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बलिया में फिर हड़कंप, जा सकती है 464 शिक्षकों की नौकरी, इस ब्लाक में इतने आरोपी !

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बलिया डेस्क : बलिया जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े में आये दिन नया ख़ुलासा हो रहा है। अभी एक पैन नौकरी करने के मामले की जांच चल ही रही है। इसी बीच शासन द्वारा जनपद के परिषदीय विद्यालयों में तैनात 464 शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर संदेह गहरा गया है।

जिले में बेसिक शिक्षा महकमे के पास परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों के नियुक्ति व वेतन भुगतान से सम्बंधित अभिलेख नहीं हैं । इसको लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों व कर्मचारियों से अभिलेख तलब किया है । उधर सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से वर्ष 2004 से 2014 तक उत्तीर्ण जिले के बेसिक शिक्षा महकमे में कार्यरत 464 शिक्षक व अनुदेशक जांच के राडार पर आ गये हैं । बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह ने इन सभी शिक्षकों के नियुक्ति व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित किया है । जांच समिति के गठन के उपरांत महकमे में हड़कंप मच गया है ।

कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया

सूबे के अपर मुख्य सचिव , बेसिक शिक्षा का गत 17 जून का आदेश बलिया जिले के बेसिक शिक्षा महकमे से जुड़े परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है । अपर मुख्य सचिव के आदेश के क्रम में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्र व अनुदेशकों के विवरण की जांच द्रुत गति से प्रचलित है ।

बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह के गत 3 जुलाई को निर्गत एक पत्र से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि महकमे के पास कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्र व अनुदेशकों का विवरण उपलब्ध ही नही है । शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्र व अनुदेशकों की प्रचलित जांच में अभिलेखों की अनुपलब्धता के कारण हो रही कठिनाइयों को देखते हुए विभाग ने कार्यरत सभी शिक्षकों , कर्मचारियों , शिक्षा मित्र व अनुदेशकों से उनके नियुक्ति , वेतन भुगतान व शैक्षिक योग्यता से सम्बंधित अभिलेख दो प्रति में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है ।

छह सदस्यीय समिति बनाई

इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक छह सदस्यीय समिति भी बना दी है । यह समिति कार्यरत शिक्षकों , कर्मचारियों , शिक्षा मित्र व अनुदेशकों से सत्यापित कराकर अभिलेख प्राप्त करेगी , जिसके जरिये शिक्षकों व कर्मचारियों का पत्रावली तैयार होगा । उधर जिले के 464 ऐसे शिक्षक , अनुदेशक एवं शिक्षा मित्र एसआईटी की जांच के दायरे में आ गए हैं, जिन्होंने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय, वाराणसी से वर्ष 2004 से 2014 के मध्य शिक्षण व प्रशिक्षण योग्यता हासिल किया है । जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह सदस्यीय जांच समिति से 464 शिक्षकों व कर्मचारियों का नियुक्ति पत्र , शैक्षणिक व प्रशिक्षण योग्यता सम्बन्धी अंक पत्र व प्रमाण पत्र , वेतन भुगतान आदेश, निवास, आधार व पैन कार्ड तलब किया है ।

इन शिक्षकों का नाम शामिल

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समिति में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय मोतीचंद चौरसिया, खंड शिक्षा अधिकारी गड़वार सुनील कुमार, जिला समन्वयक सामुदायिक नुरुल हुदा , जिला समन्वयक प्रशिक्षण प्रवीण कुमार यादव , प्रशांत कुमार पांडे एवं करुणेश श्रीवास्तव को सदस्य नामित किया है । जांच के राडार पर आने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों में बैरिया ब्लॉक के 8 शिक्षक, नवानगर ब्लॉक के 6 शिक्षक, पंदह ब्लाक के 18, रसड़ा ब्लॉक से 42, बलिया नगर से 7, बांसडीह ब्लॉक से 28, बेलहरी ब्लॉक से 42, बेरुआरबारी ब्लॉक के 22, चिलकहर ब्लॉक के 20, दुबहर ब्लॉक के 32, गडवार ब्लॉक के 51, हनुमानगंज ब्लॉक के 16, मनियर ब्लॉक के 11, मुरली छपरा ब्लॉक के 20, नगरा ब्लाक के 65, रेवती ब्लॉक के 6, सीयर ब्लॉक के 13 एवं सोहाव ब्लॉक के 48 शिक्षकों का नाम शामिल है।

11 शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थगित

इस बीच विभाग द्वारा मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों के सेवा सम्बन्धी विवरण व अभिलेखों के हो रहे डिजिटलीकरण के मध्य महानिदेशक विजय किरन आनन्द के खुलासे के बाद जिले के परिषदीय विद्यालयों के 11 शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थगित कर दिया गया है । उल्लेखनीय है कि महानिदेशक आनंद के पत्र से खुलासा हुआ है कि माह मई 2020 के वेतन भुगतान के परीक्षण से सूबे में 192 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं , जिसमें एक ही नाम व पैन नंबर की दो अलग अलग इंट्री विभिन्न जनपदों की फ़ाइल में सम्मिलित है, परन्तु खाता संख्या भिन्न है । इसी तरह 24 प्रकरण ऐसे हैं , जिसमें एक ही बैंक खाता नम्बर दो भिन्न शिक्षकों के सम्मुख अंकित है ।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने गत 27 जून को जिले के समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि महानिदेशक की सूची में जनपद के ऐसे 11 शिक्षकों का नाम है । उन्होंने 11 शिक्षकों के शैक्षिक , प्रशिक्षण , जाति , निवास प्रमाण पत्र , आधार कार्ड व पैन कार्ड के साथ सेवा पुस्तिका व सम्बंधित पत्रावली तलब किया था । जिला समन्वयक , सामुदायिक नुरुल हुदा ने बताया कि सभी 11 शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थगित कर दिया गया है ।

रिपोर्टर- अनूप कुमार हेमकर

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बलिया निवासी रिटायर्ड जवान ने बीटेक छात्र को मारी गोली, हुई मौत, हत्या के आरोपी पिता ,पुत्री गिरफ्तार

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गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में दिल दहला देने वाला घटनाक्रम सामने आया है। यहां बलिया निवासी एक रिटायर्ड जवान ने बलिया के रहने वाला बीटेक के छात्र विपुल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि मृतक छात्र आरोपी की बेटी का बॉयफ्रेंड था। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, मामला गाजियाबाद जिले के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके का है। यहां एक इंजीनियरिंग छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी और मृतक छात्र के बीच शनिवार रात को बहस हुई थी, जिसके बाद उसने बीटेक छात्र की हत्या कर दी।

इस मामले में पुलिस उपायुक्त विवेक चंद्र यादव ने कहा, बलिया निवासी 25 वर्षीय बीटेक छात्र विपुल की एक रिटायर्ड सुरक्षाकर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी राजेश कुमार सिंह भी बलिया के निवासी हैं और बीएसएफ से रिटायर्ड है, जो एक निजी सुरक्षा फर्म में कार्यरत है।

अधिकारी ने कहा, ‘विपुल कथित तौर पर आरोपी की बेटी के साथ रिश्ते में था। आरोपी रात में फ्लैट पर पहुंचा। विपुल के साथ उसकी बहस हुई, जिसके बाद उसने विपुल को पांच गोलियां मार दीं।’ पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं हत्या करने के मामले में पुलिस ने दीप्ति व उसके पिता राजेश को गिरफ्तार कर लिया।

 

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बलिया में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सख्त, वसूला जाएगा जुर्माना

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बलिया में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। इन घटनाओं में आर्थिक नुकसान के साथ साथ संसाधनों की क्षति हो रही है। ऐसे में अब जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने किसानों को पराली न जलाने की चेतावनी दी है। उन्होंने किसानों को बताया कि पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु पराली, फसल अपशिष्टों को जलाना एक दण्डनीय अपराध है। राजस्व विभाग द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारीयों को पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया है कि दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपए, दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए 5 हजार रुपए तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपए तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश दिया गया है।

पराली जलाने की घटना पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड इत्यादि की कार्रवाई के प्रावधान किया गया है।

 

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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