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बलिया के श्याम यादव को UAE ने दिया गोल्डन वीज़ा, ऐसी है संघर्ष से सफलता तक की कहानी

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नई दिल्ली डेस्क : रिलायंस गल्फ (Reliance Gulf) अबू धाबी के चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर (CEO&MD) श्याम नारायण यादव को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने गोल्डन वीजा (Golden Visa ) से नवाजा है जो बलियावासियों के लिए एक गर्व की बात है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का गोल्डन वीजा हाल के ही दिनों में सोनू निगम, संजय दत्त, अभिनेत्री उर्वशी राउतेला और गायिका नेहा कक्कड़ जैसे सेलिब्रिटिज को मिला है। जिसके बाद अब इस कटेगरी  में बलिया के लाल श्याम नारायण यादव का नाम भी शामिल हो गया है। श्याम नारायण यादव यूएई में रिलायंस गल्फ जनरल कॉन्ट्रेक्टिंग नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं। रिलायंस गल्फ कंपनी उद्दोग और इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी क्षेत्र में यूएई और ओमान में काम करती है।

कौन हैं श्याम नारायण यादव :

श्याम नारायण यादव साल 2000 में 16 फरवरी को यूएई पहुंचे। यूएई में उन्होंने लगातार बारह साल यानी 2011 तक बहुराष्ट्रीय जर्मन कंपनी में निचले स्तर से लेकर उच्च स्थान तक काम किया। 2011 में उन्होंने अपने कंपनी की शुरूआत की। जिसका नाम रखा रिलायंस गल्फ (मतलब भरोसा, निर्भरता, उम्मीद, आत्मविश्वास)। पिछले दस सालों से लगातार रिलायंस गल्फ कंपनी कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में अलग-अलग तरह के काम कर रही है। रिलायंस गल्फ कंपनी गैस सेप्रेशन और प्रोसेसिंग, एलएनजी प्लांट्स, पेट्रोकेमिकल्स, पावर प्लांट्स का काम करती आ रही है।

रिलायंस गल्फ की इस सफलता के पीछे श्याम नारायण यादव की मेहनत है। आज से 21 साल पहले श्याम नारायण यादव अपने गांव से संयुक्त अरब अमीरात अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए नौकरी करने गए थे। उन्होंने कहा कि “सपने में भी नहीं सोचा था मैं इतने लोगों की जरूरतों को पूरा कर पाउंगा। आज यह सब मुझे और मेरे टीम को गौरवान्वित करता है कि मैं अपने साथ-साथ कुछ लोगों के रोजी-रोटी का जरिया बना। श्याम नारायण यादव का बलिया के बेल्थरा रोड तहसील के चंदायर कलां मे यूनीक पैलेस है जिसे लोग श्याम पैलेस के नाम से जानते है।

श्याम नारायण यादव तीन बच्चों के पिता हैं। इनका बड़ा बेटा ब्रिटेन यूके के साउथैंपटन यूनिवर्सिटी (University of Southampton) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है। इसके साथ-साथ क्रिकेट भी खेलता है। हाल ही में उसे साउथैंपटन यूनिवर्सिटी की मुख्य टीम में प्रवेश मिला है। जबकि बाकि दो बेटे उनके साथ ही अबू धाबी में पढ़ाई के साथ-साथ अबू धाबी क्रिकेट क्लब से खेलते हैं।

जाहिर है श्याम नारायण यादव ने यह सफर काफी मेहनत-मशक्कत से तय किया है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से निकलकर ग्यारह साल बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करना और फिर उसी यूएई में अपनी कंपनी शुरू करने तक की यात्रा श्याम नारायण यादव के लिए आसान नहीं रही है।

क्यों है गोल्डन वीज़ा खास

गोल्डन वीज़ा किसी भी देश के आम वीज़ा से अलग और खास है। यह वीज़ा हर व्यक्ति को नहीं मिलता है। अक्सर किसी फिल्मी सितारे को गोल्डन वीज़ा मिलने की खबर आती है। हाल के ही दिनों में यूएई की गोल्डन वीज़ा अभिनेत्री उर्वशी राउतेला को मिला हुआ है। मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ और उनके पति रोहनप्रीत सिंह को भी यह गोल्डन वीज़ा मिली थी।

श्याम नारायण यादव यूएई में रहने वाले एक निवेशक हैं जिनको अबु धाबी फेडरल अथॉरिटी ऑफ आइडेंटिटी एंड सिटीजेन विभाग ने 10 साल का स्पेशल निवेशक वीज़ा दिया। जिसके मिलने से इनको सेल्फ स्पॉन्सरशिप ऑथराइजेशन मिल गया। अब बगैर किसी रुकावट के खुद के लिए और फैमिली के लिए वीज़ा और एडिशनल मैनेजर अपॉइंटमेंट कर सकते हैं।

इस उपलब्धि पर बात करते हुए श्याम नारायण यादव ने कहा कि “मैंने अपने जीवन में कुछ किया ऐसा पता नहीं लेकिन इतना है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। मैंने मेरी जरूरतों के लिए मेहनत और ईमानदारी से परिणाम की अपेक्षा के बगैर काम किया। मुझे आजतक जो भी मिला है मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। ऊपर वाले की दुआ से बच्चे भी हमारे प्रयास में शामिल हैं और उम्मीद है कुछ बेहतर करेगे।”

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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