Connect with us

featured

हरियाणा-राजस्थान से 2322 प्रवासी पहुचे बलिया, बोले- ‘भूखे मरने से बेहतर अपनों के साथ मरेंगे’

Published

on

बलिया डेस्क:  जनपद में गैर प्रांतों से प्रवासियों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. शनिवार को जहां तड़के सुबह 2.30 बजे हरियाणा मेहसाणा से जहां 697 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन बलिया पहुंची, वहीं दोपहर 12 बजे दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1625 प्रवासी मजदूरों को लेकर माडल रेलवे स्टेशन पहुंची. इस प्रकार शनिवार को दो स्पेशल ट्रेन से कुल 2322 प्रवासी मजदूर अपना प्रदेश पहुंचे. इस दौरान स्टेशन पहुंचने के बाद सभी प्रवासियों की पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई, फिर दो लिट्टी और एक बोतल पानी व क्वारेंटीन पर्ची के साथ संबंधित बसों में बैठाए गए. प्रतिदिन की भांति शनिवार को भी पूरे स्टेशन परिसर में पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था रही.

रेलवे स्टेशन प्रभार एसडीएम अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन से कुल 2322 प्रवासी मजदूर बलिया पहुंचे है. यहां उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद उन्हें बसों में बैठाया गया. श्रमिक गाजीपुर, मऊ, देवरिया, गोंडा, इलाहाबाद, लखनऊ के थे. इस दौरान ट्रेन से उतरने के बाद प्रवासियों के चेहरे चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थी. गौरतलब हो कि बलिया जनपद में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अब तक 30 हजार से प्रवासी मजदूर बलिया आ चुके हैं. इस दौरान पूरी व्यवस्था को संभालने जैसे प्रवासी मजदूरों को एक-एक कर गोला में खड़ा करके थर्मल स्क्रीनिंग कराने से लेकर उन्हें भोजन पैकेट आदि मुहैया कराने तक शहर कोतवाल विपिन सिंह, सीओ अरूण सिंह सहित कई थानों की फोर्स मुस्तैद दिखे.

भूखे मरने से बेहतर अपनों के साथ मरेंगे
स्टेशन उतरने के बाद प्रवासियों ने बताया कि उन्हें दूसरे प्रदेश में जहां काम करते हैं, कंपनी बंद हो जाने के बाद से उनके सामने रोजी रोटी के लाले पड गए थे, उन्हें दो वक्त की जगह किसी प्रकार एक वक्त ही भोजन नसीब हो रहा था, जबकि दूसरे वक्त में उन्हें पानी पीकर रात गुजारना पड़ रहा था, इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब वे अपने प्रदेश में आ गए हैं, बताया कि दूसरे प्रदेश में भूखे मरने से बेहतर है कि क्यों न अपनों के साथ ही मरे.

नपा चेयरमैन ने माडल स्टेशन को कराया सैनेटाइज
लगातार कई दिनों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से प्रवासियों के आने जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इसके मद्देनजर शुक्रवार को नगर पालिका चेयरमैन पूरे स्टेशन परिसर को सैनेटाइज कराया. इस दौरान पत्र प्रतिनिधियों से बात करते हुए नगर पालिका चेयरमैन अजय कुमार ने बताया कि पूरे माडल स्टेशन परिसर को सैनेटाइज कराया गया है. आगे भी सैनेटाइज कराने का कार्य जारी रहेगा.

ट्रेनों के आने का सिलसिला जारी रहेगा
माडल स्टेशन पर अब कितने और श्रमिक स्पेशल ट्रेन आएंगे के सवाल पर स्टेशन अधीक्षक संजय सिंह ने बताया कि कितने ट्रेन आएंगी, फिलहाल कह पाना मुश्किल है. लेकिन अभी कई दिनों तक ट्रेनों के आने का सिलसिला जारी रहेगा.

featured

बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

Published

on

बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

Continue Reading

featured

बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

Published

on

बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

Continue Reading

featured

कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

Published

on

‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!