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बलिया: परिवहन मंत्री के ज़िले में बस डिपो हुआ बेहाल, नियमों की उड़ रही खिल्ली

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बलिया डिपो परिसर में बने टिकट काउंटर पर ताला लटका रहता है.

उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री है दयाशंकर सिंह. बलिया ज़िले की सदर सीट से दयाशंकर सिंह विधायक हैं. अब ऐसे में अगर बलिया में ही परिवहन विभाग चौपट हो जाए तो सवाल उठना लाज़मी है. बलिया में सड़क परिवहन निगम के कायदे-कानूनों की कायदे से धज्जियां उड़ रही है. हाल ये है कि डिपो परिसर में बने टिकट काउंटर पर ही ताला लटका रहता है. जिसकी वजह से यात्रियों को साधारण रोडवेज बसों में ऑनलाइन और ऑफलाइन आरक्षण सेवा का फायदा नहीं मिल पा रहा है.

यात्रियों का कहना है कि टिकट काउंटर तय वक्त पर नहीं खुलता है. जिसकी वजह से उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साधारण बसों के लिए रिजर्वेशन टिकट नहीं मिल पाता है. जिससे बस के रूट और समय मालूम नहीं हो पाता है. ऐसा नहीं है टिकट काउंटर पर कोई कमी है. जिससे काउंटर खुल नहीं रहा है. बल्कि डिपो कर्मचारियों की ये लापरवाही का नतीजा है. आला अधिकारियों की नज़र भी इस ओर नहीं है.

यात्रियों की शिकायत पर बलिया ख़बर की टीम डिपो पर पहुंची. जहां नगरा के रहने वाले एक यात्री से मुलाकात हुई. इस मसले पर उन्होंने बताया कि “टिकट मिलती है तो सुविधा होती है. क्योंकि उस पर यात्री की हर जानकारी लिखी होती है. बस के नंबर से लेकर बस के रवाना होने और पहुंचने तक का समय लिखा रहता है. इससे एक सुविधा होती है कि अगर बस लेट होती है तो ड्राइवर या कंडक्टर से सवाल भी पूछा जा सकता है. लेकिन लिखित ना होने पर आप कुछ भी पूछ नहीं पाते हैं.”

परिवहन विभाग के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक उमाकांत मिश्रा का एक बयान अमर उजाला में छपा है. उमाशंकर मिश्रा का कहना है कि “टिकट काउंटर अपने समय के अनुसार ही खुलता है. ऑनलाइन सुविधा भी चालू है. 10 बसों में रिजर्वेशन की सुविधा है. लोगों की जानकारी कम होने की वजह से रिजर्वेशन कम हो रहा है.” इस तरह सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने यात्रियों की शिकायत को खारिज करते हुए इसे कम जानकारी घोषित कर दिया.

रिजर्वेशन टिकट का किराया:

रिजर्व टिकट के लिए यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होता है. यात्रा के मूल किराए के अलावा 20 रुपए प्रति टिकट और फिर 18 फीसदी जीएसटी देना होता है. ये ऑफलाइन पेमेंट का हिसाब-किताब है. अगर टिकट का भुगतान ऑनलाइन करते हैं तो फिर 8 रुपए गेट-वे चार्ज का भी देना पड़ता है. इस तरह किराया जरूर बढ़ जाता है लेकिन यात्रा में सुविधा भी मिलती है.

एक मसला ये है कि अगर आप टिकट कैंसल कराते तब किराए का कितना हिस्सा आपको वापस मिलता है? टिकट निरस्त कराने पर सिर्फ मूल किराया ही मिलता है. जीएसटी और 8 रुपये गेट-वे चार्ज की कटौती की जाती है. तो वहीं 2 घंटे पहले रिजर्वेशन निरस्त कराने पर मूल किराए से 10 फीसदी चार्ज भी काट लिया जाता है.कब सुधरेगा हाल ?

सवाल ये है कि अगर परिवहन मंत्री के ज़िले में ही बस डिपो का ये हाल है तो दूसरे ज़िलों का हाल क्या होगा? यात्रियों की शिकायत के बाद देखना होगा कि क्या ये स्थिति बदलती है? या फिर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के दौरे के वक्त ही महज कुछ वक्त के लिए ये हाल बदलता रहेगा?

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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