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बलिया: वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुआ जलभराव तो खिलाड़ियों ने निकाला जुलूस

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बलिया के वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेलने और अभ्यास करने वाले युवक स्टेडियम में पानी भर जाने से पिछले कई दिनों से परेशान हैं। स्टेडियम में जल निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ न होने की वजह से जल भराव हो गया है। बुधवार को इसी के विरोध में सैकड़ों नौजवानों और खिलाड़ियों ने जुलूस निकाला और जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया।

बलिया के वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेलने और अभ्यास करने वाले युवक स्टेडियम में पानी भर जाने से पिछले कई दिनों से परेशान हैं। स्टेडियम में जल निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ न होने की वजह से जल भराव हो गया है। बुधवार को इसी के विरोध में सैकड़ों नौजवानों और खिलाड़ियों ने जुलूस निकाला और जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया। युवाओं ने खेल मंत्री  के खिलाफ नारेबाजी भी की।जिला कलक्ट्रेट पहुंच कर खिलाड़ियों ने जमकर प्रदर्शन किया। युवाओं ने स्टेडियम के सुंदरीकरण और जल भराव को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। खिलाड़ियों ने इस बात पर दुख जताया है कि बलिया के ही खेल मंत्री होने के बावजूद भी जिले में खेलकूद के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं है। पूरे जिले में सिर्फ एक ही स्टेडियम है। जो कि इन दिनों पानी से लबालब भरा हुआ है।

प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि नगर के कई मोहल्लों का पानी पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित जिला कारागार का पानी गंदी नालियों से होते हुए पंपिंग सेट से वीर लोरिक स्टेडियम में फेंका जा रहा है। जिससे पूरा स्टेडियम जलमग्न हो चुका है। युवाओं का खेलना दुभर हो चुका है। वीर लोरिक स्टेडियम में हर दिन सैकड़ों बच्चे खेलने और तैयारी करने आते हैं। लेकिन अभी जैसी स्थिति बनी हुई है उसमें कोई भी खेलकूद नहीं पा रहा है।जाहिर है कि यही नौजवान आने वाले भविष्य में देश के लिए पदक जीत कर लाएंगे। लेकिन जब इन युवाओं के तैयारी करने का समय है तब स्टेडियम में जलजमाव है। बता दें कि नगर मजिस्ट्रेट ने कहा की नगर पालिका के अधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ एक बैठक कर इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा। प्रदर्शनकारी युवाओं ने सात दिन के अन्दर कारवाई ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। जिला कलक्ट्रेट पर ज्ञापन देते वक्त मधुवेष सिंह, मुकेश गिरी, देवानंद पाण्डेय, संजय कुमार, आदित्य सिंह, मनीष यादव, दिव्या पाण्डेय, आरुषि यादव, मनीष गिरी, ओमप्रकाश व अन्य लोग मौजूद रहे।

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बलियाः 65 करोड़ की लागत से बनेगा भृगु कॉरीडोर

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बलिया में विकास की धारा फिर बहेगी। 65 करोड़ की लागत से भृगु कॉरीडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके साथ ही जनपद में छह स्थानों पर प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे।

परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर थे और उनके प्रयास के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन और संस्कृति परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने डीएम के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया था।

अब परियोजना का अनुमोदन किया गया था। शासन ने स्वीकृति परियोजना में कुल 3 फेज में विकास कार्य कराए जाएंगे। पहले फेज में भृगु मंदिर को विकसित किया जाएगा। अब मंदिर के विकास के साथ ही गंगा नदी से मंदिर तक रास्ते आदि का निर्माण भी किया जाएगा। दूसरे फेज में चित्रगुप्त मंदिर को विकसित किया जाएगा। यहां भृगुमंदिर परिसर में ही स्थित है।योजना बनाते समय महर्षि भृगु के गंगा नदी के पार परसिया स्थित मूल आश्रम को मंदिर से जोड़ने की बात भी कही गई थी। ये जल मार्ग से होना था। स्वीकृत योजना में गंगा नदी से मंदिर कर रास्ते की बात है। परियोजना के तहत सभागार, कांफ्रेंस हॉल, पेयजल के लिए वॉटर कूलर, यात्रा निवास और शौचालय का निर्माण किया जाएगा।

इसके साथ ही तीसरे फेज में शहर के चौक स्थित शहीद पार्क का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही यहां स्थापित महात्मा गांधी की नई प्रतिमा भी लगाई जाएगी। साथ ही यहां एक लाइब्रेरी का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही जनपद में प्रवेश करने वाले छह मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। इन सभी को लेकर भृगु कारीडोर तैयार होगा।

पर्यटन विभाग एडीओ अनिल सक्सेना ने बताया कि भृगु कारीडोर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था भी तय कर दी गई है। उम्मीद है कि अप्रैल तक कार्य शुरू हो जाएगा।

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बलिया में मृत महिला की भूमि रजिस्ट्री मामले में 5 नामजद और 1 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

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बलिया के बांसडीह तहसील में मृत महिला की भूमि रजिस्ट्री के मामले में पांच नामजद और एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है। मामला 40 साल पुराना है।

बता दें कि कोतवाली क्षेत्र के किसुनीपुर निवासी तिलेश्वरी देवी पत्नी शिवनंदन लाल की मौत 1984 में हो गई थी। उनकी एक पुत्री है। तिलेश्वरी देवी की मौत के बाद उनके वारिस के द्वारी उनकी भूमि की खतौनी पर अपना नाम दर्ज नहीं कराया गया।बीत नवंबर माह में भूमाफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मृत तिलेश्वरी देवी के स्थान पर एक महिला को खड़ा करके सुल्तानपुर चक्की दीयर स्थित 16 बीघे से ज्यादा रकबा की जमीन की रजिस्ट्री कुछ लोगों को करवा दी। इसके बाद कस्बा स्थित एक बैंक से तीन लाख का लोन भी ले लिया।

इस मामले में मृत महिला के नाती गिरीशचंद्र श्रीवास्तव ने शिकायत की है। मृतका के लड़की का पुत्र गिरीशचंद्र श्रीवास्तव तहसील और बैंक से सभी दस्तावेज निकलवाने के बाद पांच नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ शिकायत की है। थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही हैं। मामला प्रकाश में आने पर अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची है। वहीं दूसरी तरफ फर्जी जमीन रजिस्ट्री कराने की जानकारी होने पर जमीन खरीदने वालों के होश उड़ गए। उन्होंने रजिस्ट्री कैंसल करवाने का आवेदन न्यायालय में दिया हैं।

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बलिया में पेयजल संकट ! आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर लोग, लगातार गिर रहा भू-जल का स्तर

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बलिया के लोगों को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सरकारी दावा विफल साबित हुआ है। 310 गांवों के भू-जल में मानक से अधिक आर्सेनिक होने की पुष्टि के सालों बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा। जल निगम 40 योजनाओं पर कार्य कर रहा है। लेकिन पिछले 2 सालों में मात्र संवरूपुर और मिर्ची खुर्द में प्रोजेक्ट से आपूर्ति हुई, लगभग 6 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मिला। शेष का कहीं अता-पता नहीं।
इतना ही नहीं जिले में भू-जल का स्तर भी लगातार खिसकता जा रहा है। रसड़ा ब्लॉक में भूगर्भ जलस्तर प्रतिवर्ष 20 से 30 सेमी जबकि अन्य 16 ब्लॉकों में भी एक से 8 से 10 सेमी कम हो रहा है। हालांकि विभाग का दावा है कि पिछले कुछ सालों में खेत तालाब समेत अन्य योजनाओं से रसड़ा में स्थिति में सुधार हुआ। लघु सिंचाई विभाग के अभियंता श्याम सुंदर के मुताबिक तमाम कोशिश से रसड़ा में भी वाटर लेवल 6 मीटर हो गया है।

वहीं अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डॉ. गणेश पाठक का कहना है कि भू-गर्भ जल बचाने के लिए सरकार के साथ सभी को अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए। पिछले 2 सालों में जल संरक्षण के लिए कुल 34 तालाबों का निर्माण हुआ। भूगर्म विभाग की ओर से रसड़ा क्षेत्र में दो बड़े जलागम क्षेत्र (वाटरशेड ) बनाने की संस्तुति हुई। पानी की बर्बादी रोकना चाहिए।

विश्व जल दिवस की सार्थकता तभी है जब बूंद-बूंद का संरक्षण हो। उद्योग धंधों के अतिशय दोहन, घर-घर टुल्लू लग जाने से, बढ़ते जल पंप के से खपत ही नहीं बढ़ी बल्कि पानी की बर्बादी भी हो रही है। जागरूकता और तमाम कार्यक्रमों के बावजूद जल की बर्बादी पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा। अनावश्यक जल का अपव्यय रोकना होगा।

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