बलिया स्पेशल
पहली सितम्बर को 18 वर्ष पूरी करने वाले हर मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कराने में करे सहयोग: अपर जिलाधिकारी
बलिया। विधानसभा निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के सम्बंध में सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक में अपर जिलाधिकारी मनोज सिंघल ने शत प्रतिशत शुद्ध निर्वाचक नामावली तैयार कराने शुद्ध निर्वाचक नामावली तैयार कराने निर्वाचक नामावली तैयार कराने में सभी से सहयोग की अपेक्षा की। बताया कि पहली सितम्बर को 18 वर्ष पूरी करने वाले हर मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कराना है।
एडीएम ने कहा कि निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुसार शत प्रतिशत शुद्ध निर्वाचक नामावली तैयार कराने के लिए सभी पात्र मतदाता का नाम नामावली में शामिल कराने या अपात्र मतदाताओं का नाम कटवाने में अपना सक्रिय सहयोग दें। इस बात पर विशेष जोर दिया कि जेंडर रेसियो को बढ़ाया जाए। इसके लिए निर्वाचक नामावली से छुट्टी हुई महिला मतदाताओं का नाम जोड़वान जरूरी है। ग्राम सभा के बूथों पर मतदाता सूची पर पर के बूथों पर मतदाता सूची पर पर मतदाता सूची को पढ़ने के लिए 9 व 23 सितंबर एवं 7, 14 व 28 अक्टूबर को विशेष तिथि निर्धारित की गई हैं। इन विशेष स्थितियों में अपने अपने स्थितियों में अपने में अपने बूथ लेवल एजेंट को उपस्थित रहने को कहें, ताकि शत प्रतिशत शुद्ध निर्वाचक नामावली तैयार हो सके। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 4 जनवरी, 2019 को होगा।
अपर जिलाधिकारी श्री सिंघल ने बताया कि निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने, कटवाने या संशोधन कराने से संबंधित प्रपत्र बीएलओ, तहसील स्तरीय मतदाता पंजीकरण केंद्र या जिला निर्वाचन कार्यालय पर स्थापित मतदाता सुविधा केंद्र से भी प्राप्त किया जा सकता है। इन सब के लिए निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन का प्रिंट आउट आउट लेकर हार्ड कॉपी हस्ताक्षर करते हुए संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या जिला निर्वाचन कार्यालय को 31 अक्टूबर तक भेजा जा सकता है।
ईआरओ व एईआरओ तैनात
एडीएम ने बताया कि तहसील बेल्थरारोड, रसड़ा, सिकन्दरपुर, बैरिया व बांसडीह के एसडीएम तहसीलदार उस विधानसभा के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) व सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) हैं। सदर विधानसभा के ईआरओ सिटी मजिस्ट्रेट डॉ विश्राम व एईआरओ सदर तहसीलदार रामनारायण वर्मा हैं। वहीं विस फेफना के ईआरओ एसडीएम सदर एईआरओ सदर तहसीलदार न्यायिक बनाए गए हैं।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को सुधारा गया
बलिया। अपर जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि बताया कि मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामले में सुधार कर लिया गया है। इस मामले में डाटा इंट्रीऑपरेटर विष्णुदेव वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। साथ ही उसकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई चल रही है। मतदाता सूची में जो गड़बड़ी की गई थी उसको दुरुस्त कर दिया गया है। आगे जो मतदाता सूची प्रकाशित होगी वह पूरी तरह से शुद्ध होगी।
featured
बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल
बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।
बताया जा रहा है कि सफारी में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।
featured
कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !
featured
बलिया के चंद्रशेखर : वो प्रधानमंत्री जिसकी सियासत पर हमेशा हावी रही बगावत
आज चन्द्रशेखर का 97वा जन्मदिन है….पूर्वांचल के ऐतिहासिक जिले बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में जन्म लेने वाले चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसी राज्य या केंद्र में मंत्री पद नहीं संभाला था, लेकिन संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी. युवा तुर्क के नाम से मशहूर चंद्रशेखर की सियासत में आखिर तक बगावत की झलक मिलती रही.
बलिया के किसान परिवार में जन्मे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ‘क्रांतिकारी जोश’ और ‘युवा तुर्क’ के नाम से मशहूर रहे हैं चन्द्रशेखर का आज 97वा जन्मदिन है. पूर्वांचल के ऐतिहासिक जिला बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में जन्म लेने वाले चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसी राज्य या केंद्र में मंत्री पद नहीं संभाला था, लेकिन संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी. चंद्रशेखर भले ही महज आठ महीने प्रधानमंत्री पद पर रहे, लेकिन उससे कहीं ज्यादा लंबा उनका राजनीतिक सफर रहा है.
चंद्रशेखर ने सियासत की राह में तमाम ऊंचे-नीचे व ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरने के बाद भी समाजवादी विचारधारा को नहीं छोड़ा.चंद्रशेकर अपने तीखे तेवरों और खुलकर बात करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते थे. युवा तुर्क के नाम से मशहूर चंद्रशेखर की सियासत में आखिर तक बगावत की झलक मिलती रही. बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में 17 अप्रैल 1927 को जन्मे चंद्रशेखर कॉलेज टाइम से ही सामाजिक आंदोलन में शामिल होते थे और बाद में 1951 में सोशलिस्ट पार्टी के फुल टाइम वर्कर बन गए. सोशलिस्ट पार्टी में टूट पड़ी तो चंद्रशेखर कांग्रेस में चले गए,
लेकिन 1977 में इमरजेंसी के समय उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद इंदिरा गांधी के ‘मुखर विरोधी’ के तौर पर उनकी पहचान बनी. राजनीति में उनकी पारी सोशलिस्ट पार्टी से शुरू हुई और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी व प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के रास्ते कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी जनता दल और समाजवादी जनता पार्टी तक पहुंची. चंद्रशेखर के संसदीय जीवन का आरंभ 1962 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने जाने से हुआ. इसके बाद 1984 से 1989 तक की पांच सालों की अवधि छोड़कर वे अपनी आखिरी सांस तक लोकसभा के सदस्य रहे.
1989 के लोकसभा चुनाव में वे अपने गृहक्षेत्र बलिया के अलावा बिहार के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से भी चुने गए थे. अलबत्ता, बाद में उन्होंने महाराजगंज सीट से इस्तीफा दे दिया था. 1967 में कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव बनने के बाद उन्होंने तेज सामाजिक बदलाव लाने वाली नीतियों पर जोर दिया और सामंत के बढ़ते एकाधिकार के खिलाफ आवाज उठाई. फिर तो उन्हें ऐसे ‘युवा तुर्क’ की संज्ञा दी जाने लगी, जिसने दृढ़ता, साहस एवं ईमानदारी के साथ निहित स्वार्थों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी.
‘युवा तुर्क’ के ही रूप में चंद्रशेखर ने 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति का चुनाव लड़ा और जीते. 1974 में भी उन्होंने इंदिरा गांधी की ‘अधीनता’ अस्वीकार करके लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का समर्थन किया. 1975 में कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने इमरजेंसी के विरोध में आवाज उठाई और अनेक उत्पीड़न सहे. 1977 के लोकसभा चुनाव में हुए जनता पार्टी के प्रयोग की विफलता के बाद इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में लौटीं और उन्होंने स्वर्ण मंदिर पर सैनिक कार्रवाई की तो चंद्रशेखर उन गिने-चुने नेताओं में से एक थे,
जिन्होंने उसका पुरजोर विरोध किया. 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की जनता दल सरकार के पतन के बाद अत्यंत विषम राजनीतिक परिस्थितियों में वे कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. पिछड़े गांव की पगडंडी से होते हुए देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले चंद्रशेखर के बारे में कहा जाता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए भी दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास यानी 7 रेस कोर्स में कभी रुके ही नहीं. वह रात तक सब काम निपटाकर भोड़सी आश्रम चले जाते थे या फिर 3 साउथ एवेन्यू में ठहरते थे. उनके कुछ सहयोगियों ने कई बार उनसे इस बारे में जिक्र किया तो उनका जवाब था कि
सरकार कब चली जाएगी, कोई ठिकाना नहीं है. वह कहते थे कि 7 रेसकोर्स में रुकने का क्या मतलब है? प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें बहुत कम समय मिला, क्योंकि कांग्रेस ने उनका कम से कम एक साल तक समर्थन करने का राष्ट्रपति को दिया अपना वचन नहीं निभाया और अकस्मात, लगभग अकारण, समर्थन वापस ले लिया. चंद्रशेखर ने एक बार इस्तीफा दे देने के बाद राजीव गांधी से उसे वापस लेने का अनौपचारिक आग्रह स्वीकार करना ठीक नहीं समझा. इस तरह से उन्होंने पीएम बनने के तकरीबन 8 महीने के बाद ही इस्तीफा देकर पीएम की कुर्सी छोड़ दी.
(लेखक इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार हैं)
-
बलिया6 days ago
JEE मेन के दूसरे सत्र का परिणाम जारी, बलिया के छात्रों ने लहराया परचम
-
featured1 week ago
कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !
-
featured7 days ago
बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल
-
featured2 weeks ago
बलिया के चंद्रशेखर : वो प्रधानमंत्री जिसकी सियासत पर हमेशा हावी रही बगावत
-
featured2 weeks ago
जानें कौन हैं UP बोर्ड 10वीं के बलिया टॉपर, जिन्होंने जिले का नाम किया रोशन!
-
featured1 week ago
बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम
-
बलिया3 weeks ago
बलिया: तेज रफ्तार पिकअप ने बाइक को मारी टक्कर, 1 युवक की मौत, 1 की हालत गम्भीर
-
बलिया2 weeks ago
बलिया में अचानक आग का गोला बनी पिकअप गाड़ी, करंट की चपेट में आने से हुआ हादसा