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तस्वीरें: रसड़ा पहुंची डीएम अदिति सिंह, कहा – कागज में ही नहीं, धरातल पर भी हो….

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बलिया : जिलाधिकारी अदिति सिंह ने विकास खण्ड रसड़ा का निरीक्षण किया। उन्होंने मनरेगा योजना, निःशुल्क बोरिंग, विद्युत ट्रांसफार्मर व हैंडपम्पों की स्थिति, सहकारिता वसूली से जुड़ी जानकारी लेने के साथ कार्यालय के अभिलेखों को देखा।

जिलाधिकारी ने कहा कि पेंशन आवेदनों का सत्यापन का कार्य समय से हो जाए। किसी भी आवेदन को अनावश्यक नहीं लटकाया जाए। महिला डेस्क, हैंडपम्प व ट्रांसफार्मर का रजिस्टर बन कर तैयार रहे और वह मेंटेन होता रहे। जब निरीक्षण हो तभी इसकी शुरुआत नहीं हो। मनरेगा योजना के तहत महिला मजदूरों की संख्या प्रतिशत व भुगतान आदि की स्थिति के बारे में पूछताछ की।

कहा, डीडीओ, पीडी व डीसी मनरेगा भुगतान की की क्रॉस चेकिंग करते रहें। फरवरी माह में महिला मजदूरों की संख्या की जानकारी नहीं दे पाने पर नाराजगी जताई। एडीओ सहकारिता से आरसी वसूली के बारे में जानकारी ली। एडीओ कृषि से केसीसी बनवाने के लक्ष्य व प्रगति तथा लघु सिंचाई के जेई से निःशुल्क बोरिंग की स्थिति के बारे में पूछताछ की। बीडीओ को निर्देश दिया कि वर्तमान में हुए 42 बोरिंग का सत्यापन कर लें। आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों की समीक्षा के दौरान चेताया कि मामले का सही निस्तारण ही किया जाए।

लक्ष्य उतना ही निर्धारित करें जितना करा सकें सक्रिय

समूह गठन में लक्ष्य के मुकाबले काफी पीछे होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आजीविका मिशन में विशेष रुचि लेकर समूह गठन कर खाता खुलवाने के लिए परिश्रम से कार्य किया जाए। परियोजना निदेशक डीएन दूबे को निर्देश दिया कि पूरे जिले में मिशन के कार्यों की ब्लॉकवार समीक्षा करें। कागज पर गठन का कोई फायदा नहीं होगा। जितना लक्ष्य निर्धारित करें, उतना समूह सक्रिय भी कराना सुनिश्चित कराएं, तभी इस मिशन का उद्देश्य पूरा होगा।

विवादित भूमि को चिह्नांकन के समय क्यों नहीं देखा

बस्तौरा व रसूलपुर में पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय की जमीन विवादित होने पर सवाल किया कि जब जमीन का चिन्हांकन किया गया, तब इसे क्यों नहीं देखा गया। एसडीएम व एडीओ पंचायत को सख्त निर्देश दिया कि तत्काल मौके पर जाएं और हरहाल में तीन दिन के अंदर इस मामले को हल कराकर निर्माण शुरू कराएं। निरीक्षण के दौरान सीडीओ प्रवीण वर्मा साथ थे।

रसड़ा तहसील के मुआयना, व्यवस्था सुधारने की चेतावनी

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बुधवार को तहसील रसड़ा का मुआयना किया। इस दौरान वहां की व्यवस्था पर उन्होंने असंतोष जाहिर करते हुए सुधार लाने की चेतावनी दी। निरीक्षण की पूर्व सूचना के बावजूद भी अभिलेख अपडेट नहीं मिलने पर एसडीएम मोतीलाल यादव से कहा कि अधीनस्थों के कार्यों पर हमेशा नजर रखें।

तहसील में मत्स्य पट्टा के दस्तावेज के बाबत कन्फ्यूजन भरी जानकारी देने पर डीएम ने एसडीएम-तहसीलदार से कहा कि मीटिंग में जो बातें बताई जाती है उसको ध्यान से सुनी व समझी जाए। कुछ सर्विस बुक व जीपीएफ पासबुक काफी समय से लम्बित रहने पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी निर्गत करने की बात कही। लिपिकों की तरह लेखपालों की प्रविष्टियों को भी अपडेट रखने के निर्देश दिए।

आईजीआरएस व ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के आवेदनों की समीक्षा की। कहा, सरकार ने आवेदन के निस्तारण की जो अवधि तय की है उसमें निस्तारित करा दें। निस्तारण की गुणवत्ता का भी ख्याल रखना है, ताकि जिले की रैंकिंग में सुधार आए। यह भी कहा कि जाति, निवास, आय प्रमाण पत्रों के आवेदनों का निस्तारण में समयसीमा नहीं देखें। चूंकि उसमें अधिकांश पढ़ाई करने वालों का होता है, लिहाजा उसको जितना जल्दी हो, कर दें।

कागज में ही नहीं, धरातल पर भी हो नीलामी

जिलाधिकारी ने वसूली की समीक्षा के दौरान दस बड़े बकायेदारों में सबसे पुरानी फ़ाइल निकलवाई। स्टाम्प, विद्युत देय बकाए के दस वर्ष से अधिक समय से हो चुके मामले में कई वर्ष से नीलामी की प्रक्रिया चल रही है, पर अभी तक नहीं हुई। इस पर उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर ही नीलामी की प्रक्रिया नहीं हो, बल्कि धरातल पर उतारें। कोऑपरेटिव के बकाए की स्थिति और खराब मिली, जिस पर एडीएम (वित्त राजस्व), सहायक निबन्धक कोऑपरेटिव व एसडीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि दो हप्ते से ज्यादा का समय देने के बाद भी शासन के निर्देशानुसार भी कोऑपरेटिव बकाए की वसूली की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। यह अत्यंत खेदजनक है। सभी बकायों की रिकवरी करने से अपने स्तर से रुचि लेकर कार्य करने का निर्देश दोनों अधिकारियों को दिया है।

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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