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यूपी निकाय चुनाव: बैरिया नगर पंचायत का कौन होगा ‘बादशाह’, तय करेंगे ये मतदाता ?

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यूपी निकाय चुनाव: 2024 के ‘महा संग्राम’ से पहले उत्तर प्रदेश सेमिफाइनल माने जा रहे निकाय चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है. अदालती दखलंदाजी के बाद नई आरक्षण सूची जारी होते ही अब निकाय चुनाव के लिए नई अधिसूचना का इंतजार हो रहा है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल ग्राउंड ज़ीरो पर अपनी रणनीति को आजमाने में लगे हैं. बलिया में भी निकाय चुनाव की गहमागहमी है. यहां बात करेंगे बैरिया नगर पंचायत की. बताएंगे कि बैरिया में क्या चुनावी समीकरण देखने को मिल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में 2017 के मुकाबले समीकरण बदले हुए हैं. सीटों की संख्या और मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है. बात करें बलिया ज़िले के बैरिया नगर पंचायत की तो यहां करीब 5 हजार नए मतदाता बने हैं. जिनके हाथ में नगर पंचायत अध्यक्ष को जीताने की कुवत है. ये संख्या बड़ी है, नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिहाज से. इसीलिए दावेदारों की निगाह इन नए वोटर्स पर ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक 4724 नए युवा मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल है. इस तरह बैरिया नगर पंचायत के कुल मतदाताओं की संख्या 25,970 हो चुकी है. इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 14,622 है तो वहीं महिला मतदाता 11,438 हैंबलिया में कुल 10 नगर पंचायत हैं. इस साल से पहले तक 8 नगर पंचायत थे. लेकिन 2017 के निकाय चुनाव से पहले ये संख्या 7 थी. क्योंकि तब बैरिया नगर पंचायत का अस्तित्व नहीं था. 2017 के नगर निकाय चुनाव में बैरिया का गठन हुआ. चुनाव हुए तो शांति देवी बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं. मौका ऐतिहासिक था क्योंकि ये बैरिया नगर पंचायत का पहला चुनाव था. अब 5 सालों के बाद एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं.

 कौन हैं दावेदार? 

2017 में बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनी थीं शांति देवी. उनके प्रतिनिधि है शिव कुमार वर्मा मंटन. नई आरक्षण सूची आने से पहले तक माना जा रहा था कि शिव कुमार वर्मा खुद इस बार चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे. लेकिन नई आरक्षण सूची में बैरिया नगर पंचायत की सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है. ऐसे में शांति देवी ही चुनावी मैदान में दावेदारी करती दिखेंगी. काफी हद तक माहौल उनके पक्ष में जाता दिख रहा है. वजह साफ है. 2017 में पहली बार जब बैरिया सीट का गठन हुआ तो शांति देवी का ही परचम लहराया था. बीते 5 सालों में उनके खिलाफ कोई नाराज़गी स्थानीय स्तर पर देखने को नहीं मिली है.

2017 के नतीजों में दूसरे नंबर पर रही थीं निर्दलीय उम्मीदवार पूनम सिंह. माना जा रहा है एक बार फिर पूनम सिंह अपना भाग्य आजमाते दिख सकती हैं. जब तक सीट महिला के लिए आरक्षित नहीं हुई थी तब तक दौड़ में पूनम सिंह के पति हरी सिंह का नाम चुनाव लड़ने के लिए सामने आ रहा था. लेकिन अब स्थिति साफ हो चुकी है कि हरी सिंह के बजाए उनकी पत्नी ही मैदान में दिखेंगी.

 समीकरण पर एक नज़र: 

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की टाइमिंग बेहद खास है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बीच. हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ है. जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की. अब आगे 2024 का लोकसभा चुनाव है. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव का कुछ असर नगर निकाय चुनाव पर देखने को जरूर मिलेगा. तो दूसरी ओर यूपी में नगर निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है.बलिया की बैरिया सीट पर विधानसभा चुनाव में भाजपा के आनंद स्वरूप शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा था. जीत हुई थी समाजवादी पार्टी (SP) के जय प्रकाश आंचल की. भाजपा के हार की सबसे बड़ी वजह थी अंतर्कलह. 2017 के चुनाव में यहां से सुरेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर विधायक बने. लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. आनंद स्वरूप शुक्ला जो कि बलिया सदर से विधायक थे उन्हें बैरिया से मैदान में उतारा गया. सुरेंद्र सिंह ने बागी रुख अख्तियार कर लिया. भाजपा से अलग होकर वीआईपी की टिकट पर चुनाव लड़े. आपसी द्वंद में भाजपा ने ये सीट गंवा दिया.

हालांकि देखना होगा बैरिया नगर पंचायत क्षेत्र की जनता क्या फैसला लेती है? क्षेत्र की बागडोर एक बार फिर शिवकुमार के परिवार के हाथों में ही रहता है या फिर बैरिया बदलाव की राह पर चलता है? विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी रहे हों. नगर पंचायत चुनाव के अपने मुद्दे होते हैं. अपने समीकरण होते हैं. चुनाव की रणनीतियां अलग होती हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कौन क्या दांव चलता है और किसके समीकरण कारगर साबित होते हैं?

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बलिया में फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर देकर 1.12 लाख ऐंठे, कार्रवाई न होने पर कोर्ट पहुंचा फरियादी

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बलिया के सदर कोतवाली क्षेत्र में फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर देकर एक लाख 12 हज़ार रूपये की धोखाधड़ी की गई। सुभाष नगर बनकटा में FCI विभाग में चपरासी पद की नौकरी दिलवाने के नाम पर फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर दिया गया। इतना ही नहीं पैसा वापस मांगने पर गाली गलौज की।

वहीं पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर कोर्ट में आवेदन दिया। कोर्ट के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने जुनेद शाह निवासी साई के तकिया, रतसर, थाना गड़वार के खिलाफ संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ऐसे बनाया शिकार- दरअसल शहर के सुभाष नगर बनकटा निवासी गुलाम ए गौस ने कोर्ट में दिए आवेदन में कहा कि रतसर निवासी जुदेन शाह से उसकी जान पहचान थी। घर आना जाना था। तभी जुलाई 2017 में FCI विभाग में चपरासी पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर फोटो और मार्कशीट ली। FCI की पहचान पत्र सदस्यता शुल्क की रसीद दी, कहा कि नौकरी लग गई है। लखनऊ में ज्वॉइन करना है और अधिकारी को एक लाख रुपये देने के बाद डीपो एलॉट होगा।

फरियादी ने विश्वास कर कर्ज पर रुपया लेकर जुनेद को एक लाख 12 हजार रुपये दे दिया। ज्वॉइनिंग की बात पूछने पर कभी अधिकारी के ट्रॉसफर तो कभी दूसरा बहना बनाने लगा। कुछ समय बाद उसके घर पहुंचकर पैसा मांगने पर गालीगलौज कर धमकी देने लगा। जिसके बाद पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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आज बलिया आएंगे सपा मुखिया अखिलेश यादव, यहां देखें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

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बलिया में 27 मई को यानि आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बलिया में आ रहे हैं। वे ढ़ड़सरा थाना पकड़ी में छात्र नेता स्वर्गीय हेमन्त यादव को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इसके बाद रसड़ा अन्तर्गत अजीजपुर गांव में समाजवादी पार्टी युवाजन सभा के निवर्तमान अध्यक्ष अरविन्द गिरी के स्वर्गीय पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

कार्यक्रम के अनुसार, सपा प्रमुख दोपहर बाद 1 बजकर 40 मिनट पर पकड़ी क्षेत्र के धड़सरा गांव में हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे। वहां से छात्रनेता स्व. हेमंत यादव को श्रद्धांजलि देंगे और परिजनों से मुलाकात करेंगे। यहां से 2 बजकर 10 मिनट पर रवाना होकर ढाई बजे रसड़ा क्षेत्र के खड़सरा अजीजपुर गांव पहुंचेंगे। यहां पूर्व सीएम समाजवादी युवजन सभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि के पिता को श्रद्धांजलि देंगे। यहां वे तीन बजे तक रहेंगे। इसके बाद सपा अध्यक्ष दोपहर 3 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

20 मई को बलिया में दौरे पर आना था
बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव को 20 मई को बलिया दौरे पर आना था। लेकिन उनकी ताई के अचानक निधन के कारण उन्हें दौरा रद्द करना पड़ा था।

अखिलेश यादव की ताई और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की दादी समंद्रा देवी (84) का निधन 20 मई को हुआ था। उस समय बलिया दौरे पर निकलने को तैयार अखिलेश यादव को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने सूचना मिलते ही सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इसके बाद अखिलेश ताई के अंतिम संस्‍कार में शामिल होने के लिए सैफई पहुंचे थे।

 

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दिल्ली पुलिस ने 17 साल बाद किडनैप की गई बलिया की लड़की को खोज निकाला!

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बलिया: कई बार घर से गायब होने वाले व्यक्ति सालों साल नहीं मिलते, घरवाले उम्मीद छोड़ देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में चमत्कार होता है। जब सालों से लापता व्यक्ति अचानक मिल जाता है। कुछ ऐसी ही आश्चर्यजनक घटना सामने आई है दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में।

जहां करीब 17 साल पहले किडनैत की गई लड़की को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। युवती का जब अपहरण हुआ तब उसकी उम्र महज 16 साल थी। अब युवती 32 साल की हो गई है। युवती सीमापुरी थाना पुलिस को गोकलपुरी इलाके से मिली।

जानकारी के मुताबिक साल 2006 में युवती के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में शाहदरा जिला डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि सीमापुरी पुलिस टीम को 22 मई को एक महिला के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद महिला के बारे में जानकारी जुटाई गई।

पुलिस की जानकारी में पता चला कि युवती 2006 में अपनी मर्जी से घर छोड़कर दीपक नाम के युवक के साथ उत्तर प्रदेश के बलिया में रहने लगी थी। वहीं जब लड़की घर अचानक गायब हो गई तो माता-पिता ने उसके अपहरण होने का शक जताते हुए गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन में धारा 363 के तहत मामला दर्ज कराया था।

पुलिस ने बताया कि लड़की अपनी मर्जी से घर छोड़कर दीपक नामक के व्यक्ति के साथ बलिया के गांव चेरडीह चली गई थी। इतने सालों से वो वहीं उसके साथ रह रही थी, लेकिन कोविड-19 के दौरान हुए लॉकडाउन में उन दोनों के बीच काफी लड़ाई हुई और विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया। जिसके बाद युवती उसे छोड़कर दिल्ली आ गई और गोकलपुरी में किराए के मकान में रहने लगी।

पुलिस ने महिला के परिजनों को उसके वापस मिलने की सूचना दे दी है। इधर शाहदरा डीसीपी ने बताया कि 2023 में अब तक शाहदरा जिले से अपहरण हुए 116 लोग जिसमें बच्चे भी शामिल हैं और 301 लापता लोगों को ढूंढ निकाला है।

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