बलिया के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। अस्पताल में स्टाफ की कमी है, मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। आपातकालीन कक्ष के एक वार्ड में ताला लगा दिया गया है। जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
अस्पताल की आठ स्टाफ नर्सों को अन्य जनपदों में भेज दिया गया है लेकिन उनकी जगह नई नर्सेस की तैनाती नहीं हुई। जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं। स्टाफ नर्स की कमी को लेकर शासन को पत्र लिखा गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि स्थानांतरण आदेश में बिना रिलीवर आए ही तत्काल प्रभाव से नर्सों को कार्य मुक्त करने के निर्देश दे दिए गए।
इस पर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डा. आरडी राम ने स्थानांतरित स्टाफ नर्सों और सीएमएस कार्यालय के तीन बाबू ओम नारायण तिवारी, आफताब अहमद, चंदन कुमार को कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्टाफ की कमी होने से आपातकालीन कक्ष के वार्ड में ताला लगा दिया है। मरीजों को मेडिकल और अन्य वार्ड में भर्ती किया जा रहा है।
प्रभारी सीएमएस के मुताबिक अभी रिलीवर के तौर पर सीएमएस कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर अखिलेश श्रीवास्तव, फिजिशियन पंकज कुमार की तैनाती हुई है, जिन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शासन को स्टाफ की कमी से अवगत कराया गया है। स्टाफ की तैनाती होते ही व्यवस्थाएं सामान्य होने लगेंगी।
बता दें कि जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने 14 जून को जिला अश्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान काफी कमियां मिली। जिन पर डीएम ने नाराजगी जताई और सीएमओ और सीएमएस को सुधार के निर्देश दिए थे। इसके अलावा बेड बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन अभी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते मौजूदा बेड्स पर भी मरीजों को ठीक से उपचार नहीं मिल पा रहा है।
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