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बलिया के बागियों ने काला झंडा दिखलाया तब क्या बोले थे मुलायम सिंह यादव ?

बलिया अपने बाग़ी तेवर के लिए देशभर में जाना जाता है. ज़िले के नौजवान अपनी माटी की पहचान कभी खोने नहीं देते. आज के दौर में भी बलिया अपनी बगावत को बचाए हुए है. लेकिन हम आपको 1991 का एक किस्सा बताने वाले हैं. जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ बलिया पहुंचे थे और बलियाटिक युवकों ने उन्हें काला झंडा दिखा दिया था. क्या है किस्सा, क्यों हुआ था ये सब आइए बताते हैं.
1991 का दौर था. पूरा देश मंडल-कमंडल की सियासत के प्रभाव में था. उत्तर भारत में मंडल-कमंडल की राजनीति का असर सबसे ज्यादा था. आरक्षण का समर्थन और उसके विरोध में आक्रामक आंदोलन दोनों चरम पर थे. इस दौर ने कई नए सियासतदारों को जन्म दिया. जिनमें तीन नाम सबसे बड़े हैं. मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार.
5 दिसम्बर, 1989 से लेकर 24 जून, 1991 के बीच उत्तर प्रदेश में जनता दल की सरकार थी. मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह यादव. 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 के बीच केंद्र में भी जनता दल की सरकार थी. प्रधानमंत्री थे अल्हड़ मिजाज के चंद्रशेखर. अब चलते हैं बलिया. चंद्रशेखर और मुलायम सिंह यादव बलिया पहुंचे थे. जहां 150 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा होने वाली थी.
मुलायम के खिलाफ नारेबाजी:
7 अगस्त, 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने संसद में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान कर दिया. एक तरफ ये ऐलान हुआ. दूसरी तरफ देश भर में सड़कों पर प्रचंड विरोध शुरू हो गया. जब मुलायम सिंह और चंद्रेशेखर 1991 में बलिया पहुंचे तब मामला कुछ पुराना जरूर हो गया था. लेकिन नौकरियों में आरक्षण की आग की धधक अब तक महसूस की जा रही थी.
बहरहाल, बलिया पुलिस लाइन ग्राउंड में जनसभा का आयोजन हुआ था. चंद्रशेखर के साथ मुलायम सिंह यादव मंच पर पहुंचे. सभा में मौजूद युवाओं ने मुलायम सिंह यादव के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी. काले झंडे दिखाए गए. चंद्रशेखर के लिए बलिया तो अपना घर था. घर का बुजुर्ग होने के नाते उन्होंने नौजवानों को संभालने की कोशिश की. लेकिन विरोधी तेवर अपना चुके नौजवानों ने उनकी एक नहीं सुनी.
विरोध में नारेबाजी और काले झंडे दिखा दिए गए. अब मुलायम सिंह यादव के बोलने की बारी थी. सियासत के पहलवान ने विरोध कर रहे नौजवानों को जवाब दिया “ऐसे काले झंडे मैने जिंदगी भर देखे और दिखाए हैं. लगाते रहो नारे, मैं जा रहा हूं.”





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बलिया जिलाधिकारी ने पुस्तकालय में दान की किताबें, छात्रा के चेहरे पर दिखी खुशी

बलिया जिलाधिकारी रविंद्र कुमार का मानवीय चेहरा सामने आया है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा में उपयोगी किताबों का दान किया। बता दें कि शहर की एक छात्रा ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देकर सिविल परीक्षा से जुड़ी किताबों की मांग की थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने छात्रा को तुरंत किताबें उपलब्ध कराई।
जानकारी के मुताबिक, अमीना खातून प्रतियोगी परीक्षा यूपीपीसीएस की तैयारी राजकीय पुस्तकालय में करती है लेकिन वहां सिलेबस के आधार पर किताबें उपलब्ध न होने के कारण असंतुष्ट थी। अमीना ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा, जिसके बाद जिला अधिकारी खुद राजकीय पुस्तकालय पहुंचे और छात्रा की मांग वाली उपयोगी किताबें दान किया। उन्होंने पुस्तकालय में संचालित सभी व्यवस्थाओं को परखा और छात्र-छात्राओं की मांग पर सिविल परीक्षाओं से संबंधित कुछ जरूरी टिप्स दिए एवं लाइब्रेरी असिस्टेंट को सारी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने व साफ सफाई के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोगों की डिमांड पर मैंने कुछ उपयोगी किताबें यहां दान की है। आप लोग अपनी जरूरत के अनुसार अनुपलब्ध किताबों के नाम फीडबैक रजिस्टर में दर्ज कर दीजिए, सभी किताबें उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं की मांग पर पुस्तकालय से पुस्तक तीन दिन के लिए घर ले जाने की छूट प्रदान की।
अभ्युदय कोचिंग से क्लास सही ढंग से नहीं चलने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को फोन कर कक्षाओं को सही तरीके से संचालित करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र, सीआरओ त्रिभुवन, एसडीएम सदर आत्रेय मिश्र मौजूद थे।
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बलिया में इतने दिनों के लिए धारा-144 लागू

बलिया में 17 नवंबर से 14 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है। इस बाबत जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद सीमा के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें जिससे शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।
कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
कोई भी व्यक्ति ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा जिससे किसी वर्ग विशेष की भावना को ठेस पहुचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रोत्साहित करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।
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बलिया पुलिस विभाग में चली तबादला एक्सप्रेस, कई दर्जन निरीक्षक इधर से उधर

बलिया पुलिस विभाग में तबादला एक्सप्रेस चली है। अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के मद्देनजर कई निरीक्षक और उप निरीक्षकों से इधर से उधर किया है। एसपी एस आनंद ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है।
निरीक्षक विकास चंद्र को भीमपुरा से सहतवार भेजा गया है। योगेंद्र सिंह को बांसडीह से सुखपुरा, गजानंद चौबे को पुलिस लाइन से फेफना, रामायन प्रसाद के अपराध शाखा से रसड़ा, स्वतंत्र कुमार सिंह को रसड़ा से बांसडीह, हिमेंद्र सिंह को सुखपुरा से अपराध शाखा और रोहन राकेश सिंह को फेफना से रेवती भेजा गया है।
तबादले की सूची यहां देखें-
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