बलिया डेस्क : बलिया के सबसे पुराने थानों में से एक उभांव थाना अब चमकता हुआ नज़र आ रहा है। दीवारों पर नया पेंट, फर्श पर गमले और पूरी तरह साफ़ सुधरा परिसर लोगों का ध्यान अपनी ओर ख़ींच रहा है। ये थाना जैसा अभी नज़र आ रहा है, कुछ दिनों पहले तक ये ऐसा नहीं था। पहले ये और थानों की तरह ही गंदा और बेतरतीब दिखाई देता था। सवाल उठता है कि आख़िर ऐसा क्या हुआ जिससे इस थाने की तस्वीर बदल गई?
इस सवाल का जवाब बलिया ख़बर की टीम को थाने से ही मिला। जब टीम थाने पहुंची तो उसे पता चला कि थाने को ख़ूबसूरत बनाने के पीछे यहां नए तैनात हुए थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्रा का हाथ है। दरअसल, ज्ञानेश्वर मिश्रा पिछले महीने ही उभांव थाने में तैनात हुए हैं। वो जब यहां आए तो थाने की हलत ठीक नहीं थी। 1857 में बने इस थाने की दीवारें भी इतिहास बयान कर रही थीं। दिवारों का पेंट इतना पुराना हो चुका था कि उसका रंग भी बताना आसान नहीं था।
फर्श बेहद गंदा था और थाने की लगभग हर चीज़ बेतरतीब पड़ी हुई थी। थाने को इस हालत में देखकर ज्ञानेश्वर मिश्रा को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने इसकी तस्वीर बदलने का संकल्प लिया और फिर इसके सौंदर्यीकरण में जुट गए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन टाडा के आदेशानुसार दिन-रात पसीना बहाया और थाने का कायाकल्प कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस थाने का सुधारी करण सरकारी खज़ाने के साथ-साथ जनसहयोग भी लिया गया है। जनसहयोग के जरिये सरकारी ख़ज़ाने की बड़ी बचत हो गई।
बलिया ख़बर की टीम ज्ञानेश्वर मिश्रा के इस जज़्बे को सलाम करती है। उम्मीद करती है कि ज्ञानेश्वर मिश्रा से प्रेरित होकर और भी पुलिसकर्मी इस तरह की मिसाल पेश करेंगे।
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