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बलिया की जर्जर 72 सड़कों की मरम्मत के लिए 60 करोड़ की राशि जारी, देखें पूरी डिटेल्स

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बलिया में जर्जर हो चुकी 72 सड़कों की सूरत बदलने के लिए शासन ने 60 करोड़ की राशि जारी कर दी है। 2020 में इन सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी। पहली किस्त मिलने के बाद काम शुरू हुआ लेकिन पैसे के अभाव में निर्माण पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में दूसरी किस्त में 60 करोड़ से ज्यादा की धनराशि दी गई है। सरकार के द्वारा बलिया में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। नई सड़कें बनाने के साथ ही पुरानी जर्जर हुई सड़कों को सुधारा जा रहा है। इसी योजना के तहत 72 सड़कों का पुनर्निर्माण करने का काम शुरू हुआ। इसके लिए शासन की तरफ से पहली किस्त की धनराशि भी जारी की गई थी।

मिट्टी और गिट्टी का कार्य कराने के बाद पैसों के अभाव में इन परियोजनाओं का कार्य बंद हो गया। अधूरी सड़कों के कारण ग्रामीण परेशान हो रहे थे। जिसके बाद धनराशि की मांग के लिए डिमांड शासन को भेजी गई थी। अब परियोजनाओं की शेष बची धनराशि को दूसरी किस्त के रूप में जारी कर दिया गया है।शासन की तरफ से पकड़ी हरख बसंत में आरआर पब्लिक स्कूल से नहर पुलिया और संपर्क मार्ग के लिए 79.09 लाख, विश्वनाथपुर में मुख्य नहर से प्रमुदास बाबा की कुटी तक मार्ग के लिए 36.25 लाख, डिहवा सलेमपुर मार्द से वीरपुरा, विश्वनाथपुर, सुल्तानपुर संपर्क मार्ग के लिए 1.82 करोड़, टीकादेवरी-अनुसूचित बस्ती संपर्क मार्ग के लिए 16.04 लाख, हथौली-चन्नाडीह

संपर्क मार्ग के लिए 12.95 लाख, हजौली-बाबू के पुरा संपर्क मार्ग के लिए 11.53 लाख, हजौली से पांडेय का पुरा के लिए 10.41 लाख, बुढ़ऊ से अनुसूचित बस्ती के लिए 7.10 लाख की राशि दी गई है।इसके साथ ही मटिही से अनुसूचित बस्ती के लिए 6.15 लाख, तद्दीपुर से पश्चिमपुरा के लिए 6.07 लाख, चिलकहर से हरिपुर के लिए 5.89 लाख, हजौली से लाली के पुरा तक 34.98 लाख, गोपालपुर से मठिया के लिए 18.52 लाख, मुख्य मार्ग से उदयपुर के लिए 17.75 लाख, चलिकहर से चौरियां चकारी के लिए 17.27 लाख, वीरापुर से अनुसूचितक बस्ती के लिए 16.57 लाख, हथौली से मलाहीचक के लिए 16.57 लाख, कुरेजी बंगला मार्ग से इंग्लिशिया के लिए 34.25 लाख, हथौज से बड़की कौड़िया नहर तक 1.50 करोड़ की राशि मिली है।

वहीं खड़सरा-जिगिड़िसर से अकटही नटाव तक 1.12 करोड़, रतसर-प्रानपुर से मिसिंग लिंक के लिए 19.16 लाख, पचखोरा-करम्मर-बेरुआरबारी मार्ग के लिए 3.42 करोड़, पंदह-धनेजा मार्ग के लिए 38.63 लाख, वंशीबाजार-तेंदुआ होते हुए हुसेनपुर अनु सूचित बस्ती तक 79.89 लाख, पूर रजवाहा से रतसी के लिए 79.89 लाख, पकड़ी रतसी मार्ग से तेनुही के लिए 35.72 लाख, सहुलाई से सहरोजा चौहान बस्ती तक 1.05 करोड़, पकड़ी मिश्रौली से सवन के लिए 72.14 लाख, जिम्मीचक प्रसादपुर से यादव बस्ती तक 52.91 लाख, खड़सरा-जिगिड़सर से राजू पाठक के टोला के लिए 96.80 लाख, हरपुर से चवरी के लिए 1.48 करोड़, नहर की पटरी जमुआ से बनकटा तक के लिए 93.29 लाख, अ्रखैनी नटवा से जिगिड़सर अहिरौली के लिए 1.38 करोड़, गुलरबाग से इंटर कालेज के लिए एक करोड़, इसारपीथापट्टी से बरमनिया के लिए डेढ़ करोड़ की राशि मिली है।

हरदिया जमीन डीह बाबा से तेंदुआ तक 1.23 करोड़, डकिनगंज से चौहान बस्ती तक 6.50 लाख, डकिनगंज से धरहरा तक 1.55 करोड़, हथौज अजनेरा से बड़सरी जागीर तक 1.47 करोड़, मंगुआपार मोड़ से बभनौली तक 1.01 करोड़, रामापार कुटी से गौरी दीक्षित टोला तक 1.49 करोड़, पकड़ी गढ़मल मार्ग से आश्रम तक 72.39 लाख, बिहरा में राजभर बस्ती से माल्दह-बिहरा मार्ग तक 1.10 करोड़, अतरसुआ रविदास मंदिर से फतेह सिंह के डेरा तक 1.63 लाख, रसड़ा प्रधानपुर से कोतवाली तक 1.02 करोड़, नगपुर-चिलकहर मार्ग से नफरेपुर तक 1.26 करोड़, नगपुर-रसड़ा मार्ग से राजभर बस्ती तक 1.09 करोड़, नसरतपुर बंधे से यादव बस्ती तक 1.26 करोड़, अतरौली पपीएमजीएसवाई मार्ग से अनुसूचित बस्ती तक 1.10 करोड़ की राशि से काम पूरा होगा।

शाहपुर-अतरौली-करमौता मौर्ग से कुड़सर निकासी तक दो करोड़, सिहोरिया संपर्क मार्ग से राजभर बस्ती तक 1.10 करोड़, चिलकहर-टीकादेवरी रोड से राजभर बस्ती तक 1.56 करोड़, गौरा-नफरेपुर प्रधानमंत्री सड़क से तुलसी के पुरा तक 1.45 करोड़, शाहमोहम्मदपुर रोड से शाह महावलपुर तक 1.28 करोड़, पुरा पशुहारी सिसैंड मौर्ग से ससना बहादुरपुर तक एक करोड़, बेल्थरा बाजार से श्मशानघाट तक 91.14 लाख, मौनिया बाबा मंदिर संपर्क मार्ग के लिए 1.32 करोड़, रसूलपुर संपर्क मार्ग से पकड़बोझा तक 1.03 करोड़, नवापुरा से लहुरापाही चौहान बस्ती तक 91 लाख, अहिरौली-सरयां-पतौई मार्ग के लिए 91.32 लाख, चैनपुरा से गुलौरा मठिया के लिए 1.27 करोड़, अठगांवा से जमीन

इंदौली संपर्क मार्ग के लिए 1.49 करोड़, भदौरा तरछापार मार्ग से पतनारी झरना तक 1.10 करोड़, गड़वार सुखपुरा मार्ग के लिए 41.76 लाख, गाजीपुर-बलिया मार्ग के लिए 61.70 लाख, बांसडीह सुखपुरा मार्ग के लिए 47.34 लाख रुपये की राशि जारी की है। अब राशि जारी होने के बाद सड़कों का निर्माण जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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