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बलिया- सीवरेज परियोजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, रडार पर 7 इंजीनियर और कंपनी
बलिया। जिले में सीवरेज परियोजना में करोड़ों को फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इंजीनियर से लेकर काम करने वाली कंपनी ने तक सरकार को चूना लगाया है। बता दें लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) की घटक योजना अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम फार स्माल एंड मीडियम टाउन (यूआइडीएसएसएमटी) से हुए करीब 100 करोड़ की सीवरेज परियोजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है। साल 2009 से 2018 तक प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश जल निगम के इंजीनियरों ने जमकर लूट मचाई।
अहमदाबाद की कंपनी ग्रीन लीफ इन्वैरोटेक ने प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया है। उसने काम भी पूरा नहीं किया, लेकिन 25 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। जांच में मामला सामने आने के बाद आजमगढ़ मंडल के अधीक्षण अभियंता ने कंपनी का अनुबंध निरस्त कर दिया है। इसके अलावा विभाग के 7 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति मुख्य अभियंता वाराणसी को की गई है। मामले की रिपोर्ट प्रबंध निदेशक लखनऊ को भी भेजी गई है। मुख्य अभियंता इसी हफ्ते शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
क्या है पूरा मामला- साल 2009 में करीब सौ करोड़ की परियोजना स्वीकृत हुई थी। इससे शहर के सिटी और सिविल लाइन जोन में सीवर लाइन बिछाई जानी थी। छोड़हर गांव में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना था। अहमदाबाद की कंपनी को कार्य सौंपा गया। उन्होंने करीब 28 किलोमीटर भूमिगत सीवर लाइन बिछाने का दावा किया। नगर पालिका परिषद बिना परीक्षण किए लाइन का हैंडओवर ले लिया। कंपनी को 25 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया। शिकायत पर आइआइटी बीएचयू ने लाइनों की जांच की तो लाइन दावे से कम मिली। एसटीपी भी नहीं बनाया गया।
कंपनी ने नहीं दी बैंक गारंटी-बैंक गारंटी एक वित्तीय गारंटी है। यह अनुबंध है, इसमें लिखा होता है कि एक पार्टी इस बात पर सहमत है कि उसके खुद के बैंक अकाउंट की जिम्मेदारी पर दूसरी पार्टी को कार्रवाई करने के लिए सहमत है। गारंटी की शर्ते दोनों पार्टी को माननी होती हैं। विभाग कार्यदायी कंपनी से बैंक गारंटी मांगता रहा, लेकिन सिर्फ हीलाहवाली हुई।
परियोजना में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार- सीवरेज काम में खुलकर भ्रष्टाचार सामने आया। लाइन बिछाने के बाद कंपनी को बेंडिग करना चाहिए था, लेकिन वैसे ही छोड़ दिया गया। इसके चलते सड़क बनते ही कई हिस्सों में टूट गई। पूरी लाइन बैठ गई। यही वजह है कि पूरे शहर में गड्ढे ही गड्ढे हैं, इसे ठीक करने की कोशिशें दम तोड़ती नजर आ रही हैं।
मुख्य अभियंता एके पुरवार का कहना है कि अधीक्षण अभियंता आजमगढ़ की ओर से उन्हें जांच रिपोर्ट मिली है। फौरी जांच में करीब सात इंजीनियरों की भूमिका सवालों के घेरे में है। गड़बड़ बैंक गारंटी लगाने की बात सामने आई है, इसलिए उसका अनुबंध निरस्त किया गया है। इसी हफ्ते दोषी इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश प्रबंध निदेशक को करेंगे।
जबकि यूपी जल निगम के अधिशासी अभियंता अंकुल श्रीवास्तव का कहन है कि यूपी जल निगम मेरे स्तर से जांच रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता आजमगढ़ को भेजी गई है। मामले में उनके स्तर से ही कार्रवाई की जानी है। जांच में कंपनी की बैंक गारंटी फर्जी सिद्ध हुई है। इसमें पूर्व के इंजीनियरों की भी भूमिका सामने आई है।
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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!
लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.
सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?
बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!
मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.
ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.
बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!
2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”
सलेमपुर सीट का मूड:
सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.
करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.
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बलिया के बांसडीह में रिहायशी बस्ती में लगी आग, जलकर खाक हुई सवा सौ झोपड़ियां
बलिया के बांसडीह में आगजनी की गंभीर घटना सामने आई है। यहां खेवसर गांव के कुड़िया यादव बस्ती में शुक्रवार की दोपहर अचानक आग लग गई। आग की लपटों ने एक-एक कर पूरी बस्ती को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जा रहा है कि आगजनी की इस घटना में बस्ती में रहने वाले 50 से अधिक परिवारों की सवा सौ झोपड़ियां जल गयी है। तेज हवाओं के चलते आग की लपटें तेजी से आगे बढ़ती गई, इन पर काबू पाना भी बेहद मुश्किल हो गया था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दो टीमें ग्रामीणों के साथ आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
जानकारी के मुताबिक, तेज हवा के चलते दो हिस्सों में बंटी बस्ती की सभी झोपड़ियां आग की चपेट में आ गयी और सभी झोपड़ियां जल गयी हैं। आग लगते ही बस्ती में कोहराम मच गया तथा रिहायशी बस्ती के लोग घर से जान बचाकर भाग गए। झोपड़ियों में रखा सभी सामान जलकर राख हो गया है। कुछ लोगों के पक्के घर में भी रखा सामान जलकर राख हो गया है। सुभाष यादव की बाइक जल गई हैं।
बस्ती के ददन यादव और सुभाष यादव के घर पिछली रात ही शादी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था। घटना में ग्रामीणों का लाखों रूपया का नुक़सान हुआ है। कटाई और मढ़ाई के बाद घरों में रखा गेहूं, सरसों आदि अनाज भी जलकर राख हो गया है। आग से बाइक, साइकिल, बिस्तर, भूसा, अनाज, बरतन, कपड़े, चौकी, चारपाई आदि सभी सामान जलकर राख हो गया है। मौके पर पहुंचे तहसील और पुलिस प्रशासन आग बुझाने व आग से क्षति का आकलन कर रहा था।
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बलिया के जमुनाराम मेमोरियल स्कूल में हुआ विज्ञान की चुनौती प्रतियोगिता का आयोजन
बलिया के चितबड़ागांव के जमुनाराम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के आयोजन होते रहते हैं। इसी कड़ी में आज स्कूल में विज्ञान की चुनौती 2024 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ये प्रतियोगिता केवल CBSE के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए आयोजित की जाती है।
इस प्रतियोगिता में 8वीं से लेकर 10वीं तक पढ़ने वाले बच्चों ने भाग लिया। प्रथम चरण की परीक्षा में 8वीं के रोशन यादव और अभिनव यादव ने सर्वोच्च अंक हासिल किए। इसके अलावा कक्षा 9वीं के आयुष्मान सिंह और रोहन गिरी, कक्षा दसवीं से दीप्ति वर्मा और उत्कर्ष यादव का चयन द्वितीय चरण की परीक्षा के लिए हुआ है। ये परीक्षा जनपद स्तरीय होगी। विद्यालय के प्रधानाचार्य एब्री केबी ने बच्चों के सफलता के दृष्टिगत रखते हुए अगले चरण की प्रतियोगिता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी है। वहीं बच्चे भी आगे की प्रतियोगिता के लिए तैयारी में जुट गए हैं।
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