बलियाः खतौनी में फ्रॉड करने के आरोप में पूर्व लेखपाल और वर्तमान में नगरा सर्किल के कानूनगों को अदालत ने जेल भेज दिया है। आरोपी ने जमानत के लिए बेल लगाई थी जो रिजेक्ट हो गई।
बता दें कि उरैनी के प्रभात कुमार तिवारी, तत्कालीन लेखपाल अजीत कुमार सिंह व अन्य ने 2 अक्टूबर 2004 देव भूषण तिवारी के रजिस्टर्ड वारिस सत्य रंजन तिवारी के साथ मनोरंजन तिवारी का नाम लिख दिया था, जबकि सत्य रंजन तिवारी का नाम 2 अक्टूबर 1997 को ही हो गया था। वहीं मनोरंजन तिवारी की मृत्यु सन 1968 में हो चुकी थी।
जिस पर मुकदमा वादी प्रमोद कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक उपजिलाधिकारी रसड़ा को आवेदन देकर जांच कराने की मांग की थी। जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर रसड़ा कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपी प्रभात कुमार तिवारी व अन्य के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
इस मामले में अजीत कुमार सिंह अदालत हाजिर नहीं हुए थे। आरोपी कानूनगो अजीत सिंह ने सीजेएम प्रथम की अदालत में कल यानी गुरुवार को सरेंडर किया और जमानत देने का प्रार्थना पत्र दिया जिसे खारिज करते हुए सीजेएम प्रथम ने आरोपी कानूनगो को जेल भेज दिया। अब आरोपी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया है। दिलचस्प बात यह है कि आरोपी कानूनगो को उसके अपराध कारित वाले घटना स्थल गांव उरैनी के ही सर्किल नगरा का प्रभार तहसील प्रशासन ने दे रखा है।
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