जन्मतिथि परिवर्तित करके पूर्व मध्यमा परीक्षा पास की। यदि दो विद्यालयों से एक ही परीक्षा अलग-अलग वर्षों में उत्तीर्ण करने को नजर अंदाज भी कर दिया जाए तो जन्मतिथि में हेरा-फेरी करके परिवर्तन किया जाना नियम विरुद्ध है।

ऐसे में स्पष्ट है कि ब्रजनाथ राम तथ्यों को छिपाकर विभाग को धोखा देकर बीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण करके गलत तरीके से सेवा में बने हुए हैं। उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान किया जा चुका है। अब उनके सेवा में बने रहने का कोई नैतिक एवं विधिक आधार नहीं रह गया है।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!