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बलिया

16 साल पुराने बलिया खाद्यान घोटाले में और 2 रिटायर सचिव और कोटेदार गिरफ्तार

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बलिया के बहुचर्चित खाद्यान घोटाले में EOW ने बड़ी कार्रवाई की है। सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (SGRY) के तहत खाद्यान्न घोटाले के आरोप में EOW वाराणसी की टीम ने शुक्रवार को दो तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों और एक तत्कालीन कोटेदार को गिरफ्तार कर लिया है। करीब 16 साल पुराने मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें 2000 से 2005 के बीच लाखों का गबन किया गया था।

14 थानों में 51 केस दर्ज-SGRY के तहत जिले में साल 2000 से 2005 तक काम के बदले अनाज योजना का संचालन हुआ। इसमें अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने बडे़ पैमान पर गड़बड़ी कर गबन किया। मामला सामने आने के बाद साल 2006 में जनपद के 14 थानों में 51 मुकदमा दर्ज हुए। इसमें 6049 लोगों को आरोपित बनाया गया जिनमें तत्कालीन 3 सीडीओ, बीडीओ, सचिव, ट्रांसपोर्टर, ग्राम प्रधान व कोटेदार शामिल हैं। शासन ने 8 मुकदमों की जांच सीबीआई और 43 की तहकीकात करने की जिम्मेदारी EOW वाराणसी को दी।

38 लाख 73 हजार 940 का गबन- EOW की टीम ने तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के बस्तौरा निवासी विनोद तिवारी और कोटवारी निवासी जयनारायण गुप्ता के साथ ही रसड़ा के ही अमहरपट्टी उत्तर निवासी तत्कालीन कोटेदार रामायण यादव को गिरफ्तार कर लिया। 3 आरोपियों पर 38 लाख 73 हजार 940 रुपये सरकारी धन का गबन करने का आरोप है। जांच टीम में इंस्पेक्टर कृष्ण मुरारी मिश्र के साथ ही सिपाही विनोद यादव, रोहित सिंह, राज सिंह, श्रीभगवान सिंह आदि थे।

मामले में साल 2000 से 2005 तक जिले में तैनात रहे तत्कालीन सीडीओ राममूति वर्मा, अश्वनी कुमार श्रीवास्तव व दीनानाथ पटवा पर घोटाले में शामिल रहने का आरोप लगा है। कि वह वास्तविक श्रमिकों को मजदूरी के बदले खाद्यान्न दिलवाने में नाकाम रहे। खाद्यान्न घोटाले की तहकीकात करने वाली एजेंसी EOW की रिपोर्ट के अनुसार 21 जून 2002 से 14 अक्तूबर 2003 तक जिले के सीडीओ रहे राममूर्ति वर्मा के कार्यकाल में 18 कार्य योजनाओं पर 7 लाख 55 हजार 216 रुपये कीमत के 1078.88 कुंतल खाद्यान्न वितरण में नगद श्रमांश 4 लाख 45 हजार 623 रुपये के काम कराए गए।

दस्तावेजों में किया हेरफेर- इसी प्रकार 18 फरवरी 2004 से 11 अक्तूबर 2004 तक सीडीओ रहे अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने योजना में तीन काम कराए थे। जबकि 11 अक्तूबर 2004 से 4 दिसंबर 2004 तक तैनात रहे दीनानाथ पटवा को भी अनियमितता में दोषी पाया गया है। जांच एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा था कि इन अधिकारियों के कारण वास्तविक पात्रों का हक मारा गया और दस्तावेजों में हेरफेर कर खाद्यान्न और धन का दुरुपयोग किया।

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JEE मेन के दूसरे सत्र का परिणाम जारी, बलिया के छात्रों ने लहराया परचम

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संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के दूसरे सत्र का परिणाम आ चुका है। इन परिणामों में बलिया के छात्र छात्राओं ने भी परचम लहराया है। जिले के आरके मिशन स्कूल के कई छात्रों ने अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास की।

स्कूल के हरीश मिश्रा ने 97.2 परसेंटाइल, मोहम्मद फैज ने 95.65 परसेंटाइल, शौर्य श्रीवास्तव ने 96.49 परसेंटाइल और साक्षी गुप्ता ने 91.75 परसेंटाइल प्राप्त किए। शिक्षकों के कुशल मार्ग निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने उपलब्धि हासिल किया। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक संजीव सिंह, धर्मेंद्र वर्मा और नईम अंसारी ने इस सफलता का श्रेय बच्चों के स्वाध्याय और दृढ़ संकल्प को दिया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य लाल रत्नेश्वर ने सफल छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। आरके मिशन स्कूल के प्रबंधक हर्ष श्रीवास्तव ने जेईई मेन्स में सफल छात्राओं को बधाई दिया। दृढ़ संकल्प व कठिन परिश्रम को यदि छात्र अपने जीवन में समावेश कर ले तो सफलता उसे अवश्य ही प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि आरके मिशन स्कूल, बलिया का प्रयास है कि उत्तम संसाधनों की उपलब्धता से छात्र-छात्राओं का सर्वाधिक विकास हो। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सफलता क्रमिक विकास से प्राप्त होती है, सफलता का और कोई रास्ता नहीं होता।

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बलिया में दूल्हे पर तेजाब फेंकने वाली युवती ने किए चौंकाने वाले खुलासे

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बलिया के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र में शादी की रस्मों के दौरान युवक के ऊपर एसिड अटैक करने वाली पूर्व प्रेमिका ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। युवती ने बताया कि युवक पिछले 3 साल से पति की तरह मेरे साथ रह रहा था। वो मुझसे शादी करने की बात करता था, लेकिन अचानक पलट गया। युवती का कहना है कि मुझे मेरा प्यार चाहिए। वो कैसे वह किसी दूसरी लड़की से शादी कर सकता है। मुझे हर हाल में मेरा प्यार चाहिए, चाहे जैसे भी मिले। हम शादी करना चाहते थे, वह भी तैयार था लेकिन घरवालों ने उसे मुझसे छीनने की कोशिश की, इसलिए मैं सबक सिखाना चाहती थी, और मैंने उस पर एसिड से हमला कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, 23 अप्रैल की शाम में बलिया में बारात के लिए जा रहे दूल्हे पर उसकी पूर्व प्रेमिका ने तेजाब फेंक दिया। इससे दूल्हे के हाथ और चेहरे पर काले निशान पड़ गए और दूल्हे के पास खड़ी महिलाएं भी गंभीर रूप से घायल हो गई। महिलाओं ने युवती को पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर दी। युवती को पुलिस के हवाले किया गया, जहां उसने पुछताछ में कई खुलासे किए।

आरोपी युवती ने कहा- ‘मैं राकेश के बिना नहीं रह सकती। तीन साल से हम पति पत्नी की तरह रह रहे थे। मेरे साथ गलत हो रहा है। राकेश मुझसे प्यार करता था। वह शादी की बात करता था लेकिन अब किसी और से शादी कर रहा है। मैं ये सब बर्दाश्त नहीं कर सकती है। वह मेरा नहीं हुआ तो मैं किसी का नहीं होने दूंगी। कई बार मैंने रिक्वेस्ट किया लेकिन वह मेरी बात नहीं सुन रहा था।’ मैं उसके घर पहुंच गई और परिजनों से बात की।

कुछ दिन पहले ही जब युवती को पता चला कि प्रेमी राकेश की शादी तय हो गई है। तब वह उसके होने वाले ससुराल पहुंच गई। वहां लड़की के घरवालों से शादी तोड़ने का दबाव बनाया। अपनी प्यार की कहानी प्रेमी की होने वाली पत्नी को भी बताई। इधर राकेश की चाची ने बताया कि लड़का अपनी शादी से खुश था। वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ रहा था लेकिन लड़की को यह मंजूर नहीं था।
राकेश की बारात गाजे-बाजे के साथ डुमरी से निकल रही थी। तभी गुलाबी साड़ी पहन कर पहुंचीं युवती ने अपनी कमर से प्लास्टिक की बोतल निकाली और प्रेमी पर तेजाब डाल दिया। घटना के बाद वहां अफरातफरी मच गई।

हालांकि इस घटना के बाद प्रेमी की शादी रुकी नहीं। बड़े बुजुर्गों की सहमति के बाद पूरे रिति-रिवाज से प्रेमी राकेश की शादी हो गई। इधर, आरोपी प्रेमिका पर केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच हो रही है।

 

 

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बलिया के चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में आगजनी, लपटों से घिरा भवन

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बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर में प्रशासनिक भवन के पीछे आग लगने का मामला सामने आया है। घटना के बाद मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने आग बुझाई। हालांकि तेज हवा चलने से आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया था, लेकिन फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने में सफलता हासिल की।

जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति संजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि हम लोग प्रशासनिक भवन में काम कर रहे थे, तभी किसी ने आकर सूचना दिया कि प्रशासनिक भवन के पीछे आग लग गई है। हम लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और अपने स्तर से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन हवा के झोंके के कारण आग बुझाना एक बड़ी चुनौती बन गई थी। हवा की वज़ह से आग की लपटें काफी तेजी से आगे बढ़ रही थी।

विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी ने आग बुझाने की कोशिश की, दमकल के आने की बाद आग पर तेजी से काबू पाया गया। राहत की बात ये रही कि इस आग में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।

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