featured
बलिया में जन्मे देश के सुप्रसिद्ध लेखक और निबंधकार कृष्णबिहारी मिश्र का निधन

प्रसिद्ध लेखक, निबंधकार, जीवनीकार और संपादक कृष्णबिहारी मिश्र का कोलकाता में कल देर रात निधन हो गया। उनके बेटे कमलेश मिश्र ने उनके निधन की जानकारी दी। उनके निधन के बाद से पूरे देश में शोक की लहर है।
हिंदी पत्रकारिता, ललित निबंध, संस्मरण, जीवनी जैसी विधाओं को अपनी लेखनी से समृद्ध करने वाले कृष्णबिहारी मिश्र का जन्म बलिया के बलिहार गाँव में वर्ष 1936 में हुआ। मिश्र ने अपनी लेखनी से अलग पहचान बनाई थी। उन्हें पद्म श्री ने सम्मानित किया गया था।
उनकी शिक्षा गोरखपुर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय से हुई। यहाँ उन्हें आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, नन्ददुलारे वाजपेयी एवं आचार्य चंद्रबली पांडेय सरीखे विद्वानों का सान्निध्य और मार्गदर्शन मिला। बतौर शिक्षक उन्होंने बंगवासी मॉर्निंग कॉलेज में लंबे समय तक अध्यापन किया।
उनकी रचनाओं की बात करें तो उन्होंने हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग लेखन लिखे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में मिश्र ने जहाँ एक ओर ‘हिन्दी पत्रकारिता : जातीय चेतना और खड़ी बोली साहित्य की निर्माण-भूमि’ और ‘पत्रकारिता : इतिहास और प्रश्न’, ‘हिन्दी पत्रकारिता : जातीय अस्मिता की जागरण भूमिका’ जैसी महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं। वहीं उन्होंने कानपुर से छपने वाले राष्ट्रवादी पत्र ‘प्रताप’ के यशस्वी संपादक गणेश शंकर विद्यार्थी की जीवनी भी लिखी।कृष्णबिहारी मिश्र ने अद्वितीय ललित निबंध लिखे हैं। उनके प्रमुख ललित निबंध संग्रह हैं : बेहया का जंगल, मकान उठ रहे हैं, आँगन की तलाश, अराजक उल्लास, गौरैया ससुराल गयी। ललित निबंधों के अतिरिक्त उन्होंने वैचारिक निबंध भी लिखे। उनके ये निबंध संग्रह हैं : आस्था और मूल्यों का संक्रमण, आलोक पंथा, परंपरा का पुरुषार्थ, माटी महिमा का सनातन राग, न मेधया, भारत की जातीय पहचान : सनातन मूल्य।
कृष्णबिहारी मिश्र ने रामकृष्ण परमहंस की एक औपन्यासिक जीवनी लिखी। जिसका शीर्षक है ‘कल्पतरु की उत्सव लीला’, यह पुस्तक भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित की गई। इसके साथ ही रामकृष्ण परमहंस के प्रेरक जीवन प्रसंगों को आधार बनाकर उन्होंने ‘न मेधया’ शीर्षक से एक पुस्तक लिखी। जिसमें उन्होंने वाचिक शिक्षा की निर्मिति और वाचिक शिक्षा परंपरा में रामकृष्ण परमहंस के योगदान को बखूबी रेखांकित किया है।कृष्णबिहारी मिश्र ने ‘नेह के नाते अनेक’ जैसी संस्मरणात्मक पुस्तक भी लिखी है। उन्होंने त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका ‘समाधि’ और मासिक पत्रिका ‘भोजपुरी माटी’ का सम्पादन भी किया। साथ ही उन्होंने यूनू द्वारा लिखित पुस्तक का भगवान बुद्ध शीर्षक से अनुवाद भी किया। उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा मूर्तिदेवी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान भी प्रदान किया गया।


featured
बलिया – कार एक्सीडेंट में SSB जवान की मौत, छुट्टियों में अपने घर आए थे संतोष सिंह

बलिया में शनिवार को सड़क हादसे में एसएसबी जवान की मौत हो गई। जहां रानीगंज बाजार से अपने घर रामनगर लौटते समय सोनबरसा-दलनछपरा मार्ग पर एसएसबी जवान की कार पेड़ से टकरा गई। हादसे के बाद भारी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जवान का शव कर से बाहर निकाला।
बताया जा रहा कि एसएसबी जवान संतोष कुमार सिंह छुट्टी पर अपने घर आये थे। शनिवार को वे अपने पालतू कुत्ते को कार में बैठाकर बाजार आये थे। बाजार में खरीदारी कर वापस लौटते समय उनकी कार बेकाबू होकर भगवानपुर गांव के पास सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। जिससे संतोष सिंह और उनके पालतू कुत्ते की मौके पर मौत हो गई थी।
वहीं मौके पर पहुंची दोकटी पुलिस ने जेसीबी बुलाकर गाड़ी को पेड़ से अलग कराया। फिर कटर से काटकर संतोष सिंह और कुत्ते का शव बाहर निकाला। संतोष सिंह अपने मां बाप की इकलौते थे। संतोष सिंह की तैनाती एसएसबी गोरखपुर में थी। संतोष सिंह की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। थानाध्यक्ष मदन पटेल ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
featured
बलिया में बनाया जाएगा नाइट वेंडिंग जोन, कवायद में जुटा प्रशासन

बलिया में अब नाइट वेंडिंग जोन बनाया जाएगा। चंद्रशेखर उद्यान के सामने के इनाके को नाइट वेंडिंग जोन की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। प्रशासनिक अमला इस जोन को बनाने की कवायद में जुट गया है।
यहां चार जोन बनाएं जाएंगे। एक को फूड, दूसरे को फ्रूट, तीसरे को वेजीटेबल और चौथे को साइकिल जोन के तौर पर विकसित किया जाएगा। पहले और दूसरे जोन में जहां खाने-पीने के चीजों की दुकाने लगेंगी तो वहीं तीसरे जोन में लोगों को हरी व ताजी सब्जियां मुहैया कराई जाएंगी। जबकि चौथे जोन में आगंतुकों के वाहनों को खड़ा करने के लिए स्टैंड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
बता दें कि नगर में फिलहाल इस प्रकार का कोई पार्क नहीं है, जहां लोग परिवार के साथ मस्ती के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों का लुत्फ उठा सकें। जिसके चलते लोग बच्चों के साथ कहीं भी मनोरंजन करने नहीं जा पाते है। ऐसे में अब जिले में नाइट वेंडिंग जोन बनाया जाएगा।यहां बच्चों के लिए मस्ती के अलावा फुटपाथ पर खाने-पीने की चीजों की दुकानें लगेगी। जहां लोग परिवार के साथ मौज-मस्ती कर सकेंगे। चंद्रशेखर उद्यान में बच्चों के खेलने कूदने का पूरा इंतजाम किया जाएगा। इतना ही नहीं, पार्क में म्यूजिक सिस्टम भी लगाया जाएगा। आकर्षक लाइटों से पार्क को सजाया- संवारा जाएगा। जिला प्रशासन के साथ-साथ नगर पालिका प्रशासन योजना को मूर्तरूप देने की कवायद में जुटा हैं।
बलिया नगर पालिका परिषद इओ प्रकाश सिंह का कहना है कि शहर में नाइट वेंडिंग जोने बनाने के लिए शासन से पहले से ही निर्देश प्राप्त है। इसे मूर्त रूप देने की कवायद तेजी से चल रही है।
featured
निर्माण के 6 साल बाद शुरू होगा बलिया का ट्रामा सेंटर

बलिया में 6 साल पहले बनकर तैयार हुए ट्रामा सेंटर को जल्द करने की कवायद तेज हो गई है। इस ट्रामा सेंटर में अब जल्द ही गंभीर मरीजों का इलाज होगा। इससे जिले के रहवासियों को काफी ज्यादा सुविधा मिलेगा।
बता दें कि शासन ने बलिया सहित 10 जिलों में बने ट्रामा सेंटरों को शुरू करने का फैसला किया है। इस फैसले के अनुसार काम भी शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल परिसर में साल 2016 में बनकर तैयार ट्रामा सेंटर में हड्डी, सर्जन और फिजिशियन, मनोरोग चिकित्सक की ओपीडी चल रही है।इस ट्रामा सेंटर में आधुनिक उपकरण हैं, लेकिन आईसीयू वार्ड और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं है। इधर पूरे जिलेभर में डॉक्टरों की भारी कमी है। लिहाजा अस्पताल प्रशासन विशेषज्ञ चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा है।
इस परेशानी को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी पर तैनात एनेस्थीसिया (बेहोशी), सर्जन व हड्डी रोग चिकित्सक, नर्स व अन्य कर्मचारियों की तैनाती ट्रामा सेन्टर पर की जाएगी। कुछ माह पूर्व शासन द्वारा ट्रामा सेंटर के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. गौरव राय व डा. मल्ल व एक ईएमओ डा. पंकज कुमार सहित चार चार डॉक्टर मिले हैं।
सीएमओ स्तर से 13 स्टाप नर्स, 10 वार्ड ब्वाय, एक डीआरए, दो एक्स-रे टेक्निशियन को जिला अस्पताल को दिया गया हैं। अन्य व्यवस्था मिलते ही ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा सेन्टर में 24 घंटे गम्भीर मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू करने के लिए आईसीयू वार्ड, विशेषज्ञ चिकित्सक, एनेस्थीसिया व अन्य स्टाप की मांग शासन को भेजा है।इस ट्रामा सेंटर के शुरू हो जाने से सड़क दुर्घटना और अन्य गंभीर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी व अन्य महानगरों में जाने से छुटकारा मिलेगा। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार का कहना है कि ट्रामा सेंटर शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास प्रर्याप्त चिकित्सक व स्टाफ मौजूद है। अगर और चिकित्सक व कर्मचारियों की कमी है तो मांग करें, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।
जिला अस्पताल सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह का कहना है कि ट्रामा सेंटर को आंशिक रूप से संचालित किया जा रहा हैं। शासन से आईसीयू व अन्य संसाधन व कर्मचारी बढ़ाने की मांग की गई है। मिलते ही सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेगी।
-
बलिया2 weeks ago
बलियाः कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक ने छात्रा के साथ की अश्लील हरकत, मुकदमा दर्ज
-
featured4 days ago
अचानक पहुँचे बलिया डीएम! कई कर्मियों पर गिरेगी गाज, विद्यालय पर बंद तो अस्पताल पर लापता मिले कर्मचारी!
-
featured1 week ago
बलिया के विकास के 5 काम नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र!, डीएम ने संभाला मोर्चा
-
featured3 weeks ago
1853 लाख की लागत से होगा बलिया के इन दो मार्गों का नवीनीकरण
-
बलिया2 weeks ago
बलिया के सुधांशु ने पहले प्रयास में पास की SSC CGL की परीक्षा
-
featured2 weeks ago
ईयरफोन लगाकर ट्रैक पर टहल रहा था बलिया का युवक, ट्रेन की चपेट में आने से मौत
-
featured4 days ago
बलिया में 23 साल से नौकरी कर रहा धोखेबाज शिक्षक बर्खास्त, जन्मतिथि में 7 साल का किया हेरफेर
-
बलिया2 weeks ago
बलियाः काम से नदारद मिले 12 विद्युतकर्मी बर्खास्त, कई पर केस दर्ज