featured
जानिये शिक्षक से मसीहा बने बलिया के शशि सिंह की क्यों हो रही पुरे देश में चर्चा

बलिया। कोरोना की दूसरी लहर ने हर शख्स को किसी न किसी तरह प्रभावित किया। कुछ लोग बीमारी के साथ ही मानसिक रूप से भी प्रभावित हुए। अपनों को खोने के बाद कुछ लोग टूट गए। ऐसे में मदद और पॉजिटिव सोच ने ही जिंदगी आसान की। और लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया। बलिया जिले के रहने वाले एक शिक्षक शशि प्रकाश सिंह भी कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के मददगार बन गए हैं। उनकी मां को कोरोना होने के बाद उन्होंने अनाथ बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने का फैसला लिया।
और अब वह कोरोना में अनाथ बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा रहे हैं। उनके इस सराहनीय काम की देशभर में चर्चा हो रही है। सभी उनके नेक काम की तारीफ भी रहे हैं। शशि प्रकाश सिंह ने बताया कि, ” कुछ महीने पहले मेरी उनकी मां कोरोना से संक्रमित हो गई थीं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वो ऐसा खराब वक्त था कि कई कोशिशों के बावजूद मां को लखनऊ के अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर मदद मांगी।
इसी दौरान उनके पढ़ाए गए वो पूर्व छात्र सामने आए जिन्हें कभी पढ़ाया गया था इस कठिन दौर में उनके स्टूडेंट्स ने काफी मदद की। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले मेरे तीन छात्रों ने नोएडा के एक अस्पताल में मेरी मां के लिए वेंटिलेटर बेड का पता लगाया। इसी कारण मेरी मां की जिंदगी बच पाई। इसी दौरान मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे भी कुछ न कुछ छात्रों के लिए जरूर करते रहना चाहिए।
2021 में 2021 बच्चों की मदद का लक्ष्य– शशि प्रकाश सिंह ने इस 2021 बच्चों की मदद करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि इस साल 2021 में कम से कम ऐसे 2021 बच्चों की मदद करने का फैसला किया है, जिनके परिवार में कमाने वाले लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई। वे कक्षा 1 से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे बच्चों की भी मदद कर रहे हैं। उनका परिवार और दोस्त भी इस काम में उनका साथ दे रहे हैं। वह अब तक 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद कर चुके हैं। उनका उद्देश्य है कि ऐसे ज्यादा से ज्यादा बच्चों की मदद की जाए, ताकि उनका भविष्य बेहतर हो जाए।
कौन हैं एसपीएस सर– 36 साल के शशि प्रकाश सिंह को एसपीएस सर के नाम से जाना जाता है। वह उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा के अतरसुआ गांव के रहने वाले हैं। फिलहाल वह राजस्थान के कोटा में रहते हैं और 14 सालों से आकाश, एलन, पाथफाइंडर अकादमी आदि जैसे विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ा रहे हैं। वो वर्तमान में कोचिंग पोर्टल Unacademy के शीर्ष शिक्षकों में से एक हैं।
उन्होंने कहा, “मैं एक किसान परिवार से हूं और मेरे पैरंट्स ने मेरी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष किया। जिसकी वजह से ऐसे बच्चों की परेशानी समझता हूं। जब तक संभव होगा मैं ऐसे बच्चों की मदद करना जारी रखूंगा.” उन्होंने कहा कि 21 लाख रुपये निकालकर एक कोष बनाने का फैसला किया जिससे इनकी मदद हो सके। इसके बाद अब तक 100 से ज्यादा ऐसे जरूरतमंद छात्रों तक वो मदद पहुंचा चुके हैं।
कैसे करते हैं मदद– शशि प्रकाश ने बताया कि मैं अभी फिलहाल अपनी सेविंग से ही बच्चों की मदद कर रहा हूं। जो बच्चे सोशल मीडिया, फोन या ईमेल के जरिये मुझसे मदद मांगते हैं, मैं उनको हेल्प करता हूं। अभी तक बिहार, राजस्थान, उड़ीसा से लेकर कई राज्यों के जरूरतमंद बच्चों की फीस का खर्च मैंने अपने नाम किया है। अभी कई लोग मुझसे कह रहे हैं कि अगर जरूरतें बढ़ीं तो वो भी मदद के लिए आगे आएंगे। वो बताते हैं कि जब कोई छात्र उनसे मदद के लिए हाथ बढ़ाता है तो वो उससे जरूरी डॉक्यूमेंट्स मंगाते हैं।
जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, कोरोना का मेडिकल एविडेंस, पढ़ाई से जुड़े दस्तावेज आदि। कैसे और किनकी होती है मदद- मैं ऐसे छात्रों की वार्षिक स्कूल या कोचिंग फीस की आवश्यकताओं को पूरा करने का बीड़ा उठाने में लगा हूं जिनकी सालाना फीस 25,000 रुपये तक हो। अगर कोई बच्चा बहुत बड़े स्कूल में पढ़ रहा है और उसका खर्च लाखों में है तो मैं उसे वहन नहीं कर सकता।
उन्होंने बताया कि पहले भी मैं उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बंगाल और अन्य के लगभग 100 से ज्यादा छात्रों को वित्तीय सहायता दे चुके हैं। कोरोना काल में जहां अपने-अपनों का साथ नहीं दे रहे ऐसे में शशि प्रकाश का बच्चों का मसीहा बनाना अन्य लोगों के लिए उदाहरण पेश करता है। वह अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं। इसी तरह एक सक्षम व्यक्ति भी अन्य लोगों की मदद कर सकता है।


featured
बलियाः जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट का कारनामा, मरीज को खड़ा कर ही लगा दिया इंजेक्शन

बलिया जिला अस्पताल की बदतर व्यवस्थाओं के किस्से आपने सुने होंगे। अब अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोलती एक तस्वीर सामने आई है। जहां फार्मासिस्ट अशोक सिंह ने मरीज को लेटाकर इंजेक्शन लगाने के बजाय खड़ा कराकर ही इंजेक्शन लगा दिया। फार्मासिस्ट की इस लापरवाही से बुजुर्ग मरीज दर्द से कराहता रहा।
बुजुर्ग को खड़े कर इंजेक्शन लगाने की तस्वीर वायरल हुई है। जिसके बाद तमाम सवाल उठ रहे हैं। जब फार्मासिस्ट से पूछा कि आपने इस तरीके से सुई क्यों लगाई, जिस पर अपनी गलती मानने के बजाए वह पत्रकारों को धमकाया। बता दें कि जिला अस्पताल में अक्सर स्टाफ मरीजों की सही से देखभाल नहीं करते और आए दिन इलाज में लापरवाही करते हैं।
इसी बीच रविवार दोपहर चार बजे फार्मासिस्ट अशोक सिंह वार्ड में गए और मरीज को खड़े-खड़े ही इंजेक्शन लगा दिया। वहां मौजूद पत्रकार ने इस लापरवाही को अपने कैमरे में कैद कर लिया। बस फिर क्या, फार्मासिस्ट अशोक सिंह पत्रकारों पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरी मर्जी में कैसे भी इंजेक्शन लगाऊं, आप पत्रकार लोग वीडियो कैसे बनाएं, हम आपकी जिला अस्पताल में इंट्री बंद करवा देंगे। उधर इस संबंध में जब सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह से बात की गई तो उन्होंने छुट्टी का हवाला देकर प्रभारी सीएमएस डॉक्टर वीके सिंह के पाले में गेंद डाल दी। वहीं जब पत्रकारों ने डॉक्टर वीके सिंह से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
featured
PM जन विकास योजना का विस्तार, बलिया में इन अल्पसंख्यक क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

बलिया। उत्तरप्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। जहां अब अल्पसंख्यक समाज को मजबूत और शिक्षित बनाने के लिए चल रही प्रधानमंत्री जन विकास योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है। ऐसे में अब बलिया जिले के भी कुछ क्षेत्रों को योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास आदि के क्षेत्र में अल्पसंख्यकों को मजबूत बनाने के लिए भौतिक और सामाजिक ढांचे के विकास पर फोकस रहेगा।
25 फीसदी आबादी पर मिलेगा लाभ- नगरपालिका और नगर पंचायतों में जहां भी अल्पसंख्यकों की आबादी 25 प्रतिशत से अधिक है, वहां 5 किमी परिधि में सबसे अधिक आवश्यकता वाले विकास कार्यों को कराया जाएगा। सब कुछ ब्लॉक स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट पर होगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की देख-रेख में उन कस्बों या गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल मैदान, आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन, तकनीकी स्कूल, कॉलेज, लाइब्रेरी, छात्रावास आदि के विकास कार्य कराए जाएंगे। अल्पसंख्यक आबादी की गणना साल 2011 की जनगणना के अनुसार होगी
इन क्षेत्रों को मिलेगी विकास की संजीवनी- बलिया जिले में सदर तहसील, सिकंदरपुर, रसड़ा और बिल्थरारोड में अल्पसंख्यक समाज को विकास की संजीवनी मिल सकती है। क्योंकि इन क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की आबादी 25 प्रतिशत से अधिक है।
हर जिले में होगा विकास- अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिव्य दुर्गेश सिन्हा ने बताया कि पहले भारत सरकार अल्पसंख्यक युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए MSDP यानि मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट के तहत अल्पसंख्यक बाहुल्य नगर, कस्बा और गांवों में बहुक्षेत्रीय विकास करती थी। उसमें जिला शामिल नहीं था । इस वजह से यहां के अल्पसंख्यक समाज को लाभ नहीं मिल पाया। अब इसका विस्तार कर दिया गया है। ब्लॉक स्तरीय रिपोर्ट के आधार पर कार्ययोजना बनाकर विकास कार्य होंगे।
featured
बलिदानी बलिया के वीरों की दास्तां दुनिया को सुनाएगी ‘द एडमिनिस्ट्रेटर’ बुक

नई दिल्ली : आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश भर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान अमर वीर शहीदों की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बलिया के पूर्व जिलाधिकारी जगदीश्वर निगम के पुत्री के द्वारा लिखित पुस्तक ‘द एडमिनिस्ट्रेटर’ का विमोचन किया गया।
1942 में बलिया के जिलाधिकारी जगदीश्वर निगम की बेटी के द्वारा लिखित पुस्तक में बलिया से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन किया गया है। पुस्तक के द्वारा बलिया के क्रांतिवीरों की गाथा दुनिया के सामने लाने का प्रयास है। इस दौरान कार्यक्रम में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और कई राष्ट्र्र के राजदूत मौजूद थे। जिलाधिकारी के नातिन जेनिस दरबारी ने बलिया से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं का भी वर्ण किया। साथ ही जिले की कई घटनाओं के किस्से सुनाए। इस कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
-
बलिया3 weeks ago
बलियाः दरोगा का सिपाही बेटा बना असिस्टेंट प्रोफेसर, मेहनत के दम पर हासिल की सफलता
-
featured3 weeks ago
बलिया की स्नेहलता बनी असिस्टेंट प्रोफेसर
-
बलिया2 weeks ago
आरा से बलिया के बीच चलेगी ट्रेन, बीच में होंगे छह स्टेशन और दो हाल्ट
-
featured7 days ago
बलिया के एक विधायक समेत 4 भाजपा नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
-
बलिया2 weeks ago
बलिया में प्राइवेट चिकित्सा व निर्सिंग होम पर छापेमार कार्यवाई, कई अस्पताल सील
-
featured3 days ago
बेलथरा रोड में ईडी की एंट्री से हड़कंप, इस शख्स के घर चस्पा किया नोटिस, जानिए पूरा मामला
-
बलिया3 weeks ago
बलिया-10 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद भरत सिंह पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
-
featured6 days ago
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का मैप जारी, 15 से 20 महीने के अंदर पूरा होगा काम